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  • UP Contract Teacher Good News: यूपी सरकार का बड़ा कदम! अब से कॉन्ट्रैक्ट पर भी होंगे शिक्षक, पूरी जानकारी पढ़ें

    UP Contract Teacher Good News: यूपी सरकार का बड़ा कदम! अब से कॉन्ट्रैक्ट पर भी होंगे शिक्षक, पूरी जानकारी पढ़ें

    UP Contract Teacher Good News: उत्तर प्रदेश के शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट सामने आई है। उत्तर प्रदेश के सरकार ने शिक्षकों का हित के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार की इस कदम से जितने भी लोग टीचर बनने का सपना देख रहे थें, अब उनको मौका मिल सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के तमाम माध्यमिक स्कूलों कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12वीं तक के लिए अब से संविदा यानी की कॉन्ट्रैक्ट पर कंप्यूटर टीचरों को चयन किया जाएगा। इसके लिए लगभग 5000 से भी अधिक पदों पर शिक्षकों को रखा जाएगा। प्रदेश के शिक्षा विभाग ने इस प्रस्ताव को राज्य सरकार (शासन) को भी भेज दिया है। जैसे ही राज्य सरकार की इस प्रस्ताव पर मंजूरी मिलेगी चयन प्रक्रिया शुरू कर दिया जाए।

    यह न्यूज़ सुनने के बाद काफी लोगों के मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर सरकार ने यह फैसला क्यों लिया संविदा यानी की कॉन्ट्रैक्ट पर शिक्षकों का चयन करने का क्या मतलब। आपको बता दें की उत्तर प्रदेश के कई स्कूल ऐसे हैं जिसमें पिछले कई सालों से कंप्यूटर के टीचर की चयन नहीं हुई, यानी कि स्कूलों में कंप्यूटर का विषय तो है लेकिन उसको पढ़ने के लिए शिक्षकों की भारी कमी हो रही है। जिसके कारण स्कूल के छात्रों को पढ़ाई में नुकसान सहना पढ़ रहा है, और इसी नुक्सान को रोकने के लिए सरकार ने इस संविदा कॉन्ट्रैक्ट शिक्षक के प्रस्ताव को रखा है।

    लगभग कितने कंप्यूटर टीचर की चयन होगी

    मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो उत्तर प्रदेश सरकार ने माध्यमिक स्कूलों में संविदा यानी की कॉन्ट्रैक्ट पर कंप्यूटर टीचर का चयन करने का फैसला लिया है। इसके लिए 5000 से अधिक पदों पर कंप्यूटर टीचरों का चयन किया जाएगा। न्यूज़ रिपोर्ट की माने तो शिक्षा विभाग ने इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम में शामिल कंप्यूटर साइंस विषय को सुचारू रूप से संचालित करने का उद्देश्य में लगभग 5000 कॉन्ट्रैक्ट पर कंप्यूटर शिक्षकों को चयन किया जाएगा। सरकार का यह फैसला लाखों छात्रों का कैरियर बना सकता है।

    किस वजह से लिया गया ये फैसला

    सरकार ने यह फैसला केवल और केवल छात्रों को के करियर को बनाने के लिए लिया है। आपको बता दे कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के काफी माध्यमिक स्कूल में कई सालों से कंप्यूटर के टीचर की भर्ती हुई नहीं है। प्रदेश के काफी माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षकों की भारी कमी देखने को मिली है। लगभग पिछले 20 वर्ष से कंप्यूटर साइंस विषय स्टूडेंट के सिलेबस में शामिल किया गया है लेकिन उसको रेगुलर पढ़ने के बेसिस पर शिक्षक उपलब्ध है ही नहीं। भारतीयों के बारे में बता दें तो इससे पहले 2018 में कंप्यूटर टीचर की भर्ती की गई थी जिसमें लगभग 1673 सहायक शिक्षकों को चयन किया गया था। उसके बाद से अभी तक कोई भी चयन प्रक्रिया नहीं लाया गया है। काफी लंबे समय से कंप्यूटर टीचर की कमी को देखते हुए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है संविदा यानी की कॉन्ट्रैक्ट पर शिक्षकों को चयन किया जाएगा।

  • UP Shikshak Shiksha Mitra Good News: शिक्षकों को बड़ी राहत! समर कैंप को लेकर आया बड़ा फैसला

    UP Shikshak Shiksha Mitra Good News: शिक्षकों को बड़ी राहत! समर कैंप को लेकर आया बड़ा फैसला

    UP Shikshak Shiksha Mitra Good News: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी शिक्षक और शिक्षामित्र के लिए बड़ा महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। जैसा की आपको पता होगा की की उत्तर प्रदेश में स्कूल गर्मी की छुट्टियाँ 20 मई 2025 से लकर 15 जून 2025 तक होने वाली हैं। इस दौरान हर साल की तरह इस बार की स्कूलों में “समर कैंप” चलाने की योजना बनाई गई है। लेकिन इस पर विवाद खड़ा हो गया है, खासकर शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की तरफ से। आइए, इस पूरे मामले को आसान शब्दों में समझते हैं, पूरा अपडेट जानने के लिए आपसे अनुरोध है की इस आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें और कोई भी अफवाह भी यकीन ना करें।

    आखिर क्या है ये समर कैंप विवाद

    गर्मी की छुट्टियों में सरकार चाहती है कि स्कूलों में छात्रों के लिए समर कैंप चलाया जाए। सरकारी स्कूलों के नियमित शिक्षकों को इसमें शामिल होना है या नहीं, ये उनकी इच्छा पर छोड़ा गया है। अगर वे चाहें तो हिस्सा ले सकते हैं — और उन्हें इसके बदले अतिरिक्त पैसा और छुट्टी भी मिलेगी।

    लेकिन इस दौरान इसमें विवाद तब खड़ा हो गया जब शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को इस समर कैंप में जबरन यानी की जबरजस्ती शामिल किया जा रहा है, जिससे वे नाराज़ हैं। शिक्षामित्रों का मानना है की इस तापा देने वाली गर्मी में स्कूल में बच्चों को बुलाना ठीक नहीं, क्योंकि इससे उनकी सेहत खराब हो सकती है।

    जब नियमित शिक्षकों को छुट्टी मिल रही है, तो सिर्फ शिक्षामित्रों से काम लेना भेदभाव जैसा है। शिक्षामित्रों ने दिया बड़ा बयान “उनका कहना है कि उन्हें जून का वेतन भी नहीं मिलता, फिर भी उनसे काम करवाया जा रहा है”

    बड़े संगठन और नेताओं का क्या कहना है

    शिक्षक संगठनों ने कहा: गर्मी में स्कूलों में बच्चे आते नहीं। गाँवों में बिजली की कमी है और स्कूलों में जरूरी संसाधन भी नहीं हैं। जब गर्मी सबको लगती है, तो शिक्षामित्रों को ही ड्यूटी क्यों?

    राम सागर (शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन) ने कहा: सरकार ये बताये कि क्या शिक्षामित्रों को लू नहीं लगती? यह पूरी तरह से स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।

    समर कैंप के लिए क्या क्या व्यवस्था नयुक्त की गई है

    स्कूलों में गर्मी की छुटियाँ 21 मई 2025 से लेकर 15 जून 2025 तक है और इसी के बीच समर कैंप चलाया जाएगा। इस समर कैंप में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को ही तैनात किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हर स्कूल को: ₹6000 मानदेय (श्रम के लिए), और ₹2000 स्टेशनरी खर्च (कॉपी-किताब आदि) के लिए दिए जाएंगे।

    इस विवाद पर बड़े संगठन क्यों चुप हैं

    उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ और बीटीसी शिक्षक संघ जैसे बड़े संगठन अभी तक चुप हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर कोई समर्थन या विरोध नहीं जताया है। शिक्षामित्रों का आरोप है कि: सरकार कमज़ोर कर्मचारियों पर ज़्यादा ज़ोर डाल रही है। शिक्षक तो घूमने जाते हैं, और उनसे कहा जा रहा है कि समर कैंप चलाओ – ये असमानता है।

  • Bihar Teacher Salary Good News: बिहार शिक्षक के लिए बड़ी खुशखबरी, सैलरी को लेकर बड़ा बयान….

    Bihar Teacher Salary Good News: बिहार शिक्षक के लिए बड़ी खुशखबरी, सैलरी को लेकर बड़ा बयान….

    Bihar Teacher Salary Good News: बिहार के शिक्षकों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी का न्यूज़ सामने आ रहा है। बिहार के शिक्षा विभाग ने शक्ति से नोटिस जारी करते हुए बताया कि बिहार के शिक्षकों को वेतन सबसे पहले दिया जाएगा। आपको तो पता होगा कि बिहार में शिक्षकों का वेतन टाइम पर नहीं दिया जा रहा था, इसी समस्या को समाधान करते हुए शिक्षा विभाग में शक्ति पेश की है और साफ़ साफ़ बताया की कार्यालय के कर्मचारियों को सैलरी बाद में दी जाएगी पहले शिक्षकों को सैलरी मिलेगा। बिहार सरकार नया निर्णय इसलिए लिया ताकि शिक्षकों को उनका सैलरी समय पर मिल सके।

    शिक्षकों को समय पर सैलरी मिलेगा

    बिहार राज्य के जितने भी सरकारी स्कूल के शिक्षक हैं उनके लिए खुशखबरी है। कुछ समय से बिहार के सरकारी स्कूल के टीचरों को सैलरी टाइम पर नहीं मिल रहा था इसी समस्या को नजर रखते हुए बिहार के शिक्षा विभाग के विशेष ने नोटिस जारी किया कि अब से शिक्षकों को सैलरी सबसे पहले दिया जाएगा। दफ्तर के जितने भी कर्मचारी होंगे उनको सैलरी इनके बाद मिलेगा।

    सरकार का या फैसला आते ही बिहार के तमाम शिक्षकों में खुशियों की लहर दौड़ उठी, बिहार सरकार ने नोटिस में साफ़-साफ़ बताया कि बिहार के शिक्षकों को वेतन देने में सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। विभाग के विशेष सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने एक पत्र जारी किया और उस पत्र में उन्होंने कहा कि शिक्षकों का समय पर वेतन का भुगतान विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शिक्षकों का वेतन उन्हें समय पर देना यह बहुत ही महत्वपूर्ण काम है।

    बिहार के DEO खुद सैलरी की समस्या दूर करेंगे

    बिहार शिक्षा विभाग ने जिला के शिक्षा अधिकारियों (DEO) को खुद इसके लिए जिम्मेदार बनाया है। अगर किसी भी सरकारी टीचर का वेतन में कोई समस्या आता है तो DEO खुद उस समस्या का निवारण निकलेंगे। चाहे कोई भी गड़बड़ी हो जैसे कि PRAN नंबर में गड़बड़ी, HRMS में जानकारी अपडेट ना हो या आधार कार्ड में कोई गलती हो, सैलरी से जुड़ा कोई भी समस्या हो बिहार के DEO खुद उस पर तुरंत कार्रवाई करेंगे और उस समस्या का समाधान निकालेंगे। जितने भी सरकारी टीचर हैं अब उनको पटना या दूसरे दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना होगा। बिहार के शिक्षकों के लिए बहुत बड़ा समस्या दूर हुआ है।

    फिजूल के परेशानी से अब शिक्षक बचेंगे

    बिहार सरकार का यह फैसला शिक्षकों के रूप में बहुत बड़ा फैसला साबित होगा। टीचर को सैलरी के अलावा और भी सुविधा दी जाएगी। शिक्षकों को सबसे पहले वेतन तो दिया ही जाएगा अब से उनको प्रशासनिक कामों में भी सबसे ऊपर रखा जाएगा, यानी की बिहार सरकार शिक्षकों को हर तरफ से प्राथमिकता दे रहे हैं। बिहार के शिक्षकों को वेतन से जुड़ा कोई भी परेशानी अब नहीं उठाना होगा उनका काम अब केवल क्लास रूम में बच्चों को पढ़ना है। बिहार सरकार ने हाल ही शिक्षकों और लाइब्रेरियन की सैलरी के लिए करीब 28 अरब से अधिक रुपए जारी की है।

  • UP Outsourcing Employees Good News: पुरे 8.30 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, ताज़ा अपडेट यहाँ देखें

    UP Outsourcing Employees Good News: पुरे 8.30 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, ताज़ा अपडेट यहाँ देखें

    UP Outsourcing Employees Good News: उत्तर प्रदेश में काम कर रहे 8.30 लाख से ज़्यादा आउटसोर्सिंग यानी संविदा पर काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। लंबे समय से ये कर्मचारी “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (Uttar Pradesh Outsource Service Corporation) की मंज़ूरी का इंतजार कर रहे थे। आपको बता दें की आपका यह इंतजार बहुत जल्द खत्म होने वाला है, क्योंकि यह निगम बनने के लिए पूरी तरह तैयार है और अब सिर्फ कैबिनेट से मंज़ूरी मिलनी बाकी है।

    अगर यह निगम लागू हो जाता है तो राज्य में काम कर रहे लाखों संविदा सरकारी कर्मचारियों को सैलरी, मेडिकल सुविधा, छुट्टियां और पेंशन जैसी कई सुविधाएं मिलने लगेंगी। इस योजना से कर्मचारियों को स्थायित्व मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से बना सेवा निगम

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविदा कर्मचारियों के हित में इस सेवा निगम की शुरुआत करने के लिए पहले ही निर्देश दे दिए थे। इसका उद्देश्य था कि संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं दी जाएं और उन्हें समय पर वेतन मिले, साथ ही छुट्टियों और सामाजिक सुरक्षा का लाभ भी मिले।

    इस योजना का ड्राफ्ट (मसौदा) पहले ही तैयार किया जा चुका था, और अब यह पूरी तरह से तैयार है। अगले कदम के रूप में इसे उत्तर प्रदेश कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। मंजूरी मिलने के तुरंत बाद यह योजना राज्य भर में लागू कर दी जाएगी।

    जल्द मिल सकती है कैबिनेट से हरी झंडी

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह योजना आज ही यूपी कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखी जा सकती है और उम्मीद है कि इसे जल्दी ही मंज़ूरी मिल जाएगी। अगर ऐसा होता है, तो उत्तर प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को बहुत बड़ा फायदा मिलने वाला है।

    कई सालों से ये कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी, स्थायी नौकरी, न्यूनतम वेतन, और सामाजिक सुरक्षा की मांग कर रहे थे। अब “आउटसोर्स सेवा निगम” के लागू होने से उनकी ये सभी मांगें पूरी हो सकती हैं।

    इससे कर्मचारियों को फायदे

    इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद संविदा कर्मचारियों को केवल वेतन ही नहीं, बल्कि कई तरह की अतिरिक्त सुविधाएं भी मिलेंगी। आइए जानते हैं क्या-क्या लाभ मिलने वाले हैं:

    • वार्षिक छुट्टियां: हर साल कर्मचारियों को 12 आपातकालीन (इमरजेंसी) छुट्टियां और 10 मेडिकल छुट्टियां दी जाएंगी।
    • EPF और ESI की सुविधा: कर्मचारियों को EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) और ESI (कर्मचारी राज्य बीमा) का लाभ भी मिलेगा।
    • सरकारी कार्य पर यात्रा भत्ता: अगर किसी कर्मचारी को किसी दूसरे स्थान पर सरकारी काम के लिए भेजा जाता है, तो उसे अतिरिक्त भुगतान (TA/DA) मिलेगा।
    • समय पर वेतन: सभी संविदा कर्मचारियों का वेतन हर महीने सीधे उनके बैंक खाते में समय पर भेजा जाएगा।
    • सेवा समाप्ति के बाद पेंशन: संविदा कर्मचारियों को सेवा के बाद पेंशन दी जाएगी। अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी या माता-पिता को भी पेंशन मिलेगी।
    • मुफ्त इलाज और बच्चों को आरक्षण: कर्मचारियों को फ्री मेडिकल सुविधा दी जाएगी और उनके बच्चों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीटों पर आरक्षण भी मिलेगा।
    • न्यूनतम वेतन की गारंटी: सभी संविदा कर्मचारियों को उनके कार्य के अनुसार ₹15,000 से ₹25,000 तक का न्यूनतम वेतन मिलेगा।

    क्यों जरूरी है यह सेवा निगम

    उत्तर प्रदेश में लाखों लोग वर्षों से संविदा पर काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं नहीं मिलती थीं। वेतन में देरी, मेडिकल सुविधा की कमी, कोई पेंशन नहीं और किसी दुर्घटना में कोई सहायता नहीं मिलती थी। इस सेवा निगम के ज़रिए सरकार चाहती है कि हर कर्मचारी को सम्मानजनक और सुरक्षित कार्य माहौल मिले।