UP Outsourcing: उत्तर प्रदेश में कार्यरत 7 लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है! उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारी के लिए अलग-अलग इंतजाम किए जा रहे हैं, सरकार कर्मचारियों के हित में आउटसोर्स सेवा निगम का गठन कर रही है। आउटसोर्स कर्मचारी को हर महीने कम से कम यानी न्यूनतम मजदूरी 18000 रुपए मिले इसकी भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया चल रही है , कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद सेवन निगम का गठन कर दिया जाएगा।
आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के प्रक्रिया में ड्राफ्ट पर अब तक परामर्शी विभागों के द्वारा सुझाव दिया गया है सुझाव में कई बातों का जिक्र किया गया है , सुझाव में बताया गया है कि आउटसोर्स कर्मचारी को सैलरी पहले की तरह से एजेंसियों के द्वारा दिया जाएगा।
आउटसोर्स कर्मचारियों को कम से कम 18000 रुपए दी जाए , उठी इसकी मांग
उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से पूरी की जा रही है, हालांकि मांग उठ रही है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को कम से कम 18000 रुपए मानदेय दिया जाए, आउटसोर्स कर्मचारी को 18 हजार रुपये मानदेय देने को लेकर प्रस्तावित किया जा रहा है इसके अलावा इन्हें सैलरी एजेंसी के द्वारा ना देकर के निगम के द्वारा दिया जाने का प्रावधान भी शामिल करने का प्रस्ताव है। ड्राफ्ट के अनुसार मंडे एजेंसी के द्वारा ना देकर निगम के द्वारा दिया जाने का प्रस्तावित किया गया है हालांकि परामर्शी विभागों ने ऐसे उल्टा कर दिया पहले की तरह रखा है।
कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष JN तिवारी ने 22 मई को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव की मुलाकात
इस बात को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष JN तिवारी ने 22 मई को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी, उन्होंने कहा कि शासन के परामर्शी विभागों , कार्मिक व न्याय विभाग ने आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय के भुगतान की प्रक्रिया पहले की तरह एजेंसी द्वारा रखने और लागू करने को प्रस्तावित किया है। हालांकि अब तक की कोई ताजी अपडेट जाने नहीं आई है।