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  • UP Outsourcing : यूपी के सभी इंटर कॉलेज में होगी आउटसोर्स कर्मचारियों की बंपर भर्ती , जाने कब होगा आवेदन

    UP Outsourcing : यूपी के सभी इंटर कॉलेज में होगी आउटसोर्स कर्मचारियों की बंपर भर्ती , जाने कब होगा आवेदन

    UP Outsourcing Good News : उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अब अशासकीय नॉन गवर्नमेंट एडेड स्कूलों की तरह राजकीय हाई स्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज में भी आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती की योजना बनाई है। उत्तर प्रदेश में राजकीय इंटर कॉलेज हाई स्कूल विद्यालयों में साफ सफाई सुरक्षा और बाकी सभी कार्यों को करने के लिए आउटसोर्स चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। जल्द ही उत्तर प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में रिक्त पड़े चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पोस्ट पर भर्ती होगी। उत्तर प्रदेश में नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए जल्द ही शानदार मौका आने वाला है। सरकार के द्वारा लिए गए इस फैसले से रोजगार के अवसर तो बढ़ेंगे ही बढ़ेंगे स्कूल की व्यवस्था भी बेहतर होगी।

    आउटसोर्सिंग के जरिए होगी तैनाती

    उत्तर प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेज और हाई स्कूल विद्यालयों में आउटसोर्स चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आउटसोर्स के माध्यम से तैनात किया जाएगा। इसके लिए डिवीजनल कमेटी के द्वारा सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी का चयन होगा , एजेंसी का चयन सरकार ई मार्केटप्लेस Gem Portal से किया जाएगा। आईए जानते हैं कौन-कौन लोग कर सकते हैं इसके लिए आवेदन और कब तक शुरू होगा प्रक्रिया।

    कौन-कौन से स्कूल में कितने पदों पर होगी भर्ती

    उत्तर प्रदेश में नॉन गवर्नमेंट ऐडेड स्कूल की तरह अब राजकीय हाई स्कूल और इंटर कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी की नियुक्ति होगी जिसमें हाई स्कूल विद्यालय में कुल दो आउटसोर्स कर्मचारी को तैनात किया जाएगा। जिसमें सफाई कर्मचारी और चौकीदार के पोस्ट शामिल हैं। वहीं राजकीय इंटर कॉलेज में पांच आउटसोर्स कर्मचारी को तैनात किया जाएगा।

    10वीं पास छात्र-छात्राओं को मिलेगा मौका

    अप राजकीय इंटर कॉलेज में आने वाले चतुर श्रेणी कर्मचारियों के लिए दसवीं पास अभ्यर्थियों के लिए शानदार अवसर होगा। यूपी माध्यमिक शिक्षा विभाग हाई स्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज में चपरासी चौकीदार सफाई कर्मचारी बनने की योग्यता दसवीं पास निर्धारित की गई है। महिला पुरुष दोनों इसके लिए आवेदन करने की योग्य होगे।

    18 से 40 वर्ष तक के अभ्यर्थी कर सकते हैं आवेदन

    यूपी में आने वाली राजकीय इंटर कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक के अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। ऐसे अभ्यर्थी जिनकी आयु अधिक हो चुकी है उन सभी को सरकार के नियम के अनुसार आयु में छूट भी प्रदान की जाएगी।

    कब होगी राजकीय इंटर कॉलेज में आउटसोर्स कर्मचारियों फोर्थ क्लास की भर्ती ?

    शासन ने राजकीय इंटर कॉलेज एवं हाई स्कूल में जल्द ही इस नई योजना से आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के लिए निर्देश दिए गए हैं। इस भर्ती के लिए सबसे पहले भर्ती एजेंसी ( कंपनी ) का चयन किया जाएगा और इसके टेंडर जारी होगा। फिर एजेंसी के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। अभ्यर्थियों से इसके लिए ऑनलाइन आवेदन फार्म सेवा आयोजन पोर्टल से लिया जा सकता है , अधिक अपडेट के लिए सेवायोजन पोर्टल पर अपडेट लेते रहे। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का नोटिफिकेशन सेवायोजन पोर्टल पर ही जारी होता है।

  • UP Outsourcing Employee Salary: यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना मिलेगा सैलरी ? यहां देखें पूरी डिटेल्स

    UP Outsourcing Employee Salary: यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना मिलेगा सैलरी ? यहां देखें पूरी डिटेल्स

    UP Outsourcing Employee Salary: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग विभागों और कार्यालय में आउटसोर्स के आधार पर कार्य कर रहे लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी अपडेट है। उत्तर प्रदेश सरकार आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है , अब उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी को सरकारी कर्मचारियों की तरह उनके पद और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सैलरी दी जाएगी। इसके लिए आउटसोर्स सेवा निगम के ड्राफ्ट में आउटसोर्स कर्मचारी को कुल चार श्रेणियां में विभाजित किया गया है। प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग शैक्षणिक योग्यता और सैलरी निर्धारित की गई है।

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया औपचारिक रूप में है , इसके गठन को लेकर परामर्शीय विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं अब इस प्रस्ताव पर कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे गठित किया जाएगा। आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद कर्मचारियों की बैंक अकाउंट में निर्धारित टाइम पर सैलरी मिलेगी इसके अलावा कर्मचारियों पर हो रहे एजेंसियों के उत्पीड़न की भी समस्या समाप्त होगी।

    यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना मिलेगा सैलरी ?

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स के आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को उनके पद के अनुसार 15000 रुपये से लेकर 25000 रुपये महीने की सैलरी दी जाएगी , सैलरी के अलावा कर्मचारियों को अन्य भत्ते और लाभ भी दिए जाएंगे।

    Group A: प्रथम श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी की सैलरी

    लेक्चरर / शोधकत्री / असिस्टेंट प्रोफेसर / एसोसिएट प्रोफेसर / प्रोफेसर / असिस्टेंट लाइब्रेरियन / कॉलेज लाइब्रेरियन

    • शैक्षिक योग्यता: स्नातक एवं उच्चतर अर्हता
    • मानदेय (प्रतिमाह): ₹25,000/-

    Group B: द्वितीय श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी

    सीनियर टीचर / शोधकत्री / वरीय शोध सहायक / डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट / कनिष्ठ अभियन्ता

    • शैक्षिक योग्यता: स्नातक एवं तकनीकी अर्हता
    • मानदेय (प्रतिमाह): ₹21,000/-

    Group C : तृतीय श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी की सैलरी

    कनिष्ठ टीचर / शोधकत्री / कनिष्ठ शोध सहायक / प्रयोगशाला सहायक / डाटा प्रोसेसिंग ऑपरेटर / स्टोर कीपर / टेलीफोन ऑपरेटर / टाइपिस्ट / स्टेनोग्राफर / ड्राइवर / वाहन चालक आदि

    • शैक्षिक योग्यता: इंटरमीडिएट उत्तीर्ण
    • मानदेय (प्रतिमाह): ₹18,000/-

    Group D: चतुर्थ श्रेणी का आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी

    कनिष्ठ स्थानीय कर्मचारी / समकक्ष पद / भृत्य / कुक / चौकीदार / लिफ्ट अटेंडेंट एवं समकक्ष पद / सफाई कर्मचारी / अटेंडेंट / अनुसेवक / माली / स्वीपर एवं समकक्ष आदि

    • शैक्षिक योग्यता: कक्षा – 10 / समकक्ष उत्तीर्ण
    • मानदेय (प्रतिमाह): ₹15,000/-

    यूपी आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा बीमा, पेंशन के साथ अन्य लाभ

    उत्तर प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारी को सैलरी पद पद की सीधी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दी जाएगी , इसके अलावा कर्मचारियों को बीमा, पेंशन के साथ-साथ अन्य लाभ दिए जाएंगे जो निम्न है –

    • समय पर वेतन और PF/ESI: कर्मचारियों को निर्धारित समय पर वेतन मिलेगा, और उनके EPF व ESI खाते समय पर खुलेंगे, जिसमें पीएफ का पैसा भी समय पर जमा होगा।
    • छुट्टियां: 12 इमरजेंसी छुट्टियां , 10 दिन का मेडिकल अवकाश ,
    • महिलाओं को विशेष सुविधाएं जिसमे 180 दिन की पेड मेटरनिटी लीव, 42 दिन की पेड मिसकैरेज लीव, और 91 दिन तक 70% वेतन के साथ बीमारी की छुट्टी।
    • अतिरिक्त भुगतान: यदि किसी कर्मचारी को दूसरे कार्य के लिए लगाया जाता है, तो उसका अलग से भुगतान किया जाएगा।
    • बीमा और सहायता राशि: कर्मचारियों का दुर्घटना बीमा का लाभ भी मिलेगा। सामान्य मृत्यु पर परिवार को 2 लाख रुपये और दुर्घटना में मृत्यु पर 5 लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
    • पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसकी पेंशन उसकी पत्नी और माता-पिता को दी जाएगी।
    • स्वास्थ्य सुविधाएं : आउटसोर्स कर्मचारियों के निशुल्क इलाज की व्यवस्था होगी।
    • शैक्षणिक लाभ: आउटसोर्स कर्मचारियों के बच्चों को ESI मेडिकल कॉलेज में आरक्षण मिलेगा।

    यूपी में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया चल रही है , भीम अपने औपचारिक रूप में है , सेवा निगम के गठन के प्रस्ताव पर परामर्शीय विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं अब इसे कैबिनेट में प्रस्तुत की जाएगी।

  • यूपी में हजारों पदों पर निकाली संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती , ऐसे करें आवेदन

    यूपी में हजारों पदों पर निकाली संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती , ऐसे करें आवेदन

    Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग सरकारी विभागों और कार्यालय में संविदा और आउटसोर्स पर कर्मचारी को रखा जा रहा है , उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग से लेकर के माध्यमिक शिक्षा विभाग व बेसिक शिक्षा विभाग के अलग-अलग पदों पर कर्मचारियों के चयन के लिए सेवायोजन पोर्टल पर नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के सेवायोजन पोर्टल पर हजारों पदों पर संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी का नोटिफिकेशन अलग-अलग विभागों में जारी किया गया है।

    सरकारी विभागों में रोजगार की तलाश कर रहे हैं ऐसे अभ्यर्थी सेवायोजन पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के सेवायोजन पोर्टल पर आवेदन करने की योग्यता की बात करें तो आठवीं पास से लेकर के उच्च स्तर तक के कोर्स करने वाले उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।

    यूपी के अलग-अलग सरकारी विभागों में निकली भर्ती

    • बेसिक शिक्षा विभाग में स्पेशल एजुकेटर, टाटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती की जा रही है।
    • उत्तर प्रदेश राज्य सड़क एवं परिवहन निगम विभाग में बस कंडक्टर और ड्राइवर की भर्ती का नोटिफिकेशन इस पोर्टल पर जारी होता है।
    • महिला कल्याण विभाग में अलग-अलग पदों का नोटिफिकेशन इसी पोर्टल पर जारी किया जा रहा है।
    • माध्यमिक शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिए आवेदन का प्रक्रिया इसी पोर्टल पर शुरु है।

    इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा विभाग , कृषि विभाग , खेल विभाग और अलग-अलग सरकारी विभागों में आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों के भर्ती का आयोजन सेवायोजन पोर्टल पर किया गया है।

    8वीं से लेकर ग्रेजुएशन पास तक के कर सकते हैं अप्लाई

    उत्तर प्रदेश सेवायोजन पोर्टल पर अलग-अलग विभागों में आयोजित की गई इस भर्ती में अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग योग्यताएं निर्धारित की गई हैं , कुछ पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं और 12वीं पास है तो कुछ पदों के लिए ग्रेजुएशन पास निर्धारित की गई है , आठवीं से लेकर ग्रेजुएशन पास तक के अभ्यर्थी सेवायोजन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

    10 से 40 हजार रुपये तक की नौकरी पाने का शानदार अवसर

    उत्तर प्रदेश सरकार के सेवायोजन पोर्टल पर अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग सैलरी होती है , कुछ पदों के लिए सैलरी ₹10000 महीने के आसपास होती है तो कुछ पदों के लिए सैलरी ₹25,000 से लेकर के ₹40,000 तक होती है।

    कैसे करें सेवायोजन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन?

    उत्तर प्रदेश सेवायोजन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना काफी आसान है, रजिस्ट्रेशन करने के लिए सबसे पहले पोर्टल के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं। ऑफिशियल वेबसाइट पर पहुंचने के बाद Register पर क्लिक करें। क्लिक करते ही रजिस्ट्रेशन विंडो खुलेगा यहां पर अपना पूरा का पूरा डिटेल्स करें और फॉर्म भर के यूजर नेम और पासवर्ड बनाएं। यूजर आईडी और पासवर्ड के द्वारा सेवायोजन पोर्टल पर लॉगिन करें और प्राइवेट व आउटसोर्सिंग जॉब पर क्लिक कर मनपसंद जॉब के लिए अप्लाई करें।

  • Retirement Age Good News: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने का बड़ा फैसला

    Retirement Age Good News: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने का बड़ा फैसला

    Retirement Age Good News: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के द्वारा मांगे जाने वाले रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने वाले मामले पर नया अपडेट आया है। आपको बता दें की कई राज्यों के सरकारी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक, प्रोफेसर, लेक्चरर, और चिकित्सक (Doctors) लंबे समय से उनका यही माँग है की उनके रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 65 साल कर दी जाए। अभी वर्तमान की बात करें तो ज्यादातर कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 या 62 साल है। अब इसमें बदलाव करने की बातें चल रही हैं। इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं की क्या है पूरा मामला, क्यों मांग हो रही है रिटायरमेंट उम्र की और इसपर क्या करवाई हो रही है जानने के लिए अंतिम तक बने रहें।

    रिटायरमेंट ऐज को 60 से 65 करने की मांग

    चलिए अब आपको बताते हैं कि शिक्षक क्यों इस उम्र की मांग कर रहे हैं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिक्षक संगठनों ने सरकार को पत्र लिखा जिसमें साफ-साफ कहा गया कि जैसे उच्च शिक्षा विभाग (कॉलेज या यूनिवर्सिटी) में प्रोफेसर, लेक्चर, शिक्षक या अन्य कर्मचारी 65 साल तक काम करते हैं। वैसे ही स्कूल के शिक्षकों को भी 65 साल तक काम करने का मौका दिया जाए। आपको बता दें कि भारत के अलग-अलग राज्यों से यह मांग उठ रही है।

    वहीं पर मध्य प्रदेश में या मांग सबसे ज्यादा चरम पर है। मध्य प्रदेश में लगभग चार लाख से ज्यादा सरकारी स्कूल शिक्षक हैं जिनको यह रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है और वह चाहतें हैं की अब उनका रिटायरमेंट उम्र 65 साल तक हो जाए। काफी सारे शिक्षकों का कहना है कि वह अभी शारीरिक और मानसिक रूप से फिट है। उनका अनुभव बच्चों और शिक्षा विभाग को बहुत काम आता है। अगर 3 साल और ज्यादा पढ़ने का मौका मिले तो छात्रों को और शिक्षा विभाग को और ज्यादा लाभ देखने को मिल सकता है।

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    सरकार का इसपर क्या मानना है

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार शिक्षकों द्वारा मांगी गई इस माँग पर गंभीरता से विचार कर रही है। जल्द ही यह तय किया जा सकता है कि शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 62 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दी जाए। अगर ऐसे होता है तो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे राज्यों (जैसे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश) को राहत मिलेगी। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शिक्षकों का अनुभव छात्रों और नए शिक्षकों को लाभ देगा।

    दूसरे राज्यों का क्या हाल है

    सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के शिक्षक भी यही माँग कर रहे हैं कि रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई जाए। कई कर्मचारी संगठनों ने भी मांग की है कि सभी सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दी जाए।

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  • UP Outsourcing: आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये , कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव

    UP Outsourcing: आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये , कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव

    UP Outsourcing: जब से उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की देखरेख और आउटसोर्स भर्ती के लिए “यूपी आउटसोर्स सेवा निगम” के गठन की बात चल रही है तब से लोगों के मन में अलग-अलग सवाल उठ रहे हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 18000 रुपए महीने वेतन दिया जाएगा , इसके अलावा आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया शुरू है , जल्द ही प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सेवा निगम का गठन कर दिया जाएगा।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम , के ड्राफ्ट पर परामर्शी विभागों के द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को पहले की तरह एजेंसी के द्वारा मानदेय दिया जाएगा। इस बात को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष JN तिवारी ने 22 मई को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी, उन्होंने कहा कि शासन के परामर्शी विभागों , कार्मिक व न्याय विभाग ने आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय के भुगतान की प्रक्रिया पहले की तरह एजेंसी द्वारा रखने और लागू करने को प्रस्तावित किया है।

    आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय को निगम से देने की गई मांग

    इन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मानदेय के भुगतान की प्रक्रिया सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से ना करा कर निगम के माध्यम से कराया जाए , क्योंकि आउटसोर्स कर्मचारियों पर हो रहे उत्पीड़न और शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जा रहा है।

    कब तक होगी आउटसोर्स सेवा निगम की गठन

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया चल रही है , परामर्शी विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं अब सचिवालय प्रशासन विभाग प्रस्ताव पर मुख्य सचिव का मार्गदर्शन लगा। इसके बाद मुख्यमंत्री की सहमति के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए पेश की जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद यूपी में आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जाएगा।

    18000 रुपये न्यूनतम मानदेय की की गई मांग

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम की गठन की लगभग सभी प्रक्रियाएं औपचारिक रूप से पूरी हो रही है आउटसोर्स कर्मचारी को न्यूनतम ₹18000 मानदेय दिए जाने का प्रस्तावित किया जा रहा है , इसके अलावा कर्मचारियों की सैलरी एजेंसी के द्वारा ना देकर निगम के द्वारा दी जाने की भी मांग की जा रही है। हालांकि ड्राफ्ट में निगम के द्वारा मानदेय देने की प्रस्ताव है लेकिन परामर्शीय विभागों ने इसे पहले की तरह रखने का सुझाव दिया है।

  • यूपी में 10000 संविदा शिक्षकों की जरूरत, विभाग ने जारी किया बड़ा अपडेट- UP Contract Teacher Appointment News

    यूपी में 10000 संविदा शिक्षकों की जरूरत, विभाग ने जारी किया बड़ा अपडेट- UP Contract Teacher Appointment News

    UP Contract Teacher Appointment News: उत्तर प्रदेश से शिक्षकों के लिए बड़ी खबर आ रही है। उत्तर प्रदेश के सरकारी ने (परिषदीय) प्राथमिक स्कूलों में नए स्थायी शिक्षकों की चयन को फिलहाल के लिए रोक दी है। उत्तर प्रदेश के जितने भी छात्र जो बीएड और डीएलएड किए हुए थें और काफी लंबे समय से शिक्षक न्युक्ति की विज्ञप्ति यानि की (Notification) का इंतजार कर रहे थे, अब उनको बहुत बड़ा झटका लग सकता है। शिक्षा विभाग का कहना है कि अभी स्कूलों में जितने शिक्षक हैं, वो काफी हैं, इसलिए नई भर्तियों की ज़रूरत नहीं है। क्या है ये पूरा मामला हमने आपको विस्तारपूर्वक इस आर्टिकल में लिखकर समझाया है तो अनुरोध है की अंत तक बने रहें।

    छात्रों और शिक्षकों का इसपर क्या राय है

    आपको बता दें की अभी उत्तर प्रदेश में 1 शिक्षक पर औसतन 29 छात्र हैं। अगर शिक्षामित्र और अनुदेशक भी जोड़ दिए जाएं, तो ये अनुपात 1 शिक्षक पर 22 छात्र का हो जाता है। “शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act)” के अनुसार: प्राथमिक स्कूल (1st से 5th) में: 30 छात्रों पर 1 शिक्षक होना चाहिए। उच्च प्राथमिक स्कूल (6th से 8th) में: 35 छात्रों पर 1 शिक्षक होना चाहिए। इस हिसाब से देखा जाए तो सरकार के मानकों के अनुसार फिलहाल शिक्षक पर्याप्त हैं।

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    यूपी राज्य में कुल कितने स्कूल और शिक्षक हैं

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी फ़िलहाल कुल 1,32,000 सरकारी स्कूल (प्राथमिक व उच्च प्राथमिक) चल रहे हैं। इनमें काम कर रहे हैं नियमित शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक की बात करें तो कुल 4,34,000 नियमित शिक्षक, 1,40,000 शिक्षामित्र, 25,000 अनुदेशक मौजूद हैं। विभाग के अनुसार अभी भी करीब 59,000 पद खाली हैं, लेकिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, इसलिए नई शिक्षकों के चयन की जरूरत नहीं समझी जा रही है। अगर जरूरत पढ़ी भी तो सरकार संविदा पर शिक्षकों को चयन कर लेगी।

    फ़िलहाल के लिए संविदा शिक्षकों की होगी चयन

    जैसे की अभी तक आपको पता चल ही गया होगा की उत्तर प्रदेश की सरकार का ध्यान अभी स्थायी नहीं बल्कि अस्थायी यानी की संविदा शिक्षकों की चयन प्रक्रिया पर है। प्रदेश के 87,000 से ज्यादा बालवाटिकाओं (Pre-Primary Class – 3 से 6 साल के बच्चों के लिए) में इस साल करीब 10,000 संविदा शिक्षक (जिन्हें ECCE Educator कहा जाएगा) नियुक्त किए जाएंगे। ये शिक्षक अस्थायी होंगे, यानी उन्हें स्थायी नौकरी या सरकारी वेतन नहीं मिलेगा।

    इस संविदा शिक्षक के लिए साइंस (विज्ञान) विषय से स्नातक (Graduate) महिला और पुरुष आवेदन कर सकते हैं। आपको बता दें की यह चयन प्रकिया “सेवायोजन पोर्टल” के जरिए की जा रही है।

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    इस नया अपडेट का असर बीएड/डीएलएड छात्रों पर पड़ेगा?

    इसका उत्तर है बिलकुल हां, क्योंकि जो लोग बीएड और डीएलएड करके सरकारी शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे, उनके लिए अभी कोई नई स्थायी न्युक्ति नहीं निकलेगी। सरकार का रुख अब कम खर्च वाली संविदा भर्तियों की ओर बढ़ रहा है। इसपर आपका क्या विचार है कृपया हमें कमेंट कर के बताएं।

  • UP Outsourcing: सेवायोजन पोर्टल से नहीं होगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती , आउटसोर्स निगम के गठन पर विभागों के परामर्श

    UP Outsourcing: सेवायोजन पोर्टल से नहीं होगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती , आउटसोर्स निगम के गठन पर विभागों के परामर्श

    UP Outsourcing: उत्तर प्रदेश में संविदा और आउटसोर्स पर काम कर रहे लाखों कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी अपडेट है, कर्मचारियों के अच्छे दिन जल्द ही आने वाले हैं आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया को लेकर अलग-अलग चरण शुरू है। आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के लिए तैयार प्रस्ताव पर संबंधित विभागों ने अपने-अपने परामर्श सुझाव दिए हैं।

    दिए गए सुझाव के बाद यह बताया जा रहा है कि, कार्मिकों के EPF, ESI, बिना, चिकित्सा और अलग-अलग भत्ते से संबंधित देखरेख और मैनेजमेंट आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा किया जाएगा वहीं कर्मचारियों का मानदेय पहले की तरह एजेंसियों के द्वारा ही दी जाएगी। हालांकि मानदेय समय से मिला या नहीं इसकी देखरेख आउटसोर्स निगम ही करेगा।

    कब गठित होगा यूपी आउटसोर्स सेवा निगम?

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट पर अलग-अलग विभागों ने अपने-अपने परामर्श व सुझाव दिए हैं, अब सचिवालय प्रशासन विभाग प्रस्ताव पर मुख्य सचिव का मार्गदर्शन लगा। मुख्यमंत्री की सहमति लेने के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष स्वीकृत के लिए रखा जाएगा, स्वीकृति मिलने के बाद यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन होगा।

    पहले की तरह मानदेय एजेंसियों के द्वारा दिया जाएगा ! मिला सुझाव

    पहले की तरह मानदेय एजेंसियों के द्वारा दिया जाने का परामर्श , परामर्शी विभागों के द्वारा सुझाव के रूप में दिया गया है सचिवालय प्रशासन विभाग के द्वारा निगम के गठन के लिए इन विभागों में परामर्श के लिए भेजे गए प्रस्ताव में प्रस्तावित किया गया था कि कर्मचारियों के मानदेय निगम के माध्यम से किया जाएगा।

    आउटसोर्स की भर्ती चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर अन्य सभी श्रेणी में सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से की जाएंगी

    प्रस्तावित मसौदे में यह सुनिश्चित किया गया है , किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को एजेंसियां अपने स्तर से हटा नहीं सकेंगी। आउटसोर्स की भर्ती चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर सभी श्रेणी में सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। अब तक अलग-अलग कंपनियों के द्वारा चतुर्थ श्रेणी की भर्ती सेवायोजन पोर्टल पर आवेदन आमंत्रित करके जा रही थी।

  • UP Outsourcing Employee Salary Chart: आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट हुई जारी , इस आधार पर मिलेगी सैलरी

    UP Outsourcing Employee Salary Chart: आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट हुई जारी , इस आधार पर मिलेगी सैलरी

    UP Outsourcing Employee Salary Chart: उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं , उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ाने और आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर निर्धारित सैलरी और पीएफ का पैसा जमा करने के लिए यह कदम उठाया गया है। यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारी को सैलरी दी जाएगी इसके अलावा समय पर आउटसोर्स कर्मचारी के बैंक अकाउंट में निगम के द्वारा पीएफ का पैसा भी जमा होगा।

    आउटसोर्स कर्मचारी की देखरेख के लिए इस सेवा निगम का गठन किया जा रहा है, इस निगम के गठन के बाद अब सैलरी देने का जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम ( UTTAR PRADESH OUTSOURCE SEVA NIGAM) को दी गई है। कई वर्षों से हो रहे आउटसोर्स कर्मचारियों पर उत्पीड़न को रोकने और भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाने के लिए यह फैसला किया गया है। निगम के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट (UP Outsourcing Salary Chart) भी जारी की गई है।

    आउटसोर्स कर्मचारियों को कैसे मिलेगी सैलरी?

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी , उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा उनकी योग्यता और पद के अनुसार दिया जाएगा। आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा कर्मचारियों को चार श्रेणी में बांटा गया है जिसमें स्नातक पास शैक्षिक योग्यता वाले लोगों को श्रेणी 1 और श्रेणी 2 के अंतर्गत रखा गया है , 12वीं पास अभ्यर्थियों को श्रेणी 1 के अंतर्गत रखा गया है , वहीं 10वीं पास अभ्यर्थियों को श्रेणी 4 (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) के अंतर्गत रखा गया है।

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    UP Outsourcing Salary Chart: इस आधार पर मिलेगी आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी उनके पद की श्रेणी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दी जाएगी।

    UP Outsource Seva Nigam के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार पदों के नाम, पदों की श्रेणी और सैलरी की जानकारी व टेबल नीचे दी गई है।

    क्र.सं.श्रेणीशैक्षिक योग्यतामानदेय की नियत दर (प्रतिमाह) (रु०)
    1.लेक्चरर / शोधकत्री / असिस्टेंट प्रोफेसर / एसोसिएट प्रोफेसर / प्रोफेसर / असिस्टेंट लाइब्रेरियन / कॉलेज लाइब्रेरियनस्नातक एवं उच्चतर अर्हता25,000/-
    2.सीनियर टीचर / शोधकत्री / वरीय शोध सहायक / डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट / कनिष्ठ अभियन्तास्नातक एवं तकनीकी अर्हता21,000/-
    3.कनिष्ठ टीचर / शोधकत्री / कनिष्ठ शोध सहायक / प्रयोगशाला सहायक / डाटा प्रोसेसिंग ऑपरेटर / स्टोर कीपर / टेलीफोन ऑपरेटर / टाइपिस्ट / स्टेनोग्राफर / ड्राइवर / वाहन चालक आदिइंटरमीडिएट उत्तीर्ण18,000/-
    4.कनिष्ठ स्थानीय कर्मचारी / समकक्ष पद / भृत्य / कुक / चौकीदार / लिफ्ट अटेंडेंट एवं समकक्ष पद / सफाई कर्मचारी / अटेंडेंट / अनुसेवक / माली / स्वीपर एवं समकक्ष आदिकक्षा – 10 / समकक्ष उत्तीर्ण15,000/-

    UP Outsourcing: सैलरी के साथ-साथ कर्मचारियों को मिलेंगे अन्य कई सारे फायदे

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद कर्मचारियों को सैलरी के साथ-साथ अन्य कई बेनिफिट्स दिए जाएंगे। इसमें स्वास्थ्य से लेकर के पेंशन तक की सुविधा शामिल है।

    • सेवा निगम के गठन के बाद आउटसोर्स कर्मचारी का ईपीएफ (EPF) और ESI का खाता समय पर खुल पाएगा और कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में निर्धारित समय पर पीएफ (Employee provident fund) का पैसा जमा होगा।
    • दूसरा सबसे बड़ा फायदा, कर्मचारियों को 12 इमरजेंसी छुट्टियां दी जाएगी।
    • कर्मचारियों को 10 दिन का मेडिकल अवकाश / छुट्टी भी मिलेगा।
    • अगर किसी आउटसोर्स कर्मचारी को किसी दूसरे कार्य के लिए लगाया जाता है , तो उसका अलग से भुगतान कर्मचारियों को किया जाएगा।
    • कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में निर्धारित समय पर वेतन मिलेगी।
    • कर्मचारियों का दुर्घटना बीमा भी होगा, सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये तक की सहायता राशि परिवार को दी जाएगी वहीं दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये तक की परिवार को मदद की जाएगी।
    • आउटसोर्स कर्मचारी की किसी कारण बस मृत्यु होने पर उसका पेंशन उसकी पत्नी व माता-पिता को दिया जाएगा।
    • आउटसोर्स कर्मचारी के निशुल्क इलाज की भी व्यवस्था व सुविधा दी जाएगी।
    • कर्मचारियों के बच्चे को ESI मेडिकल कॉलेज में आरक्षण भी मिलेगा।
    • कर्मचारियों को उनके पद, पद की श्रेणी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सैलरी दी जाएगी।
    • महिलाओं को विशेष सुविधाएं दी जाएगी जिसमें 180 दिन की पेट छुट्टी , 42 दिन की पेड मिसकैरेज छुट्टी , बीमारी की छुट्टी 91 दिन तक 70% वेतन के साथ दी जाएगी।

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    आउटसोर्स सेवा निगम के गठन से सरकार को होगा बड़ा फायदा

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा फायदा होने वाला है , अब तक आउटसोर्स कर्मचारियों का सिलेक्शन अलग-अलग प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा किया जाता था , एजेंसी पर सरकार को काफी पैसे खर्च करने पड़ते थे, हालांकि अब खुद का आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद एजेंसियों पर हो रहे 22.5% तक के खर्च को कम जा सकता है। सरकार के द्वारा यह खर्च अब तक एजेंसियों को कमीशन और जीएसटी के रूप में देने पड़ते थे।

  • UP Outsourcing Good News: यूपी संविदा कर्मियों को बड़ी सौगात, अब 20 हजार सैलरी के साथ पेंशन भी

    UP Outsourcing Good News: यूपी संविदा कर्मियों को बड़ी सौगात, अब 20 हजार सैलरी के साथ पेंशन भी

    UP Outsourcing Good News: यूपी आउटसोर्सिंग को लेकर बड़ी खबर आई है। उत्तर प्रदेश में काम कर रहे लाखों आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। यूपी सरकार अब इन कर्मचारियों की भलाई और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक नई योजना लेकर आ रही है। इस योजना का नाम है – उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम।

    यह निगम खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए बनाया जा रहा है जो संविदा या ठेके पर एजेंसियों के ज़रिए विभिन्न सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि इन कर्मचारियों को भी वे सभी सुविधाएं मिलें जो किसी स्थायी सरकारी कर्मचारी को मिलती हैं, जैसे – पेंशन, मेडिकल सुविधा, बीमा, और निश्चित वेतन। क्या है पूरा मामला आइये जानतें हैं आर्टिकल की मदद से, बस आपको इसके साथ अंत तक बने रहना है।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम क्या है

    यह एक सरकारी निकाय (संस्था) होगा जो राज्य में आउटसोर्सिंग के ज़रिए काम करने वाले कर्मचारियों का प्रबंधन करेगा। इस निगम के गठन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अब इसे लागू करने के अंतिम चरण में भेजा जा रहा है।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम मुख्य उद्देश्य कुछ इस प्रकार है। उत्तर प्रदेश के तमाम आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन दिलाना। सभी कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा, बीमा, अवकाश, और पेंशन देना। सभी कर्मचारियों का शोषण रोकना और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देना। सरकार का यह फैसला संविदा कर्मचारियों के हित के लिए है।

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    संविदा कर्मचारियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी

    सरकार ने निगम के ज़रिए कर्मचारियों को निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएं देने की योजना बनाई है:

    1. न्यूनतम वेतन ₹20,000 या उससे अधिक: अब आउटसोर्सिंग के ज़रिए नियुक्त कर्मचारियों को कम से कम ₹20,000 प्रति माह वेतन मिलेगा। अगर किसी पद पर स्थायी कर्मचारी को ज़्यादा वेतन मिलता है, तो आउटसोर्स कर्मी को भी उस पद के मुताबिक वेतन दिया जाएगा।

    2. पेंशन योजना: नौकरी के बाद आर्थिक सुरक्षा के लिए कर्मचारियों को पेंशन देने की योजना है। कर्मचारी को 60 साल की उम्र तक नौकरी करने की अनुमति होगी। रिटायरमेंट के बाद हर महीने ₹1000 से लेकर ₹7000 तक पेंशन दी जाएगी।

    3. बीमा और चिकित्सा सुविधा: दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य बीमा की सुविधा। यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को ₹30 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए कर्मचारी को अलग से कोई बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा।

    4. अवकाश की सुविधा: हर साल 12 आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) और 10 चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) मिलेंगे।

    5. EPF और ESI का लाभ: कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए EPF (Provident Fund) और ESI (Employee State Insurance) का प्रावधान किया गया है।

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    कर्मचारियों को वेतन किसके माध्यम से मिलेगा

    शुरुआती प्रस्ताव में यह बात रखी गई थी कि वेतन निगम द्वारा सीधे कर्मचारियों को दिया जाएगा। लेकिन अब वित्त, कार्मिक और न्याय विभाग ने सुझाव दिया है कि मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखा जाए। यानी वेतन एजेंसियों के माध्यम से ही मिलेगा, लेकिन निगम उस पर पूरी निगरानी रखेगा ताकि वेतन में किसी तरह की देरी या गड़बड़ी न हो। इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिया जाएगा।

  • UP Outsourcing: कब तक होगा यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन? यहां जाने पूरी डिटेल्स

    UP Outsourcing: कब तक होगा यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन? यहां जाने पूरी डिटेल्स

    UP Outsourcing Employee: उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के हित के लिए बड़ा कदम उठाया गया है , आउटसोर्स कर्मचारियों के भर्ती से लेकर के सैलरी देने तक का पूरा जिम्मेदारी अब सरकार निगम को सौंपने तक जा रही है, इसके लिए जल्द ही उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जाएगा , गठन के बाद अलग-अलग एजेंसियों की मनमानी जा सके और भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होगी। हालांकि कब तक प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम का गठन होगा? आईए जानते हैं पूरी डिटेल्स।

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन होने के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ-साथ सरकार को भी फायदे मिलेंगे , कर्मचारियों के लिए निगम के भर्ती , सैलरी और अलग-अलग लाभ व सेवा से जुड़ा काम पूरा करेगी। वहीं इसमें सरकार को भी फायदा होगा क्योंकि अब तक सरकार के द्वारा लगभग 22% तक का खर्च एजेंसियों के लिए करना पड़ता है।

    कब तक होगा यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन? पढ़ें

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी के लिए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया गया, इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है , निगम के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा , कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद निगम के गठन की पूरी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद आउटसोर्स कर्मचारी को कई सारे लाभ भी मिलेंगे , जिसमें कर्मचारियों को समय से सैलरी, PF, और छुट्टी भी मिलेगी।

    गैर लाभकारी संस्था के रूप में होगा निगम का गठन , मिलेंगे कई फायदे

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन कंपनी एक्ट में गैर लाभकारी संस्था के रूप में किया जाएगा , निगम भर्ती प्रक्रिया को केंद्रीकृत रखेगा। निगम के द्वारा अलग-अलग विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी की तैनाती की जाएगी, विभागों की आवश्यकता अनुसार निगम के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती होगी। कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में समय से पैसा भेजने, भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने , कर्मचारियों को समय-समय पर लाभ देने और कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित करने में निगम की जिम्मेवारी होगी।

    क्यों जरूरी है यूपी सेवा निगम का गठन!

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन का कार्य बहुत जरूरी है , कई वर्षों से यूपी में आउटसोर्स और संविदा कर्मचारी कार्य कर रहे हैं , इन कर्मचारियों को कई सारी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं , क्योंकि इसमें कर्मचारियों की देखरेख अब तक एजेंसियों के द्वारा की जा रही है। अप आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद आउटसोर्स कर्मचारी की देखरेख निगम के द्वारा किया जाएगा। निगम का गठन इसलिए जरूरी है क्योंकि आउटसोर्स कर्मचारी को अस्थाई कर्मचारियों के जैसी सुविधाएं अब तक नहीं मिल पाती थी, निगम के गठन के बाद कर्मचारियों के वेतन को समय पर दिया जाएगा, वहीं कर्मचारी भविष्य निधि खाते में पैसा भी समय जमा होगा। कर्मचारियों को दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ इलाज के लिए छुट्टियां भी दी जाएगी। निगम के गठन के बाद हर कर्मचारी की नौकरी सुरक्षित और सम्मानजनक होगी।