Retirement Age Hike News: सोशल मीडिया पर सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र को लेकर एक बहुत बड़ी न्यूज़ बहुत तेजी से फैल रही है। आईए जानते हैं क्या है उस वायरल न्यूज़ की सच्चाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया पर 24 मई 2025 से एक पोस्ट बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार में सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष से बढ़कर 65 वर्ष तक कर दिया है। यानी कि जो कर्मचारी पहले 60 वर्ष पर रिटायर लेते थे और उनका 65 वर्ष तक कर दिया गया है और उस पोस्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि यह नया नियम 1 जून 2025 से लागू कर दिया जाए।
रिटायरमेंट ऐज बढ़ाने का कारन क्या है
इस सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट एज न्यूज़ को वायरल करने का पीछे वजह यह बताया जा रहा है कि सरकार जितने भी तमाम अनुभवी सरकारी कर्मचारी हैं उनका सेवा ज्यादा दिन तक लेना चाहती है इस वजह से सरकार ने निर्णय लिया है कि उनका रिटायरमेंट का उम्र 60 वर्ष से बढाकर 65 वर्ष तक कर दिया जाए। लेकिन आपको बता दें कि यह न्यूज़ पूरी तरफ फेक है ऐसी कोई भी योजना या नियम सरकार लाने वाली नहीं है।
क्या है इसके पीछे की सच्चाई
इस वायरस खबर को PBI फेक्ट चेक टीम ने पूरी तरह से जाँचा और जांच के बाद यह पता चला कि यह पोस्ट पूरी तरह से फर्जी है, यानी कि फेक है। PBI ने साफ-साफ दावा किया है कि ऐसी कोई भी नियम या योजना भारत सरकार सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट उम्र को लेकर नहीं लाने वाली है। उनके रिटायरमेंट उम्र में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है जैसा पहले था वैसा ही अब भी है।
भारत सरकार ने अभी तक सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट एज को लेकर कोई भी बढ़ोतरी का निर्णय नहीं लिया है। सरकारी कर्मचारियों का उम्र बढ़ेगा या नहीं बढ़ेगा इस के ऊपर कोई भी आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है।

ऐसे फर्जी न्यूज़ से बचने की सलाह
आज के इंटरनेट की दुनिया में फर्जीवाड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। सोशल मीडिया और कुछ ऐसी वेबसाइट है जो ऐसी झूटी खबरें फैलती है। कर्मचारियों और आम जनता को सलाह दी जाती है कि ऐसी अफवाहों पर विश्वास ना करें और ऑनलाइन दी जाने वाली सूचना पर जितना कम हो सके उतना कम भरोसा रखें। कोई भी न्यूज़ को पहले अपने स्तर पर पुष्टि करें उसके बाद कोई कदम उठाए। सरकार ने कहा है कि फेक न्यूज़ बनाने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और अगर जरूरत पड़े तो उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है।