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  • UP Pre Primary Contract Teacher News: कुल 19438 स्कूलों में होगी टीचरों की नियुक्ति, शिक्षा विभाग ने दे दी हरी झंडी

    UP Pre Primary Contract Teacher News: कुल 19438 स्कूलों में होगी टीचरों की नियुक्ति, शिक्षा विभाग ने दे दी हरी झंडी

    UP Pre Primary Contract Teacher News: उत्तर प्रदेश में प्राइमरी टीचर बनने का सपना रखने वालों के लिए सुनहरा मौका है। मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है की उत्तर प्रदेश सरकार का मकसद 3 से 6 साल के बच्चों को बेहतर प्रारंभिक शिक्षा देना है। इसी को मद्दे नजर रखते हुए प्रदेश की लघभग 19484 आंगनबाड़ी केंद्रों में “बाल वाटिका” (Pre-Primary School) की पढ़ाई शुरू की जा रही है। इस मामले को हमने विस्तारपूवर्क निचे समझाया है, इसलिए ध्यान से अंत तक पढ़ें।

    कुल कितने पदों पर नियुक्ति होने वाली है

    देखिये ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश में प्री प्राइमरी स्कूलों में संविदा ईसीसीई एजुकेटर के लिए कुल 19484 एजुकेटर की तैनाती होने वाली है। आपको बता दें की पहला चरण में लगभग 10000 एजुकेटर की नियुक्ति होगी और फिर दूसरा चरण में लघभग 8800+ एजुकेटर की नियुक्ति होने की योजना है। इस प्री प्राइमरी स्कूलों में संविदा ईसीसीई एजुकेटर नियुक्ति के लिए शिक्षा मंत्रालय ने मंजूरी भी दे दी है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने लघभग 113 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत भी किया गया है।

    उत्तर प्रदेश के कुल 19484 आंगनबाड़ी केंद्रों में अब प्री-प्राइमरी (बाल वाटिका) की पढ़ाई होगी। यह पढ़ाई 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए होगी। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संविदा (Contract) पर 11 महीने के लिए एजुकेटर नियुक्त किए जाएंगे। सैलरी की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संविदा शिक्षकों को हर महीने ₹10,313 मानदेय मिलेगा।

    संविदा एजुकेटर का कार्य क्या क्या होगा

    अगर आप इस संविदा एजुकेटर पद के लिए चयन कर लिए जातें हैं तो आपके कुछ महत्वपूर्ण कार्ययों के बारे में यहाँ बताया गया है। आपको 3 से 6 साल के बच्चों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा देना। 5 से 6 वर्ष के बच्चों पर विशेष ध्यान देना (निपुण भारत मिशन के तहत)। अभिभावकों से मीटिंग कर बच्चों की प्रवृत्ति समझना। बच्चों की Child Profile तैयार करना (उनके विकास के संकेतों के आधार पर)। आंगनबाड़ी केंद्र को बाल वाटिका के रूप में विकसित करना।

    एजुकेटर की चयन प्रक्रिया कैसे होने वाली है

    एजुकेटर का चयन जिला अधिकारी (DM) की अध्यक्षता वाली 8 सदस्यीय समिति करेगी। समिति में ये लोग होंगे: जिला अधिकारी (DM), डायट प्राचार्य, बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA), जिला सेवायोजन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी और अन्य 3 सदस्य।

    प्री प्राइमरी संविदा ईसीसीई एजुकेटर की योग्यता

    बात करें की प्री प्राइमरी संविदा ईसीसीई एजुकेटर के लिए शैक्षिक योग्यता क्या क्या होने चाहिए तो निचे दिए गए योग्यता में से कोई भी एक होना जरूरी है: किसी भी मान्यता प्राफ्त संस्था या यूनिवर्सिटी से स्नातक (Graduation) – गृह विज्ञान विषय के साथ 50% अंकों के साथ। या फिर नर्सरी टीचर एजुकेशन (NTT) / CT Nursery का 2 साल का डिप्लोमा। या फिर कोई संपर्क योग्य डिग्री (ECE आदि)। इस नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों का आयु सीमा भी रखा गया है रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उम्मीदवारों का अधिकतम उम्र 40 वर्ष तक होना चाहिए।

  • Contract Teacher Restoration: इन जिलों के विद्यालय में संविदा पर होंगे शिक्षक बहाल, कई विषयों के लिए होगी भर्ती

    Contract Teacher Restoration: इन जिलों के विद्यालय में संविदा पर होंगे शिक्षक बहाल, कई विषयों के लिए होगी भर्ती

    Contract Teacher Restoration: बड़ी खबर सामने आ रही है शिक्षा विभाग की तरफ से, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ टीएमबीयू (भागलपुर विश्वविद्यालय) में शिक्षकों की नई बहाली और अन्य बड़े फैसले लिए गएँ। क्या है पूरा मामला कौन कौन से बड़े फैसले लिए गए हैं पूरी जानकारी विस्तारपूवर्क यहाँ देखें।

    बिहार राज्य के तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) में CBCS कोर्स के लिए अलग-अलग विषयों में संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। आपको बता दें की यह बहाली विश्वविद्यालय के स्तर पर होने वही है, यानि कॉलेज स्तर नहीं। रिपोर्ट के अनुसार संविदा शिक्षक वाला बड़ा फैसला राजभवन में हुई बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने की। इसके बारे में और भी जानकारी मौजुदी है आगे पढ़ें।

    बैठक में बड़े बड़े हस्ती मौजूद थें

    आपको बता दें की यह फैसला शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल, और प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति इस बैठक में शामिल हुए। इन सभी बड़े बड़े हस्तियों के अंतर्गत लिया गया है यह फैसला।

    फ़ैसला लेते हुए कुलाधिपति ने कहा कि 75% उपस्थिति कॉलेज और विभागों में अनिवार्य रूप से लागू हो। टीएमबीयू के कुलपति ने बताया कि यह नियम पीजी विभागों में लागू है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त क्लासेस ली जाती हैं। कॉलेज स्तर पर भी इस नियम को सख्ती से लागू करने की तैयारी होगी।

    बैठक में शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठा

    बैठक में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे भी उठाए गए जैसे की विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की संख्या कम होने की बात कही गई। मांग की गई कि पुराने अनुसार ही पदों की संख्या तय की जाए। शिक्षा विभाग ने समर्थ पोर्टल को पूरी तरह लागू करने का निर्देश दिया है। इसके लिए विश्वविद्यालय में IT सेल बनाए जाने की बात भी हुई।

    उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भेजने का निर्देश

    विश्वविद्यालय को सरकार से मिली राशि के खर्च का प्रमाण पत्र (Utilization Certificate) समय पर भेजने को कहा गया। यदि समय पर प्रमाणपत्र भेजे गए तो अन्य बजट मदों की राशि भी समय से मिलेगी। कन्या उत्थान योजना के तहत छात्राओं की लंबित राशि को 10-15 दिनों में जारी करने की बात कही गई।

    हॉस्टलों की समस्या पर चिंता: कई विश्वविद्यालयों के हॉस्टलों पर अवैध कब्जा होने की बात सामने आई। कुलाधिपति ने निर्देश दिया कि अवैध कब्जों को जल्द हटाया जाए, और इसके लिए जिला व पुलिस प्रशासन की मदद ली जाए ताकि वैध छात्रों को जगह मिल सके।

    विश्वविद्यालय की जमीन पर कब्जे की शिकायत

    एसएम कॉलेज सहित कई जगहों पर भूमि अतिक्रमण की शिकायत आई। शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को कहा कि जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज जमा करें। ताकि आगे इसपर सरकारी स्तर से कार्रवाई की जा सके।