UP Contract Employees Regularization: उत्तर प्रदेश के तमाम कॉन्ट्रैक्ट संविदा कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरण जलकल विभाग में काम कर रहे लगभग 93 आउटसोर्स संविदा कर्मचारी अब चैन की नींद सो सकते हैं। इतने दिनों से इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे मामला में कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दे दिया है। केस क्या था? क्या है पूरा मामला? कर्मचारियों के लिए क्यों खुशखबरी है? विस्तार पूर्वक हमने आपको इस आर्टिकल में समझाया है अंत तक जरूर पढ़ें।
कर्मचारियों की इलाहाबाद हाई कोर्ट से क्या मांगे थी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2010 से से जलकल विभाग और अधिकारी मिलकर संविका कर्मचारियों के वेतन, ईपीएफ और ईएसआई में गड़बड़ी कर रहे थे। यह घपलेबाजी वाला रिपोर्ट कर्मचारियों को पता चलते ही इस हरकत से नाराज़ होकर लगभग 93 संविदा कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। ओउटसोर्से संविदा कर्मचारियों ने कहा कि हमे भी भारत सरकार के GEM पोर्टल के अनुसार ही समान वेतन और सुविधाएं मिलनी चाहिए। वे स्थायी नौकरी और लाभ की भी मांग कर रहे थे। ये ता पूरा मामला।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसपर किया आदेश दिया
मामला कोर्ट में आते ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया मुख्य आदेश और आदेश कुछ इस प्रकार है की जितने भी 93 आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों ने याचिका दाखिल किया था उन्हें जल्द से जल्द 4 महीने के भीतर नियमित (परमानेंट) किया जाए। 23 कर्मचारियों की नौकरी जो पहले समाप्त कर दी गई थी, उन्हें 3 महीने के अंदर बहाल (वापस) किया जाए।
हाई कोर्ट ने किसी आदेश दिया
उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव को आदेश दिया गया है: कोर्ट का आदेश मिलते ही 4 महीने में सभी 93 कर्मचारियों को नियमित करें। हाईकोर्ट ने 14 मई 2025 को कहा: जिन 23 कर्मचारियों की नौकरी बिना कारण समाप्त की गई थी, उन्हें 3 महीने में फिर से बहाल किया जाए।
निष्कर्ष
आपको बता दें की इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों के हक में है। अब जलकल विभाग के 93 कर्मचारी स्थायी नौकरी की ओर बढ़ेंगे। 23 कर्मचारियों को भी उनकी नौकरी वापस मिलने की उम्मीद है।