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    Free Laptop Yojana: 12वी पास छात्रों को मिलेगा फ्री लैपटॉप के लिए 25000 रुपए सीधे बैंक खाते में, आवेदन करें

    Free Laptop Yojana: भारत की सरकार छात्रों को आगे बढ़ने और करियर अच्छा बनाने के लिए जितना मदद हो सके करती है। उसी प्रकार अगर आप 12वी कक्षा पास कर चुके हैं और आर्थिक तंगी के कारन लैपटॉप नहीं खरीद पा रहें हैं तो चिंता की जरूरत नहीं है अब सरकार आपकी मदद करेगी। मध्य प्रदेश सरकार ने 12वीं कक्षा में अच्छे अंक लाने वाले होनहार छात्रों को आगे की पढ़ाई पूरा करने के लिए लैपटॉप खरीदने के लिए 25,000 रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है।

    आपको बता दें की यह योजना फ़िलहाल मध्य प्रदेश के छात्रों के लिए है। इस योजना का नाम है MP Free Laptop Yojana 2025। आपको बता दें की इस योजना का मकसद आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ना और उनकी पढ़ाई को आसान बनाना है। आज के इस डिजिटल युग में स्टूडेंट्स के लिए लैपटॉप जरुरी हो चूका है। चाहे ऑनलाइन क्लास करना हो, कॉलेज का प्रोजेक्ट बनाना हो या फिर किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी हो सब के लिए लैपटॉप जरुरी है।

    फ्री लैपटॉप योजना के उद्देश्य क्या है

    मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ले गए इस फ्री लैपटॉप योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को डिजिटल साधनों से जोड़ना है। मध्य प्रदेश के जितने भी छात्र जो आगे की पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं लेकिन आर्थिक तंगी का कारण लैपटॉप ना करें खरीद सकते हैं उनका आर्थिक मदद करना है। लैपटॉप की वजह से गरीब बच्चों को तकनीकी सहायता मिलेगी। मुफ्त लैपटॉप योजना के कारण सभी वर्ग के छात्रों को बराबरी में पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा।

    इस योजना के लिए पात्र छात्र

    चलिए अब जानते हैं कि कौन-कौन स्टूडेंट इस फ्री लैपटॉप योजना में आवेदन कर सकते हैं। सबसे पहले छात्र मध्य प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए। आवेदन कर रहा छात्र मध्य प्रदेश के बोर्ड से 12वीं कक्षा पास होना चाहिए। अगर स्टूडेंट सामान्य वर्ग का है तो कम से कम 85% अंक होना अनिवार्य है। वहीं पर जितने भी एससी / एसटी या अन्य आरक्षित वर्ग के छात्र हैं उनका कम से कम 75% अंक लाना होगा तभी जाकर आपको इस योजना का लाभ मिलेगा। आवेदन कर रहे छात्र की परिवार की सालाना आए ₹6 लख रुपए से कम होनी चाहिए वरना आपका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।

    महत्वपूर्ण दस्तावेज

    आवेदन करने के लिए आपके पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज का होना जरुरी है, अगर इनमें से कोई नहीं है तो जल्द से जल्द बनवा लें:

    • आवेदक का आधार कार्ड
    • बैंक खाता नंबर
    • 12वीं पास करने की मार्कशीट
    • जाति प्रमाण पत्र
    • निवास प्रमाण पत्र
    • रीसेंट पासपोर्ट साइज फोटो।

    योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया

    स्टूडेंट इस मध्य प्रदेश फ्री लैपटॉप योजना के लिए आवेदन कैसे करेंगे, नीचे दिए गए सारे निम्नलिखित चरणों को ध्यानपूर्वक फॉलो करें। सबसे पहले आपको इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है। होम पेज पर आपको एलिजिबिलिटी यानी की अपना पात्रता जांचना होगा। जचने के लिए आपको अपना 12वी बोर्ड का रोल नंबर डालना है और आप अपना एलिजिबिलिटी चेक कर सकते हैं। चेक करने के बाद वहीं पर आपको आवेदन करने का फॉर्म मिलेगा उस पर क्लिक करके ध्यान पूर्वक आवेदन पत्र को भरें।

    भरने के बाद जो भी महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगा जाएंगे, उसको भी ध्यानपूर्वक अपलोड करें। अपलोड करने के बाद आवेदन पत्र को सबमिट कर दें और आवेदन का प्रिंट आउट निकालना ना भूले भविष्य में बहुत काम आएगा। आवेदन की स्थिति चेक करने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल करना होगा।

    लैपटॉप के लिए पैसे कैसे आएंगे

    चलिए काफी स्टूडेंट को यह समस्या होगा कि पैसा कैसे आएंगे तो उसकी प्रक्रिया भी आपको बता देते हैं। मध्य प्रदेश सरकार जितने भी चयनित छात्र होंगे उनके बैंक खाते में ₹25000 डालने वाली है। यह पैसा डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर यानी कि DBT के माध्यम से जाएगा। छात्र पैसा आने के बाद अपने अनुसार लेपटॉप खरीद सकते हैं। राशि देने के अलावा मध्य प्रदेश सरकार छात्रों को सम्मान पत्र यानी कि सर्टिफिकेट भी देगी।

  • UP BED Admit Card 2025 OUT: यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा एडमिट कार्ड जारी, यहाँ से डायरेक्ट डाउनलोड करें

    UP BED Admit Card 2025 OUT: यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा एडमिट कार्ड जारी, यहाँ से डायरेक्ट डाउनलोड करें

    UP BED Admit Card 2025 OUT: जितने भी छात्र उत्तर प्रदेश बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन किये थें उनके लिए महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है जरूर पढ़ें। उत्तर प्रदेश में बी.एड (B.Ed) कोर्स में एडमिशन के लिए हर साल लाखों युवक संयुक्त प्रवेश परीक्षा (Joint Entrance Exam) में शामिल होतें हैं। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए इस बार बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी (BU Jhansi) को इस परीक्षा को आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

    अगर आपने भी इस परीक्षा के लिए फॉर्म भरा था, तो आपके लिए एक जरूरी सूचना है – यूपी बी.एड प्रवेश परीक्षा 2025 का एडमिट कार्ड (Admit Card) अब जारी हो चूका है। आप इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना अपना एडमिट कार्ड को डाउनलोड कर सकतें हैं।

    बीएड प्रवेश परीक्षा कब होगा

    जारी किये गए आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार यूपी बी.एड प्रवेश परीक्षा 1 जून 2025 को पूरे उत्तर प्रदेश राज्य में आयोजित किया जाएगा। बीएड की इस प्रवेश परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में परीक्षा की केंद्र बनाई गई है। निचे हमने आपको विस्तारपूर्वक समझाया है की आप कैसे अपना अपना एडमिट कार्ड को चेक कर सकतें हैं और डाउनलोड कर सकतें हैं।

    यूपी बीएड एडमिट कार्ड डाउनलोड करने की प्रक्रिया

    उत्तर प्रदेश बीएड का प्रवेश परीक्षा 2025 का एडमिट कार्ड जारी हो चूका है जितने भी उम्मीदवार आवेदन किये थें वह जल्द से जल्द एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकतें हैं, डाउनलोड करने का प्रक्रिया निचे स्टेप बाई स्टेप बताया गया है:

    • एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए आपको सबसे पहले इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ। Official Website
    • ऊपर आपको आधिकारिक वेबसाइट का लिंक दिख रहा है उस पर क्लिक करें।
    • क्लिक करते हैं आप सीधे इसके ऑफिसियल वेबसाइट पर आ जाएंगे।
    • जहां पर आपको अपना यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर लॉगिन करना है।
    • लॉगिन करते हैं आपके सामने आपका एडमिट कार्ड ओपन हो जाएगा।
    • अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि एडमिट कार्ड पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारी को जरूर चेक करें।
    • उसको डाउनलोड करके उसका प्रिंट आउट निकालना ना भूले भविष्य में काम आएगा।
    • परीक्षा वाले दिन आपको एडमिट कार्ड लेकर जाना है।
  • Retirement Age Good News: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने का बड़ा फैसला

    Retirement Age Good News: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने का बड़ा फैसला

    Retirement Age Good News: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के द्वारा मांगे जाने वाले रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने वाले मामले पर नया अपडेट आया है। आपको बता दें की कई राज्यों के सरकारी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक, प्रोफेसर, लेक्चरर, और चिकित्सक (Doctors) लंबे समय से उनका यही माँग है की उनके रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 65 साल कर दी जाए। अभी वर्तमान की बात करें तो ज्यादातर कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 या 62 साल है। अब इसमें बदलाव करने की बातें चल रही हैं। इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं की क्या है पूरा मामला, क्यों मांग हो रही है रिटायरमेंट उम्र की और इसपर क्या करवाई हो रही है जानने के लिए अंतिम तक बने रहें।

    रिटायरमेंट ऐज को 60 से 65 करने की मांग

    चलिए अब आपको बताते हैं कि शिक्षक क्यों इस उम्र की मांग कर रहे हैं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिक्षक संगठनों ने सरकार को पत्र लिखा जिसमें साफ-साफ कहा गया कि जैसे उच्च शिक्षा विभाग (कॉलेज या यूनिवर्सिटी) में प्रोफेसर, लेक्चर, शिक्षक या अन्य कर्मचारी 65 साल तक काम करते हैं। वैसे ही स्कूल के शिक्षकों को भी 65 साल तक काम करने का मौका दिया जाए। आपको बता दें कि भारत के अलग-अलग राज्यों से यह मांग उठ रही है।

    वहीं पर मध्य प्रदेश में या मांग सबसे ज्यादा चरम पर है। मध्य प्रदेश में लगभग चार लाख से ज्यादा सरकारी स्कूल शिक्षक हैं जिनको यह रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है और वह चाहतें हैं की अब उनका रिटायरमेंट उम्र 65 साल तक हो जाए। काफी सारे शिक्षकों का कहना है कि वह अभी शारीरिक और मानसिक रूप से फिट है। उनका अनुभव बच्चों और शिक्षा विभाग को बहुत काम आता है। अगर 3 साल और ज्यादा पढ़ने का मौका मिले तो छात्रों को और शिक्षा विभाग को और ज्यादा लाभ देखने को मिल सकता है।

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    सरकार का इसपर क्या मानना है

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार शिक्षकों द्वारा मांगी गई इस माँग पर गंभीरता से विचार कर रही है। जल्द ही यह तय किया जा सकता है कि शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 62 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दी जाए। अगर ऐसे होता है तो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे राज्यों (जैसे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश) को राहत मिलेगी। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शिक्षकों का अनुभव छात्रों और नए शिक्षकों को लाभ देगा।

    दूसरे राज्यों का क्या हाल है

    सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के शिक्षक भी यही माँग कर रहे हैं कि रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई जाए। कई कर्मचारी संगठनों ने भी मांग की है कि सभी सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दी जाए।

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  • CBSE Compartment Exam 2025 Schedule Out: परीक्षा की तिथि घोषित, यहाँ देखें कब से होगा एग्जाम

    CBSE Compartment Exam 2025 Schedule Out: परीक्षा की तिथि घोषित, यहाँ देखें कब से होगा एग्जाम

    CBSE Compartment Exam 2025: जितने भी स्टूडेंट का सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 10वी 12वी में नंबर कम आए हैं या किसी विषय में फेल हुए हैं उनको चिंता की कोई जरुरत नहीं है, आपको दुबारा मौका दिया जा रहा है आप सीबीएसई द्वारा आयोजित कम्पार्टमेंट परीक्षा देकर अपना अपना नंबर को बढ़वा सकतें हैं अगर फेल हुए हैं तो पास होने का दूसरा मौका है। तो चलिए इस लेख में हम आपको बताएँगे की सीबीएसई कम्पार्टमेंट परीक्षा 2025 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कब से शुरू होगा, कौन कौन आवेदन कर सकता है और परीक्षा कब तक होगी विस्तारपूर्वक समझाया गया है इसलिए अंतिम तक बने रहें।

    CBSE Compartment Exam 2025 कब होगा

    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने घोषणा की है कि कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड की कंपार्टमेंट परीक्षाएं 16 जुलाई 2025 से शुरू होंगी। आपको बता दें की इस कम्पार्टमेंट परीक्षा का आयोजन उन छात्रों के लिए किया जाएगा जो मार्च 2025 में हुई मुख्य परीक्षा में एक या एक से अधिक विषयों में फेल हो गए थे। सीबीएसई कम्पार्टमेंट परीक्षा छात्रों को अपना शैक्षणिक वर्ष बचाने का एक और मौका देती है, ताकि वे आगे की पढ़ाई जारी रख सकें।

    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड CBSE ने कहा है कि “अगर कोई छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा पास कर लेता है, तो उसे पास सर्टिफिकेट मिल जाएगा और वह उच्च शिक्षा (कॉलेज, यूनिवर्सिटी आदि) या किसी प्रतियोगी परीक्षा में आवेदन करने के लिए पात्र हो जाएगा।”

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    CBSE Compartment Exam 2025 का टाइमटेबल

    सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं की कम्पार्टमेंट परीक्षाएं 16 जुलाई 2025 से शुरू कर दी जाएगी। हर विषय का विस्तृत टाइमटेबल (डेटशीट) जल्द ही CBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। एडमिट कार्ड (प्रवेश पत्र) जुलाई के पहले सप्ताह में उपलब्ध होंगे – सभी रेगुलर और प्राइवेट छात्रों के लिए। तमाम स्टूडेंट्स सीबीएसई के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकतें हैं।

    CBSE कम्पार्टमेंट परीक्षा 2025 पात्रत छात्र

    कक्षा 10 या 12 के वे छात्र जो मार्च 2025 की परीक्षा में एक विषय में फेल हो गए हैं, वे इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। प्राइवेट छात्र (जो स्कूल के ज़रिए नहीं बल्कि खुद से परीक्षा देते हैं) भी इसमें भाग ले सकते हैं। जो छात्र सिर्फ अपने नंबर सुधारने (Improvement) के लिए परीक्षा देना चाहते हैं, वे भी यदि नियमों को पूरा करते हैं तो आवेदन कर सकते हैं।

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    CBSE कम्पार्टमेंट परीक्षा 2025 की आवेदन प्रक्रिया

    सबसे पहले आपको बता दें की इसका रजिस्ट्रेशन 15 जून 2025 से 30 जून 2025 तक होने वाल है। इस परीक्षा में केवल रेगुलर छात्र ही कर सकतें हैं, उन्हें आवेदन अपने स्कूल के माध्यम से करवाना होगा। जितने भी प्राइवेट छात्र हैं वे CBSE की आधिकारिक वेबसाइट (www.cbse.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आपसे अनुरोध है की समय पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर लें क्युकी बोर्ड ने साफ तौर पर कहा है कि देरी से किया गया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा, सीबीएसई ने लेट फीस की कोई सुविधा नहीं दे है।

    महत्वपूर्ण तिथि

    परीक्षा शुरू होगी: 16 जुलाई 2025 से

    रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख: 30 जून 2025

    एडमिट कार्ड मिलेगा: जुलाई के पहले हफ्ते में

  • यूपी में 10000 संविदा शिक्षकों की जरूरत, विभाग ने जारी किया बड़ा अपडेट- UP Contract Teacher Appointment News

    यूपी में 10000 संविदा शिक्षकों की जरूरत, विभाग ने जारी किया बड़ा अपडेट- UP Contract Teacher Appointment News

    UP Contract Teacher Appointment News: उत्तर प्रदेश से शिक्षकों के लिए बड़ी खबर आ रही है। उत्तर प्रदेश के सरकारी ने (परिषदीय) प्राथमिक स्कूलों में नए स्थायी शिक्षकों की चयन को फिलहाल के लिए रोक दी है। उत्तर प्रदेश के जितने भी छात्र जो बीएड और डीएलएड किए हुए थें और काफी लंबे समय से शिक्षक न्युक्ति की विज्ञप्ति यानि की (Notification) का इंतजार कर रहे थे, अब उनको बहुत बड़ा झटका लग सकता है। शिक्षा विभाग का कहना है कि अभी स्कूलों में जितने शिक्षक हैं, वो काफी हैं, इसलिए नई भर्तियों की ज़रूरत नहीं है। क्या है ये पूरा मामला हमने आपको विस्तारपूर्वक इस आर्टिकल में लिखकर समझाया है तो अनुरोध है की अंत तक बने रहें।

    छात्रों और शिक्षकों का इसपर क्या राय है

    आपको बता दें की अभी उत्तर प्रदेश में 1 शिक्षक पर औसतन 29 छात्र हैं। अगर शिक्षामित्र और अनुदेशक भी जोड़ दिए जाएं, तो ये अनुपात 1 शिक्षक पर 22 छात्र का हो जाता है। “शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act)” के अनुसार: प्राथमिक स्कूल (1st से 5th) में: 30 छात्रों पर 1 शिक्षक होना चाहिए। उच्च प्राथमिक स्कूल (6th से 8th) में: 35 छात्रों पर 1 शिक्षक होना चाहिए। इस हिसाब से देखा जाए तो सरकार के मानकों के अनुसार फिलहाल शिक्षक पर्याप्त हैं।

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    यूपी राज्य में कुल कितने स्कूल और शिक्षक हैं

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी फ़िलहाल कुल 1,32,000 सरकारी स्कूल (प्राथमिक व उच्च प्राथमिक) चल रहे हैं। इनमें काम कर रहे हैं नियमित शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक की बात करें तो कुल 4,34,000 नियमित शिक्षक, 1,40,000 शिक्षामित्र, 25,000 अनुदेशक मौजूद हैं। विभाग के अनुसार अभी भी करीब 59,000 पद खाली हैं, लेकिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, इसलिए नई शिक्षकों के चयन की जरूरत नहीं समझी जा रही है। अगर जरूरत पढ़ी भी तो सरकार संविदा पर शिक्षकों को चयन कर लेगी।

    फ़िलहाल के लिए संविदा शिक्षकों की होगी चयन

    जैसे की अभी तक आपको पता चल ही गया होगा की उत्तर प्रदेश की सरकार का ध्यान अभी स्थायी नहीं बल्कि अस्थायी यानी की संविदा शिक्षकों की चयन प्रक्रिया पर है। प्रदेश के 87,000 से ज्यादा बालवाटिकाओं (Pre-Primary Class – 3 से 6 साल के बच्चों के लिए) में इस साल करीब 10,000 संविदा शिक्षक (जिन्हें ECCE Educator कहा जाएगा) नियुक्त किए जाएंगे। ये शिक्षक अस्थायी होंगे, यानी उन्हें स्थायी नौकरी या सरकारी वेतन नहीं मिलेगा।

    इस संविदा शिक्षक के लिए साइंस (विज्ञान) विषय से स्नातक (Graduate) महिला और पुरुष आवेदन कर सकते हैं। आपको बता दें की यह चयन प्रकिया “सेवायोजन पोर्टल” के जरिए की जा रही है।

    इसे भी पढ़ें:- खुशखबरी! यूपी में होगी लगभग 2 लाख शिक्षकों की भर्ती , नवंबर से शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया पढ़ें ताजी अपडेट

    इस नया अपडेट का असर बीएड/डीएलएड छात्रों पर पड़ेगा?

    इसका उत्तर है बिलकुल हां, क्योंकि जो लोग बीएड और डीएलएड करके सरकारी शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे, उनके लिए अभी कोई नई स्थायी न्युक्ति नहीं निकलेगी। सरकार का रुख अब कम खर्च वाली संविदा भर्तियों की ओर बढ़ रहा है। इसपर आपका क्या विचार है कृपया हमें कमेंट कर के बताएं।

  • UP Contract Employees Salary Hike: यूपी के 8 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, जाने पूरी रिपोर्ट

    UP Contract Employees Salary Hike: यूपी के 8 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, जाने पूरी रिपोर्ट

    UP Contract Employees Salary Hike: महत्वपूर्ण अपडेट सामने आ रही है उत्तर प्रदेश की तरफ से, यूपी के जितने भी संविदा कर्मचारी हैं उनको यह अपडेट अवश्य पढ़ना चाहिए। यूपी में अलग-अलग सरकारी विभागों में काम कर रहे 8 लाख से ज्यादा आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों के लिए एक बहुत अच्छी खबर आई है। अब इन कर्मचारियों की स्थिति सुधारने और उन्हें बेहतर सुविधा देने के लिए “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UP Outsourcing Services Corporation) का गठन किया गया है।

    अब जानतें हैं की यह निगम क्या है और इस निगम के होने से क्या क्या फायदा होगा ? आपको बता दें की अब तक जितने भी कर्मचारी काम कर रहें हैं वह सब से सब अलग-अलग प्राइवेट एजेंसियों के जरिए भर्ती किए जाते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भर्ती करने के बाद एजेंसियां उनके वेतन से कटौती करती थीं और कई बार उनका शोषण भी करती थीं। लेकिन अब सरकार ने तय किया है कि इन कर्मचारियों को एक सरकारी निगम के जरिए भर्ती और वेतन दिया जाएगा। क्या है पूरा मामला, चलिए जानतें हैं इस लेख के माध्यम से तो अंतिम तक बने रहिएगा।

    कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये महीना

    नई व्यवस्था के अनुसार जितने भी संविदा कर्मचारी अब भर्ती होंगे, अब हर आउटसोर्स कर्मचारी को कम से कम ₹18,000 प्रति माह वेतन मिलेगा ही मिलेगा। आपको बता दें की यह वेतन सरकार द्वारा तय किया गया है, ताकि कोई कर्मचारी इससे कम वेतन न पाए। हालांकि अभी यह वेतन एजेंसी के माध्यम से ही दिया जाएगा, लेकिन कर्मचारी चाहते हैं कि वेतन सीधे निगम के माध्यम से मिले, जिससे एजेंसियों की मनमानी खत्म हो। सरकार के इस बड़े कदम से एजेंसियों को काफी नुकसान देखने को मिलेगा लेकिन कर्मचारियों को इससे काफी फायदा है।

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    संविदा कर्मचारियों की क्या मांगें हैं

    आउटसोर्स संविदा कर्मचारी संगठनों ने सरकार से कुछ महत्वपूर्ण मांगें की हैं जैसे की: वेतन भुगतान की जिम्मेदारी एजेंसी की न होकर निगम की होनी चाहिए। क्योंकि निगम का मकसद ही एजेंसियों के शोषण से छुटकारा दिलाना है, इसलिए अगर वेतन फिर से एजेंसी से ही मिलेगा तो इसका फायदा अधूरा रह जाएगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और महामंत्री अरुणा शुक्ला ने इस मुद्दे को सरकार के सामने रखा है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने भरोसा दिलाया है कि इस पर विचार किया जाएगा।

    निगम द्वारा मिलने वाली कुछ अन्य सुविधाएं

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम द्वारा नई व्यवस्था लागू होने के बाद संविदा कर्मचारियों को केवल वेतन ही नहीं बल्कि और भी कई सरकारी सुविधाएं भी दी जाएँगी जैसे की मेडिकल लीव (बीमारी की छुट्टी), आकस्मिक अवकाश (Casual Leave), मैटरनिटी लीव (महिला कर्मचारियों के लिए प्रसूति अवकाश), न्यूनतम पेंशन ₹1000 से ₹7000 तक, स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता, मेरिट के आधार पर भर्ती (योग्यता के अनुसार चयन), नया चयन केवल निगम के माध्यम से ही किया जाएगा ये सब सुविधाएं एक आउटसोर्स संविदा कर्मचारी को दी जाएगी जो की पहले नहीं दी जाती थी।

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    कब से लागू किया जाएगा यह नया सिस्टम

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UP Outsourcing Services Corporation) पूरी तरह से तैयार हो चुका है। अब इसे कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। उम्मीद है कि अगली कैबिनेट मीटिंग में इसे पास कर दिया जाएगा। मंजूरी के बाद यह निगम लागू हो जाएगा और सभी नए नियम और सुविधाएं उसी दिन से शुरू कर दी जाएंगी।

  • OLD Pension Scheme: संविदा कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन, कोर्ट का बड़ा फैसला कर्मचारियों को मिली राहत

    OLD Pension Scheme: संविदा कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन, कोर्ट का बड़ा फैसला कर्मचारियों को मिली राहत

    OLD Pension Scheme: ओल्ड पेंशन स्कीम मामला में आया बड़ा मोड़। संविदा (Contract) पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक बड़ी खुशखबरी दी है। काफी दिनों से है कोर्ट में ओल्ड पेंशन स्कीम का मामला चल रहा था, आखिर कार कोर्ट ने अपने फैसले दे दिया और कहा है कि जो संविदा कर्मचारी देरी से नियमित (पक्के) किए गए हैं, उन्हें भी पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) का लाभ मिलना चाहिए।

    इतना ही नहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि अगर कर्मचारियों को पक्का करने में देरी हुई, तो इसमें कर्मचारियों की कोई गलती नहीं है। इसलिए उन्हें पुरानी पेंशन योजना से वंचित नहीं किया जा सकता। चाहिए इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे की क्या है पूरा मामला, इसलिए आपसे अनुरोध है की आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें।

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    OLD Pension Scheme क्या है पूरा मामला

    कुछ कर्मचारी, जो पहले संविदा पर काम कर रहे थे, उन्होंने कोर्ट में याचिका लगाई थी। उनका कहना था कि उन्होंने 1987 से काम शुरू किया था और 1995 में अस्थायी रूप से सरकारी आदेश पर नियुक्त भी कर दिए गए थे। लेकिन सरकार ने उन्हें 2008 में जाकर नियमित (स्थायी) किया। सरकार ने इन कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (जो 1 अप्रैल 2005 के बाद लागू हुई) के तहत रखा। लेकिन कर्मचारियों का कहना था कि उनका मौलिक यानी पहली नियुक्ति 2005 से पहले हुई थी, इसलिए उन्हें पुरानी पेंशन योजना मिलनी चाहिए।

    हाई कोर्ट ने क्या फैसला दिया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और प्रवीण कुमार गिरी की बेंच ने यह फैसला दिया गया था। हाई कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी अगर 2005 से पहले पेंशन के योग्य हो चुके थे, तो उन्हें सिर्फ इसलिए पुरानी पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि सरकार ने उन्हें पक्का करने में देर कर दी। कोर्ट ने सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि 2005 के बाद नियमित हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं दी जाएगी।

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    किन कर्मचारियों को मिलेगा ओल्ड पेंशन का फायदा

    आपको बता दें की ओल्ड पेंशन स्कीम का यह मामला प्रयागराज नगर निगम में तैनात कुछ अवर अभियंताओं (Junior Engineers) से जुड़ा था: चंद्र कुमार यादव, विनय कुमार सक्सेना, कृष्ण मोहन माथुर, सुरेश चंद्र लवड़िया। इन सभी को पहले संविदा पर नियुक्त किया गया था और बाद में उन्हें अस्थायी नियुक्ति मिली। लेकिन इन्हें पक्का करने में सरकार ने देर की और फिर इन्हें नई पेंशन योजना में डाल दिया। कोर्ट ने इन कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया और कहा कि इन्हें नियुक्ति की मूल तारीख से ही पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए।

  • UP Teacher Appointment Suspended News: यूपी में 69000 शिक्षकों की नौकरी खतरे में! शिक्षा विभाग का आदेश

    UP Teacher Appointment Suspended News: यूपी में 69000 शिक्षकों की नौकरी खतरे में! शिक्षा विभाग का आदेश

    UP Teacher Appointment Suspended News: उत्तर प्रदेश के शिक्षकों के लिए बुरी खबर सामने आ रही है। प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए साल 2018 में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती निकाली गई थी। इन शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के तहत हुई थी। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के तहत अब एक नई जानकारी सामने आई है – उन सभी शिक्षकों की नौकरी खत्म की जाएगी, जिनकी पढ़ाई (शैक्षणिक अर्हता) 22 दिसंबर 2018 तक पूरी नहीं हुई थी। क्या है पूरा मामला आइये जानतें हैं इस आर्टिकल में, अनुरोध है की अंत तक बने रहें।

    22 दिसंबर 2018 वो आखिरी तारीख थी, जब तक किसी भी अभ्यर्थी को अपनी पढ़ाई पूरी कर लेनी थी और उसके दस्तावेज़ (डिग्री, प्रमाणपत्र आदि) तैयार होने चाहिए थे।

    किन किन शिक्षकों की सेवा होगी समफ्त

    सभी टीचर को डरने की जरूरत नहीं है, अब जानतें हैं की कौन कौन से वो शिक्षक हैं जिनकी नौकरी समफ्त होने वाली है। प्राथमिक स्कूलों के ऐसे शिक्षक, जिनका BTC/DElEd कोर्स पूरा नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी उन्होंने आवेदन कर दिया था। कुछ अभ्यर्थियों के बैक पेपर (Back Paper) आए थे, यानी उनकी परीक्षा में कुछ विषय बाकी रह गए थे। इनको भी पद से निकाला जाएगा।

    इन अभ्यर्थियों के बैक पेपर का रिजल्ट बाद में आया, जब तक आवेदन की अंतिम तारीख निकल चुकी थी। इसका मतलब – उन्होंने उस समय पूरी योग्यता हासिल नहीं की थी, फिर भी नौकरी पा गए। अब विभाग इसे नियमों के खिलाफ मान रहा है।

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    यूपी सरकार ने क्या आदेश जारी किया है

    बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी ज़िलों के बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) को निर्देश दिया है कि ऐसे शिक्षकों से जवाब (स्पष्टीकरण) लिया जाए कि क्यों उन्होंने अधूरी योग्यता के साथ आवेदन किया। फिर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएं, यानी नौकरी से हटा दिया जाए। इसके साथ-साथ, जो अधिकारी, कर्मचारी या चयन समिति के सदस्य ऐसे अभ्यर्थियों को पास करवाने में शामिल थे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होने वाली है।

    शिक्षक की ये भर्ती कब और कैसे हुई थी

    आपको बता दे की शिक्षक की यह भर्ती तीन चरणों में हुई थी पहला अक्टूबर 2020 में 31277 पदों की काउंसलिंग हुई थी। दूसरा दिसंबर 2020 में 36590 पदों की काउंसलिंग की गई थी। इसके बाद भी कुछ पद बचे, तो फिर से काउंसलिंग हुई थी। लेकिन उसी दौरान पूरी प्रक्रिया में कुछ ऐसे शिक्षक भी चुने गए जिनकी पढ़ाई आवेदन की आखिरी तारीख तक पूरी नहीं थी।

    अब शिक्षकों के लिए क्या संकट खड़ा हुआ है। कई शिक्षक, जो पिछले 4-5 सालों से पढ़ा रहे हैं, अब अपनी नौकरी खो सकते हैं। शिक्षा विभाग का कहना है कि वो कोर्ट के आदेश और भर्ती नियमों का पालन कर रहा है। यह खबर उन हजारों शिक्षकों के लिए बहुत बड़ा झटका है, जो इतने सालों से सेवा दे रहे थे।

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    निष्कर्ष

    बुरी खबर आ रही है उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए जिनकी 22 दिसंबर 2018 तक शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं हुई थी लेकिन फिर भी वह टीचर के पद के लिए चयन कर लिए गए थें, अब उनकी नौकरी खतरे में है। उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। दोषी अधिकारियों और चयनकर्ताओं पर भी होगी कार्रवाई।

  • UP Student Scholarship Good News: छात्रों को अब साल में दो बार मिलेगा स्कालरशिप पूरा अपडेट यहाँ देखें

    UP Student Scholarship Good News: छात्रों को अब साल में दो बार मिलेगा स्कालरशिप पूरा अपडेट यहाँ देखें

    UP Student Scholarship Good News: उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट है। उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों की सुविधा के लिए स्कॉलरशिप योजना में कुछ बड़े बड़े बदलाव किए हैं। अब ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को पहले से बेहतर और आसान तरीके से स्कॉलरशिप मिलेगी।

    आपको बता दें की पहले छात्रों को पूरे साल की स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति (Reimbursement) एक बार में मिलती थी। यानी पूरे साल का पैसा एक साथ। इस प्रक्रिया में छात्रों को कई परेशानियाँ होती थीं। पैसा देर से मिलने के कारण कॉलेज की फीस भरने में दिक्कत आती थी। लेकिन अब ऐसे नहीं है नियम में अहम बदलाव हुए हैं क्या है बदलाव, कैसे कैसे फायदा मिलेगा पूरी जानकारी निचे दी गई है। अंत तक बने रहें।

    नियम में ये बदलाव क्यों हुआ है

    अब स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति हर सेमेस्टर के आधार पर दी जाएगी। मतलब, एक साल में दो बार – एक बार हर सेमेस्टर के बाद छात्र को स्कॉलरशिप और फीस की रकम मिलेगी।

    इस नियम को लागूं करने के बाद छात्रों को कुछ इस प्रकार फायदा मिलेगा। नए नियम के बाद अब छात्रों को समय पर पैसे मिलेंगे। कॉलेज की फीस जमा करने में आसानी होगी। पढ़ाई के दौरान आर्थिक बोझ कम होगा। छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ने से बचेंगे।

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    बदलाव किसने किया और नया नियम काम कैसे करेगा

    यह बदलाव उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मिलकर किया है। इनका मकसद है कि स्कॉलरशिप देने की प्रक्रिया पारदर्शी और सरल होना चाहिए, छात्रों को फायदा देने के वजय निकसान न देखना पड़े।

    अब जानतें हैं की ये नए नियम कैसे काम करेंगे? अब छात्रों को हर सेमेस्टर में स्कॉलरशिप दी जाएगी। छात्रों को साल में दो बार फीस की प्रतिपूर्ति भी मिलेगी। इससे छात्रों को पढ़ाई के बीच में फाइनेंशियल तनाव नहीं होगा। पहले पोर्टल सिर्फ कुछ महीने ही खुलता था, लेकिन नया नियम के बाद स्कॉलरशिप पोर्टल साल भर खुला रहेगा। ऑफिशल वेबसाइट सालों भर खुला रहने के कारण अगर कोई छात्र किसी कारणवश स्कॉलरशिप में आवेदन नहीं कर पाया तो वह बाद में भी आवेदन कर सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने या फैसला छात्र के हित के लिए किया है।

    हाजिरी (Attendance) का भी नया तरीका

    अब छात्र की उपस्थिति यानी हाजिरी की जांच फेस रिकग्निशन (चेहरे की पहचान) से होगी। इसका मतलब है कि छात्र को कॉलेज में हाजिरी के समय अपना चेहरा दिखाना होगा। उसी से यह तय होगा कि वह छात्र कॉलेज में आया है या नहीं।

    छात्र की जानकारी अब तकनीकी तरीके से जाँची जाएगी। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा और सच्चे छात्रों को ही स्कॉलरशिप मिलेगी। छात्रों की मदद के लिए बनी कमेटी, सरकार ने एक विशेष कमेटी बनाई है। यह कमेटी छात्रों से जुड़ी समस्याओं को समझेगी और उनका समाधान बताएगी।

    नए कमेटी का काम होगा: छात्रों की समस्याएं सुनना, स्कॉलरशिप प्रक्रिया को आसान बनाना, समय पर पैसे दिलाना, मोबाइल ऐप से कर सकेंगे आवेदन, अब छात्र स्कॉलरशिप के लिए मोबाइल ऐप से भी आवेदन कर सकेंगे। इससे उन्हें साइबर कैफे या लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी।

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    UP Outsourcing Good News: यूपी संविदा कर्मियों को बड़ी सौगात, अब 20 हजार सैलरी के साथ पेंशन भी

    UP Outsourcing Good News: यूपी आउटसोर्सिंग को लेकर बड़ी खबर आई है। उत्तर प्रदेश में काम कर रहे लाखों आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। यूपी सरकार अब इन कर्मचारियों की भलाई और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक नई योजना लेकर आ रही है। इस योजना का नाम है – उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम।

    यह निगम खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए बनाया जा रहा है जो संविदा या ठेके पर एजेंसियों के ज़रिए विभिन्न सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि इन कर्मचारियों को भी वे सभी सुविधाएं मिलें जो किसी स्थायी सरकारी कर्मचारी को मिलती हैं, जैसे – पेंशन, मेडिकल सुविधा, बीमा, और निश्चित वेतन। क्या है पूरा मामला आइये जानतें हैं आर्टिकल की मदद से, बस आपको इसके साथ अंत तक बने रहना है।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम क्या है

    यह एक सरकारी निकाय (संस्था) होगा जो राज्य में आउटसोर्सिंग के ज़रिए काम करने वाले कर्मचारियों का प्रबंधन करेगा। इस निगम के गठन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अब इसे लागू करने के अंतिम चरण में भेजा जा रहा है।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम मुख्य उद्देश्य कुछ इस प्रकार है। उत्तर प्रदेश के तमाम आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन दिलाना। सभी कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा, बीमा, अवकाश, और पेंशन देना। सभी कर्मचारियों का शोषण रोकना और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देना। सरकार का यह फैसला संविदा कर्मचारियों के हित के लिए है।

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    संविदा कर्मचारियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी

    सरकार ने निगम के ज़रिए कर्मचारियों को निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएं देने की योजना बनाई है:

    1. न्यूनतम वेतन ₹20,000 या उससे अधिक: अब आउटसोर्सिंग के ज़रिए नियुक्त कर्मचारियों को कम से कम ₹20,000 प्रति माह वेतन मिलेगा। अगर किसी पद पर स्थायी कर्मचारी को ज़्यादा वेतन मिलता है, तो आउटसोर्स कर्मी को भी उस पद के मुताबिक वेतन दिया जाएगा।

    2. पेंशन योजना: नौकरी के बाद आर्थिक सुरक्षा के लिए कर्मचारियों को पेंशन देने की योजना है। कर्मचारी को 60 साल की उम्र तक नौकरी करने की अनुमति होगी। रिटायरमेंट के बाद हर महीने ₹1000 से लेकर ₹7000 तक पेंशन दी जाएगी।

    3. बीमा और चिकित्सा सुविधा: दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य बीमा की सुविधा। यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को ₹30 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए कर्मचारी को अलग से कोई बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा।

    4. अवकाश की सुविधा: हर साल 12 आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) और 10 चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) मिलेंगे।

    5. EPF और ESI का लाभ: कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए EPF (Provident Fund) और ESI (Employee State Insurance) का प्रावधान किया गया है।

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    कर्मचारियों को वेतन किसके माध्यम से मिलेगा

    शुरुआती प्रस्ताव में यह बात रखी गई थी कि वेतन निगम द्वारा सीधे कर्मचारियों को दिया जाएगा। लेकिन अब वित्त, कार्मिक और न्याय विभाग ने सुझाव दिया है कि मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखा जाए। यानी वेतन एजेंसियों के माध्यम से ही मिलेगा, लेकिन निगम उस पर पूरी निगरानी रखेगा ताकि वेतन में किसी तरह की देरी या गड़बड़ी न हो। इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिया जाएगा।