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  • Teacher Joining New Rules: अब से बीएड डिग्री धारक नहीं बन पाएंगे प्राइमरी टीचर, कोर्स की मान्यता ख़त्म पूरी जानकारी देखें

    Teacher Joining New Rules: अब से बीएड डिग्री धारक नहीं बन पाएंगे प्राइमरी टीचर, कोर्स की मान्यता ख़त्म पूरी जानकारी देखें

    Teacher Joining New Rules: जितने भी अभ्यर्थी सरकारी स्कूल में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं या उसकी तैयारी में है उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है जरूर पढ़ें। आपको बता दें कि शिक्षा नीति 2020 के नियम में कई बदलाव किए गए हैं जो आपको पता होना अनिवार्य है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अबसे अगर कोई भी अभ्यर्थी प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बनना चाहते हैं तो उनके B.Ed डिग्री को मान्यता नहीं दिया जायेगा मतलब की केवल B.Ed डिग्री प्राइमरी टीचर बनने के लिए काफी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में इस बड़े फैसला को सुनाया है, फैसला आने के बाद या नियम बदल चुका है। अब से B.Ed की डिग्री धारक उम्मीदवार प्राइमरी टीचर यानी की PRT के लिए पत्र नहीं माने जाएंगे। क्या है पूरा मामला? इस लेख में हमने आपको विस्तार पूर्वक समझाया है आपसे अनुरोध है अंत तक बने रहे।

    शिक्षक बनने के लिए नया नियम क्या है

    अब आप में से काफी लोग बेसब्री से जानने का इंतजार कर रहे होंगे कि नया नियम क्या है। तो आपको बता दें की नई नीति के अनुसार अब से PRT यानी कि प्राइमरी टीचर बनने के लिए अभ्यर्थियों के पास बीएड डिग्री नहीं बल्कि DElEd डिप्लोमा कोर्स का प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। आपको बता दें कि DElEd को पहले बीटीसी के नाम से भी जाना जाता था। इसकी थोड़ी जानकारी आपको दे दें, DElEd एक दो वर्ष से डिप्लोमा कोर्स है जिसमें टीचर को प्राथमिक स्तर के छात्र को पढ़ने के लिए जितनी भी तमाम आवश्यक ट्रेनिंग होती है सभी के सभी इसमें सिखाया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के नियम अनुसार प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवारों के पास DElEd डिप्लोमा का प्रमाण पत्र होना जरुरी है।

    सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किया गया Notice

    DElEd डिप्लोमा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

    आपको बता दें की DElEd कोर्स में छात्रों को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों तरह से विषय को पढ़ना पढता है। इस DElEd कोर्स को छात्रों के लिए चार सेमेस्टर में बांटा गया है चार सेमेस्टर में बांटने का उद्देश्य शिक्षकों को बेहतर शैक्षणिक और नैतिक ज्ञान देना होता है। यह कोर्स एक प्राथमिक शिक्षा की नींव को मजबूत करने में काफी मददगार साबित होता है। अगर कोई पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाना चाहता है, तो उसे अब बीएड नहीं बल्कि डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (DElEd) करना होगा।

    नया कोर्स को लॉन्च किया जाएगा

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विभाग द्वारा लाइ गई नई शिक्ष शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2030 तक “इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम” (ITEP) को पूरी तहर सभी छात्रों के लिए लागू कर दिया जाएगा। इस कोर्स के बारे में आपको थोड़ा बता दें की यह एक चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम / कोर्स होगा जिसे छात्र 12वीं कक्षा के बाद कर सकेंगे। ITEP का उद्देश्य शिक्षकों को सभी शैक्षिक स्तरों के लिए उपयुक्त बनाना है, जैसे कि फाउंडेशनल, प्राइमरी, मिडिल और सेकेंडरी लेवल। रिपोर्ट्स के यह भी पता चला है की ITEP नया कोर्स के लागू होने के बाद यानी की 2030 के बाद BEd प्रोग्राम को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा।

  • टीचर्स के लिए खुशखबरी NCTE का बड़ा फैसला, अब सिर्फ 1 साल में बनेंगे टीचर 2 साल वाला B.Ed बंद

    टीचर्स के लिए खुशखबरी NCTE का बड़ा फैसला, अब सिर्फ 1 साल में बनेंगे टीचर 2 साल वाला B.Ed बंद

    NCTE 1 Year BEd Degree News: जितने भी छात्र जो शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी सामने आई है। आपको बता दें की नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने अब B.Ed कोर्स को 1 साल में पूरा करने की अनुमति दे दी है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला, क्या अनुमति मिले और क्यों ऐसा हुआ। इस लेख में विस्तारपूवर्क सब कुछ समझया गया है तो ध्यान से अंत तक पढ़ें।

    क्या है NCTE का पूरा मामला

    नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने बीएड कोर्स में कुछ बदलाव किये हैं, बदलाव कुछ इस प्रकार है की अब कुछ छात्रों के लिए 1 वर्षीय B.Ed कोर्स की अनुमति दी गई है। जैसा की आपको पता होगा की पहले यह कोर्स 2 साल का होता था, लेकिन अब इसे कुछ पात्र छात्रों के लिए 1 साल का किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार NCTE का यह बदलाव 2026-27 से लागू किया जाएगा।

    क्या 2 वर्षीय B.Ed और D.El.Ed कोर्स बंद हो रहें हैं

    अब आप में से काफी लोगों के मन में ये सवाल होगा की क्या ये पहले वाला 2 वर्षीय B.Ed और D.El.Ed कोर्स बंद हो रहें हैं? आपको बता दें की सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कुछ दिनों से काफी तेज़ी से फ़ैल रहा है कि 2 वर्षीय B.Ed और D.El.Ed कोर्स बंद कर दिए गए हैं। लेकिन आपको बता दें की NCTE ने साफ किया है कि फिलहाल ये कोर्स बंद नहीं हुए हैं। इन कोर्सों में अब भी एडमिशन की प्रक्रिया चालू है।

    1 वर्षीय B.Ed कोर्स कौन कौन पात्र है

    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आपको बता दें की NCTE के द्वारा लाये गए इस 1 वर्षीय B.Ed कोर्स के लिए सभी छात्र पात्र नहीं हैं। 1 वर्षीय B.Ed कोर्स के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं जैसे की जिन छात्रों ने नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत 4 साल का ग्रेजुएशन कोर्स (B.A. B.Ed, B.Sc. B.Ed आदि) किया है, केवल वे छात्र ही 1 साल का B.Ed कोर्स कर सकते हैं। जिन्होंने 3 साल का सामान्य ग्रेजुएशन किया है (जैसे BA, BSc, BCom), उन्हें अभी भी 2 साल का B.Ed कोर्स करना होगा। वही पर जिन छात्रों ने पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) कर रखा है, उन्हें भी कुछ संस्थानों में 1 वर्षीय B.Ed कोर्स का अवसर मिल सकता है (संभावित रूप से नीति में स्पष्ट किया जाएगा)। उम्मीद है आपको समझ में आ गया होहगा की कौन कौन ये 1 वर्षीय B.Ed कोर्स कर सकता है।

    1 वर्षीय B.Ed कोर्स क्यों लाया गया है

    आपको बता दें की साल 2015 से पहले B.Ed कोर्स 1 साल का ही था। लेकिन फिर NCTE ने 2015 के बाद नया नियम लाया की अब से बीएड कोर्स 2 साल का होगा, अब 2 साल का होने की वजह से एडमिशन कम हो गए, हो सकता है इसी वजह से अब नई शिक्षा नीति के तहत इसे फिर से 1 साल का किया जा रहा है (केवल पात्र छात्रों के लिए)।

  • B.Ed College Latest News: NCTE की बड़ी कार्रवाई, कई बीएड कॉलेजों पर संकट, 380 की मान्यता रद्द, लिस्ट यहाँ देखें

    B.Ed College Latest News: NCTE की बड़ी कार्रवाई, कई बीएड कॉलेजों पर संकट, 380 की मान्यता रद्द, लिस्ट यहाँ देखें

    B.Ed College Latest News: B.Ed कॉलेज पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है। जो भी छात्र B.Ed कॉलेज में पढ़ते हैं या भविष्य में पढ़ने वाले हैं उनके लिए यह अपडेट महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी कि NCTE के पश्चिमी क्षेत्रीय समिति ने सेशन 2025 और 26 में कुछ बहुत बड़े-बड़े कदम उठाए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार परिषद ने मध्य प्रदेश और चार अलग-अलग राज्यों के कुल लगभग 380 B.Ed कॉलेज की मान्यता को रद्द कर दी है। जी हां आपने बिल्कुल सही सुना मान्यता रद्द हो गई।

    आपको बता दें कि यह कार्रवाई उन बीएड कॉलेज पर की गई है जो PAR यानी की परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट जमा नहीं किये। B.Ed कॉलेज को हर साल परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट एनसीटीई यानी कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद को जमा करना होता है लेकिन इन कॉलेज ने यह अप्रेजल जमा नहीं किया इसके वजह से उनकी मान्यता को रद्द किया गया है। क्या है पूरा मामला कौन-कौन से कॉलेज प्रभावित हुए हैं आईए जानते हैं इस रिपोर्ट में।

    कौन कौन से कॉलेज प्रभावित हुए हैं

    मीडिया रिपोर्ट द्वारा सूची से है हमें पता चला है कि मध्य प्रदेश के लगभग 11 कॉलेज की मान्यता को रद्द कर दिया गया है। आपको बता दे की राजधानी भोपाल के तीन कॉलेज शामिल हैं जिनके मान्यता अब पूरी तरह खत्म कर दी गई है। उन कॉलेजों में से कुछ नाम इस प्रकार है श्री साईनाथ महाविद्यालय, मध्यप्रदेश भोज (ओपन) विश्वविद्यालय और भी कई कॉलेज शामिल है जिनके नाम अभी बाहर नहीं आए हैं।

    रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश भोज विश्वविद्यालय का भी डिस्टेंस B.Ed कोर्स अब बंद होगा। यह विश्वविद्यालय हर साल तकरीबन 1000 से अधिक छात्रों को B.Ed डिस्टेंस कोर्स में एंट्री देता था, लेकिन एनसीटीई के द्वारा अब इसमें भी यह कार्यक्रम सेशन 2025-26 से बंद हो जाएगा, क्योंकि NCTE ने इसकी मान्यता को रद्द कर दिया।

    ग्वालियर, सतना, रीवा और सागर के कॉलेज भी लिस्ट में

    मध्य प्रदेश के भोपाल ही नहीं बल्कि और भी अन्य जिलों के बीएड कॉलेज भी लिस्ट में है जिसका मान्यता को रद्द कर दिया गया है इसके निम्नलिखित सूची नीचे दी गई है:

    • ग्वालियर: ऋषिकुलग्रुप का B.Ed कॉलेज इसकी मान्यता रद्द हो गई।
    • रीवा: फरीदा एजुकेशन सोसाइटी का कॉलेज इसकी मान्यता भी रद्द।
    • सतना: निरांचलम शिक्षा महाविद्यालय और स्वामीनारायण दास शिक्षा कॉलेज इनकी भी मानता रद्द।
    • सागर: पंडित बीड़ी मेमोरियल B.Ed कॉलेज, द्रोणाचार्य अकैडमी और पंडित मेमोरियल B.Ed कॉलेज इनको मान्यता भी खत्म।

    आगे कार्रवाई और भी हो सकती है

    राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद कि यह सख्त कार्रवाई संदेश देती है कि शिक्षक शिक्षा संस्थानों को गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखनी होगी। जो भी संस्थान नियमों का पालन नहीं करेगा उनकी उनके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मान्यता रद्द करने वाली प्रक्रिया अभी बंद नहीं हुई है आगे भी इसकी कार्रवाई हो सकती है।

  • Teacher Training Course News: NCTE का बड़ा फैसला, अब B.Ed कॉलेजों में भी होंगे BA-BSc-BCom कोर्स

    Teacher Training Course News: NCTE का बड़ा फैसला, अब B.Ed कॉलेजों में भी होंगे BA-BSc-BCom कोर्स

    Teacher Training Course News: NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) ने एक नई गाइडलाइन जारी की है। जारी किये गए नोटिस के अनुसार अब देश के टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों में BA, BSc, BCom जैसे सामान्य ग्रेजुएशन कोर्स भी पढ़ाए जा सकेंगे। साथ ही, इंटीग्रेटेड कोर्स जैसे BA B.Ed, BSc B.Ed, BCom B.Ed भी शुरू किए जाएंगे। क्या है इस नए गाइडलाइन का पूरा मामला आइए जानतें हैं इस आर्टिकल में तो अंत तक बने रहें।

    जैसा की आपको पता होगा की आज से पहले अब तक अधिकतर टीचर ट्रेनिंग कॉलेज केवल B.Ed या D.El.Ed जैसे पाठ्यक्रम ही चलाते थे। नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार, शिक्षा को अब बहुविषयक (Multi-Disciplinary) बनाना जरूरी है। इसलिए NCTE ने निर्देश दिए हैं कि हर टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट को दो और नए UG कोर्स शुरू करने होंगे।

    NCTE की नई गाइडलाइन को नहीं माने तो क्या होगा

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ जो संस्थान इन NCTE द्वारा लाए गए इस नए बदलावों को नहीं अपनाएंगे, उन्हें नजदीकी मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेज में मर्ज कर दिया जाएगा। यानी वे अपनी पहचान खो सकते हैं और किसी बड़े कॉलेज का हिस्सा बन जाएंगे। इससे लिए संस्थान को इस नए नियम का पालन करना अनिवार्य है।

    ये Interdisciplinary का क्या मतलब है

    अब काफी लोगों को ये वर्ड ‘Interdisciplinary’ नया लगता है इसका मतलब है अंतःविषयक। विस्तारपूर्वक समझतें हैं इसका मतलब एक ऐसा कोर्स जिसमें दो या दो से ज्यादा विषयों को मिलाकर पढ़ाया जाता है। जैसे – BA (हिस्ट्री) + B.Ed या BSc (मैथ्स) + B.Ed।

    इस नए कोर्स की काफी साड़ी खास बातें हैं जैसे की संस्थानों को कम से कम 64 क्रेडिट वाले नए यूजी कोर्स शुरू करने होंगे। कोर्स में डिसिप्लिनरी और इंटरडिसिप्लिनरी दोनों कंपोनेंट शामिल होंगे। यह कोर्सेस UGC रेगुलेशंस के अनुसार तैयार किए जाएंगे। जिन संस्थानों के पास अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर है, वे चाहें तो: BA, BSc, BCom के साथ-साथ। BA B.Ed, BSc B.Ed, BCom B.Ed जैसे इंटीग्रेटेड कोर्स भी चला सकते हैं। जो कॉलेज मर्ज होंगे, वे भी ये कोर्स शुरू कर सकेंगे, बशर्ते उनके पास एजुकेशन डिपार्टमेंट हो।

    ITEP प्रोग्राम क्या है और कहाँ चल रहा है

    ITEP (Integrated Teacher Education Programme) एक 4 वर्षीय कोर्स है जिसमें ग्रेजुएशन + B.Ed एक साथ होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अब यह कोर्स कई IITs में भी शुरू हो चुका है। इसका मकसद है – बेहतर टीचर तैयार करना जो रिसर्च और इनोवेशन में भी दक्ष हों।

    इस नए गाइडलाइन के वजह से रिसर्च और इंडस्ट्री को भी मिलेगा महत्व। अब केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि छात्रों को इंडस्ट्री से जोड़ा जाएगा। रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा और कोर्स को मल्टी स्किल्ड और रोजगार-उन्मुख बनाया जाएगा।

    पूरे भारत में इस समय करीब 15,500 टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स हैं। इनमें से ज्यादातर सिर्फ B.Ed जैसे कोर्स चलाते हैं। अब इन्हें मल्टी-डिसिप्लिनरी बनना होगा।

    प्रो. पंकज अरोड़ा (NCTE चेयरमैन) ने कहा: “अब संस्थान सिर्फ एक या दो कोर्स तक सीमित नहीं रहेंगे।” “उन्हें कई विषयों को पढ़ाने की अनुमति मिलेगी।” “यह कदम शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा बदलाव है।”