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  • UP Outsourcing Employee Salary: यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना मिलेगा सैलरी ? यहां देखें पूरी डिटेल्स

    UP Outsourcing Employee Salary: यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना मिलेगा सैलरी ? यहां देखें पूरी डिटेल्स

    UP Outsourcing Employee Salary: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग विभागों और कार्यालय में आउटसोर्स के आधार पर कार्य कर रहे लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी अपडेट है। उत्तर प्रदेश सरकार आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है , अब उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी को सरकारी कर्मचारियों की तरह उनके पद और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सैलरी दी जाएगी। इसके लिए आउटसोर्स सेवा निगम के ड्राफ्ट में आउटसोर्स कर्मचारी को कुल चार श्रेणियां में विभाजित किया गया है। प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग शैक्षणिक योग्यता और सैलरी निर्धारित की गई है।

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया औपचारिक रूप में है , इसके गठन को लेकर परामर्शीय विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं अब इस प्रस्ताव पर कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे गठित किया जाएगा। आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद कर्मचारियों की बैंक अकाउंट में निर्धारित टाइम पर सैलरी मिलेगी इसके अलावा कर्मचारियों पर हो रहे एजेंसियों के उत्पीड़न की भी समस्या समाप्त होगी।

    यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना मिलेगा सैलरी ?

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स के आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को उनके पद के अनुसार 15000 रुपये से लेकर 25000 रुपये महीने की सैलरी दी जाएगी , सैलरी के अलावा कर्मचारियों को अन्य भत्ते और लाभ भी दिए जाएंगे।

    Group A: प्रथम श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी की सैलरी

    लेक्चरर / शोधकत्री / असिस्टेंट प्रोफेसर / एसोसिएट प्रोफेसर / प्रोफेसर / असिस्टेंट लाइब्रेरियन / कॉलेज लाइब्रेरियन

    • शैक्षिक योग्यता: स्नातक एवं उच्चतर अर्हता
    • मानदेय (प्रतिमाह): ₹25,000/-

    Group B: द्वितीय श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी

    सीनियर टीचर / शोधकत्री / वरीय शोध सहायक / डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट / कनिष्ठ अभियन्ता

    • शैक्षिक योग्यता: स्नातक एवं तकनीकी अर्हता
    • मानदेय (प्रतिमाह): ₹21,000/-

    Group C : तृतीय श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी की सैलरी

    कनिष्ठ टीचर / शोधकत्री / कनिष्ठ शोध सहायक / प्रयोगशाला सहायक / डाटा प्रोसेसिंग ऑपरेटर / स्टोर कीपर / टेलीफोन ऑपरेटर / टाइपिस्ट / स्टेनोग्राफर / ड्राइवर / वाहन चालक आदि

    • शैक्षिक योग्यता: इंटरमीडिएट उत्तीर्ण
    • मानदेय (प्रतिमाह): ₹18,000/-

    Group D: चतुर्थ श्रेणी का आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी

    कनिष्ठ स्थानीय कर्मचारी / समकक्ष पद / भृत्य / कुक / चौकीदार / लिफ्ट अटेंडेंट एवं समकक्ष पद / सफाई कर्मचारी / अटेंडेंट / अनुसेवक / माली / स्वीपर एवं समकक्ष आदि

    • शैक्षिक योग्यता: कक्षा – 10 / समकक्ष उत्तीर्ण
    • मानदेय (प्रतिमाह): ₹15,000/-

    यूपी आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा बीमा, पेंशन के साथ अन्य लाभ

    उत्तर प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारी को सैलरी पद पद की सीधी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दी जाएगी , इसके अलावा कर्मचारियों को बीमा, पेंशन के साथ-साथ अन्य लाभ दिए जाएंगे जो निम्न है –

    • समय पर वेतन और PF/ESI: कर्मचारियों को निर्धारित समय पर वेतन मिलेगा, और उनके EPF व ESI खाते समय पर खुलेंगे, जिसमें पीएफ का पैसा भी समय पर जमा होगा।
    • छुट्टियां: 12 इमरजेंसी छुट्टियां , 10 दिन का मेडिकल अवकाश ,
    • महिलाओं को विशेष सुविधाएं जिसमे 180 दिन की पेड मेटरनिटी लीव, 42 दिन की पेड मिसकैरेज लीव, और 91 दिन तक 70% वेतन के साथ बीमारी की छुट्टी।
    • अतिरिक्त भुगतान: यदि किसी कर्मचारी को दूसरे कार्य के लिए लगाया जाता है, तो उसका अलग से भुगतान किया जाएगा।
    • बीमा और सहायता राशि: कर्मचारियों का दुर्घटना बीमा का लाभ भी मिलेगा। सामान्य मृत्यु पर परिवार को 2 लाख रुपये और दुर्घटना में मृत्यु पर 5 लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
    • पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसकी पेंशन उसकी पत्नी और माता-पिता को दी जाएगी।
    • स्वास्थ्य सुविधाएं : आउटसोर्स कर्मचारियों के निशुल्क इलाज की व्यवस्था होगी।
    • शैक्षणिक लाभ: आउटसोर्स कर्मचारियों के बच्चों को ESI मेडिकल कॉलेज में आरक्षण मिलेगा।

    यूपी में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया चल रही है , भीम अपने औपचारिक रूप में है , सेवा निगम के गठन के प्रस्ताव पर परामर्शीय विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं अब इसे कैबिनेट में प्रस्तुत की जाएगी।

  • UP Contract Employees Regularization: UP संविदा कर्मचारियों को मिलेगा स्थायी रोजगार! आदेश जारी पूरा मामला यहाँ पढ़ें

    UP Contract Employees Regularization: UP संविदा कर्मचारियों को मिलेगा स्थायी रोजगार! आदेश जारी पूरा मामला यहाँ पढ़ें

    UP Contract Employees Regularization: उत्तर प्रदेश सरकार ने तमाम संविदा कर्मचारियों और अस्थाई कर्मचारियों के लिए लिया बड़ा फैसला। राज्य सरकार ने ऐलान किया है जितने भी संविदा और अस्थाई कर्मचारी जो कॉविड काल से काम कर रहे हैं उनका अब समायोजन यानी कि Regularization किया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि जितने भी संविदा कर्मचारी जो कॉविड काल से काम कर रहे हैं अब उनको स्थाई यानी की पक्की नौकरी का मौका दिया जाएगा। क्या है यह पूरा मामला आइए जानते हैं इस पोस्ट के माध्यम से आपसे अनुरोध है कि इस लेख के साथ अंत तक बन रहे।

    ये समायोजन का क्या मतलब होता है

    आप में से काफी लोग सोच रहे होंगे कि यह समायोजन का मतलब क्या होता है। समायोजन का मतलब एक प्रक्रिया है जिसके तहत संविदा कर्मचारियों को सरकारी व्यवस्था में शामिल किया जाता है। जितने भी संविदा या अस्थाई कर्मचारी थे उनका समायोजन के तहत स्थाई यानी की पक्की नौकरी में शामिल किया जाएगा। उनसे दोबारा काम लिया जाएगा और इन्हें स्थाई कर्मचारियों की तरह सुविधा दी जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी यानी कि CMO को इसके बारे में पत्र भेज दिया गया है जल्द से जल्द इस समायोजन पर कार्रवाई करने को कहा गया है।

    इससे किन किन कर्मचारियों को फायदा होगा

    चलिए अब बताते हैं कि यह समायोजन से किन-किन संविदा कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। जो कर्मचारी कोरोना महामारी के समय से संविदा, अस्थाई या आउटसोर्स पर काम कर रहे थे उनको पक्की नौकरी का मौका मिलेगा। जो कर्मचारी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्वास्थ्य विभाग, अस्पताल या किसी अन्य इकाई में काम कर रहे थे उनको भी पक्की नौकरी का मौका मिलेगा। बता दे कि इससे पहले 1834 कर्मचारियों का समायोजन हो चुका है यानि की उनकी नौकरी पक्की हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब 676 कर्मचारियों को स्थाई करने का आदेश जारी किया जाए।

    कुल 8 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के लिए बना है यह निगम

    मीडिया रिपोर्ट से मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने एक निगम का संगठन किया है जिसका नाम है “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” यह निगम तकरीबन 8,30,000 संविदा कर्मचारियों के लिए बनाया गया है। इस निगम का मुख्य काम है इन सभी आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती करना इनका वेतन और उनके सारे सुविधाओं पर नजर रखना। इस निगम के लागू होने के बाद आउटसोर्स कर्मचारी को मिलने वाली सैलरी 18000 प्रति महीना से लेकर ₹25000 प्रति महीना तक कर दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आउटसोर्स निगम को जल्दी कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी मिल सकती है। मंजूरी मिलने के बाद कर्मचारियों को नई-नई सुविधा मिले शुरू हो जाएगी।

  • UP Outsourcing: खुशखबरी! आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा कम से कम 18,000 रुपये वेतन , जानें वजह

    UP Outsourcing: खुशखबरी! आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा कम से कम 18,000 रुपये वेतन , जानें वजह

    UP Outsourcing: उत्तर प्रदेश में कार्यरत 7 लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है! उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारी के लिए अलग-अलग इंतजाम किए जा रहे हैं, सरकार कर्मचारियों के हित में आउटसोर्स सेवा निगम का गठन कर रही है। आउटसोर्स कर्मचारी को हर महीने कम से कम यानी न्यूनतम मजदूरी 18000 रुपए मिले इसकी भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया चल रही है , कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद सेवन निगम का गठन कर दिया जाएगा।

    आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के प्रक्रिया में ड्राफ्ट पर अब तक परामर्शी विभागों के द्वारा सुझाव दिया गया है सुझाव में कई बातों का जिक्र किया गया है , सुझाव में बताया गया है कि आउटसोर्स कर्मचारी को सैलरी पहले की तरह से एजेंसियों के द्वारा दिया जाएगा।

    आउटसोर्स कर्मचारियों को कम से कम 18000 रुपए दी जाए , उठी इसकी मांग

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से पूरी की जा रही है, हालांकि मांग उठ रही है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को कम से कम 18000 रुपए मानदेय दिया जाए, आउटसोर्स कर्मचारी को 18 हजार रुपये मानदेय देने को लेकर प्रस्तावित किया जा रहा है इसके अलावा इन्हें सैलरी एजेंसी के द्वारा ना देकर के निगम के द्वारा दिया जाने का प्रावधान भी शामिल करने का प्रस्ताव है। ड्राफ्ट के अनुसार मंडे एजेंसी के द्वारा ना देकर निगम के द्वारा दिया जाने का प्रस्तावित किया गया है हालांकि परामर्शी विभागों ने ऐसे उल्टा कर दिया पहले की तरह रखा है।

    कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष JN तिवारी ने 22 मई को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव की मुलाकात

    इस बात को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष JN तिवारी ने 22 मई को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी, उन्होंने कहा कि शासन के परामर्शी विभागों , कार्मिक व न्याय विभाग ने आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय के भुगतान की प्रक्रिया पहले की तरह एजेंसी द्वारा रखने और लागू करने को प्रस्तावित किया है। हालांकि अब तक की कोई ताजी अपडेट जाने नहीं आई है।

  • PF Balance Check: यूपी के आउटसोर्स कर्मचारी ऐसे चेक करें पीएफ का बैलेंस , देखें PF मिल रहा या नहीं

    PF Balance Check: यूपी के आउटसोर्स कर्मचारी ऐसे चेक करें पीएफ का बैलेंस , देखें PF मिल रहा या नहीं

    PF Balance Check: अगर आप उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स के तहत कार्यरत कर्मचारी है या यूपी में संविदा या प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं और तो आपको जरूर हर महीने पीएफ मिल रहा होगा। आपके अकाउंट में पीएफ का पैसा समय-समय पर आ रहा है या नहीं आ रहा है इसे आप अपना पीएफ बैलेंस और पासबुक चेक कर ही पता कर सकते हैं।

    उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स के आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को सैलरी के साथ उनको हर महीने PF भी दिया जाता है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी , बेसिक शिक्षा विभाग , यूपी परिवहन निगम विभाग के अलावा अन्य विभागों में कार्यरत सभी कर्मचारियों के खाते में हर महीने पीएफ का पैसा जमा किया जाता है। अब तक आपका पीएफ अकाउंट में कुल कितने पैसे जमा हो चुके हैं इसे आप अपना पीएफ पासबुक चेक कर पता लगा सकते हैं।

    आउटसोर्स कर्मचारियों को हर महीने मिलता है पीएफ

    कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के द्वारा प्राइवेट कर्मचारियों के साथ-साथ समस्त आउटसोर्स कर्मचारी (Outsource Employee) को रिटायरमेंट और जरूरी कामकाज के लिए पीएफ अकाउंट खोले जाते हैं। पीएफ अकाउंट में कंपनी , निगम के द्वारा कर्मचारी की सैलरी के 12% हिस्से को पीएफ अकाउंट में जमा किया जाता है वहीं कर्मचारियों के बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (Basic Salary+ DA) से भी 12% तक की धनराशि पीएफ अकाउंट में जमा की जाती है।

    अगर किसी आउटसोर्स कर्मचारी की अनुमानित सैलरी ₹10000 है तो कंपनी के द्वारा और कर्मचारियों के द्वारा हर महीने 12-12 हजार रुपये पीएफ अकाउंट में जमा किए जाएगा। पीएफ अकाउंट के बैलेंस का उपयोग कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद उपयोग में ला सकते हैं।

    PF Balance Check Online: पीएफ अकाउंट बैलेंस देखने का प्रोसेस

    अगर आप जानना चाहते हैं कि पीएफ अकाउंट में अब तक कितने रुपए जमा हो चुके हैं? या आपके खाते में हर महीने पीएफ का पैसा मिल रहा है या नहीं तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें।

    • पीएफ अकाउंट का बैलेंस चेक करने के लिए सबसे पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के ऑफिशियल पासबुक चेक वेबसाइट https://passbook.epfindia.gov.in पर जाएं।
    • वेबसाइट पर पहुंचने के बाद होम पेज पर दिए गए Services पर क्लिक करें और उसके बाद फिर Employee पर क्लिक करें।
    • क्लिक करते ही एक नया विंडो खुलेगा अब यहां पर Member Passbook पर क्लिक करें।
    • क्लिक करते ही लोगों करने का विंडो खुलेगा यहां पर अपना UAN Number और पासवर्ड डालकर लॉगिन करें।
    • लॉगिन होते ही होम स्क्रीन पर आपका पीएफ अकाउंट का बैलेंस और ट्रांजैक्शन हिस्ट्री दिखेगी।

    मिस्ड कॉल से भी चेक कर सकते हैं अपना पीएफ अकाउंट बैलेंस।

    पीएफ अकाउंट का बैलेंस चेक करने का सबसे आसान और कम समय वाला तरीका है, मिस्ड कॉल से पीएफ अकाउंट का बैलेंस चेक करना। पीएफ अकाउंट बैलेंस देखने के लिए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से दिए गए नंबर 9966044425 पर मिस्ड कॉल करें। मिस्ड कॉल करने की कुछ समय पश्चात मैसेज में पीएफ अकाउंट के बैलेंस की पूरी डिटेल्स दिखेगी।

  • Retirement Age Good News: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने का बड़ा फैसला

    Retirement Age Good News: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने का बड़ा फैसला

    Retirement Age Good News: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के द्वारा मांगे जाने वाले रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने वाले मामले पर नया अपडेट आया है। आपको बता दें की कई राज्यों के सरकारी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक, प्रोफेसर, लेक्चरर, और चिकित्सक (Doctors) लंबे समय से उनका यही माँग है की उनके रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 65 साल कर दी जाए। अभी वर्तमान की बात करें तो ज्यादातर कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 या 62 साल है। अब इसमें बदलाव करने की बातें चल रही हैं। इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं की क्या है पूरा मामला, क्यों मांग हो रही है रिटायरमेंट उम्र की और इसपर क्या करवाई हो रही है जानने के लिए अंतिम तक बने रहें।

    रिटायरमेंट ऐज को 60 से 65 करने की मांग

    चलिए अब आपको बताते हैं कि शिक्षक क्यों इस उम्र की मांग कर रहे हैं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिक्षक संगठनों ने सरकार को पत्र लिखा जिसमें साफ-साफ कहा गया कि जैसे उच्च शिक्षा विभाग (कॉलेज या यूनिवर्सिटी) में प्रोफेसर, लेक्चर, शिक्षक या अन्य कर्मचारी 65 साल तक काम करते हैं। वैसे ही स्कूल के शिक्षकों को भी 65 साल तक काम करने का मौका दिया जाए। आपको बता दें कि भारत के अलग-अलग राज्यों से यह मांग उठ रही है।

    वहीं पर मध्य प्रदेश में या मांग सबसे ज्यादा चरम पर है। मध्य प्रदेश में लगभग चार लाख से ज्यादा सरकारी स्कूल शिक्षक हैं जिनको यह रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है और वह चाहतें हैं की अब उनका रिटायरमेंट उम्र 65 साल तक हो जाए। काफी सारे शिक्षकों का कहना है कि वह अभी शारीरिक और मानसिक रूप से फिट है। उनका अनुभव बच्चों और शिक्षा विभाग को बहुत काम आता है। अगर 3 साल और ज्यादा पढ़ने का मौका मिले तो छात्रों को और शिक्षा विभाग को और ज्यादा लाभ देखने को मिल सकता है।

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    सरकार का इसपर क्या मानना है

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार शिक्षकों द्वारा मांगी गई इस माँग पर गंभीरता से विचार कर रही है। जल्द ही यह तय किया जा सकता है कि शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 62 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दी जाए। अगर ऐसे होता है तो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे राज्यों (जैसे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश) को राहत मिलेगी। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शिक्षकों का अनुभव छात्रों और नए शिक्षकों को लाभ देगा।

    दूसरे राज्यों का क्या हाल है

    सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के शिक्षक भी यही माँग कर रहे हैं कि रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई जाए। कई कर्मचारी संगठनों ने भी मांग की है कि सभी सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दी जाए।

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    UP Contract Employees Salary Hike: यूपी के 8 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, जाने पूरी रिपोर्ट

    UP Contract Employees Salary Hike: महत्वपूर्ण अपडेट सामने आ रही है उत्तर प्रदेश की तरफ से, यूपी के जितने भी संविदा कर्मचारी हैं उनको यह अपडेट अवश्य पढ़ना चाहिए। यूपी में अलग-अलग सरकारी विभागों में काम कर रहे 8 लाख से ज्यादा आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों के लिए एक बहुत अच्छी खबर आई है। अब इन कर्मचारियों की स्थिति सुधारने और उन्हें बेहतर सुविधा देने के लिए “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UP Outsourcing Services Corporation) का गठन किया गया है।

    अब जानतें हैं की यह निगम क्या है और इस निगम के होने से क्या क्या फायदा होगा ? आपको बता दें की अब तक जितने भी कर्मचारी काम कर रहें हैं वह सब से सब अलग-अलग प्राइवेट एजेंसियों के जरिए भर्ती किए जाते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भर्ती करने के बाद एजेंसियां उनके वेतन से कटौती करती थीं और कई बार उनका शोषण भी करती थीं। लेकिन अब सरकार ने तय किया है कि इन कर्मचारियों को एक सरकारी निगम के जरिए भर्ती और वेतन दिया जाएगा। क्या है पूरा मामला, चलिए जानतें हैं इस लेख के माध्यम से तो अंतिम तक बने रहिएगा।

    कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये महीना

    नई व्यवस्था के अनुसार जितने भी संविदा कर्मचारी अब भर्ती होंगे, अब हर आउटसोर्स कर्मचारी को कम से कम ₹18,000 प्रति माह वेतन मिलेगा ही मिलेगा। आपको बता दें की यह वेतन सरकार द्वारा तय किया गया है, ताकि कोई कर्मचारी इससे कम वेतन न पाए। हालांकि अभी यह वेतन एजेंसी के माध्यम से ही दिया जाएगा, लेकिन कर्मचारी चाहते हैं कि वेतन सीधे निगम के माध्यम से मिले, जिससे एजेंसियों की मनमानी खत्म हो। सरकार के इस बड़े कदम से एजेंसियों को काफी नुकसान देखने को मिलेगा लेकिन कर्मचारियों को इससे काफी फायदा है।

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    संविदा कर्मचारियों की क्या मांगें हैं

    आउटसोर्स संविदा कर्मचारी संगठनों ने सरकार से कुछ महत्वपूर्ण मांगें की हैं जैसे की: वेतन भुगतान की जिम्मेदारी एजेंसी की न होकर निगम की होनी चाहिए। क्योंकि निगम का मकसद ही एजेंसियों के शोषण से छुटकारा दिलाना है, इसलिए अगर वेतन फिर से एजेंसी से ही मिलेगा तो इसका फायदा अधूरा रह जाएगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और महामंत्री अरुणा शुक्ला ने इस मुद्दे को सरकार के सामने रखा है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने भरोसा दिलाया है कि इस पर विचार किया जाएगा।

    निगम द्वारा मिलने वाली कुछ अन्य सुविधाएं

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम द्वारा नई व्यवस्था लागू होने के बाद संविदा कर्मचारियों को केवल वेतन ही नहीं बल्कि और भी कई सरकारी सुविधाएं भी दी जाएँगी जैसे की मेडिकल लीव (बीमारी की छुट्टी), आकस्मिक अवकाश (Casual Leave), मैटरनिटी लीव (महिला कर्मचारियों के लिए प्रसूति अवकाश), न्यूनतम पेंशन ₹1000 से ₹7000 तक, स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता, मेरिट के आधार पर भर्ती (योग्यता के अनुसार चयन), नया चयन केवल निगम के माध्यम से ही किया जाएगा ये सब सुविधाएं एक आउटसोर्स संविदा कर्मचारी को दी जाएगी जो की पहले नहीं दी जाती थी।

    इसे भी पढ़ें:- UP Outsourcing: सेवायोजन पोर्टल से नहीं होगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती , आउटसोर्स निगम के गठन पर विभागों के परामर्श

    कब से लागू किया जाएगा यह नया सिस्टम

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UP Outsourcing Services Corporation) पूरी तरह से तैयार हो चुका है। अब इसे कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। उम्मीद है कि अगली कैबिनेट मीटिंग में इसे पास कर दिया जाएगा। मंजूरी के बाद यह निगम लागू हो जाएगा और सभी नए नियम और सुविधाएं उसी दिन से शुरू कर दी जाएंगी।

  • UP Outsourcing: सेवायोजन पोर्टल से नहीं होगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती , आउटसोर्स निगम के गठन पर विभागों के परामर्श

    UP Outsourcing: सेवायोजन पोर्टल से नहीं होगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती , आउटसोर्स निगम के गठन पर विभागों के परामर्श

    UP Outsourcing: उत्तर प्रदेश में संविदा और आउटसोर्स पर काम कर रहे लाखों कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी अपडेट है, कर्मचारियों के अच्छे दिन जल्द ही आने वाले हैं आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया को लेकर अलग-अलग चरण शुरू है। आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के लिए तैयार प्रस्ताव पर संबंधित विभागों ने अपने-अपने परामर्श सुझाव दिए हैं।

    दिए गए सुझाव के बाद यह बताया जा रहा है कि, कार्मिकों के EPF, ESI, बिना, चिकित्सा और अलग-अलग भत्ते से संबंधित देखरेख और मैनेजमेंट आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा किया जाएगा वहीं कर्मचारियों का मानदेय पहले की तरह एजेंसियों के द्वारा ही दी जाएगी। हालांकि मानदेय समय से मिला या नहीं इसकी देखरेख आउटसोर्स निगम ही करेगा।

    कब गठित होगा यूपी आउटसोर्स सेवा निगम?

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट पर अलग-अलग विभागों ने अपने-अपने परामर्श व सुझाव दिए हैं, अब सचिवालय प्रशासन विभाग प्रस्ताव पर मुख्य सचिव का मार्गदर्शन लगा। मुख्यमंत्री की सहमति लेने के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष स्वीकृत के लिए रखा जाएगा, स्वीकृति मिलने के बाद यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन होगा।

    पहले की तरह मानदेय एजेंसियों के द्वारा दिया जाएगा ! मिला सुझाव

    पहले की तरह मानदेय एजेंसियों के द्वारा दिया जाने का परामर्श , परामर्शी विभागों के द्वारा सुझाव के रूप में दिया गया है सचिवालय प्रशासन विभाग के द्वारा निगम के गठन के लिए इन विभागों में परामर्श के लिए भेजे गए प्रस्ताव में प्रस्तावित किया गया था कि कर्मचारियों के मानदेय निगम के माध्यम से किया जाएगा।

    आउटसोर्स की भर्ती चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर अन्य सभी श्रेणी में सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से की जाएंगी

    प्रस्तावित मसौदे में यह सुनिश्चित किया गया है , किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को एजेंसियां अपने स्तर से हटा नहीं सकेंगी। आउटसोर्स की भर्ती चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर सभी श्रेणी में सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। अब तक अलग-अलग कंपनियों के द्वारा चतुर्थ श्रेणी की भर्ती सेवायोजन पोर्टल पर आवेदन आमंत्रित करके जा रही थी।

  • UP Outsourcing Employee Salary Chart: आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट हुई जारी , इस आधार पर मिलेगी सैलरी

    UP Outsourcing Employee Salary Chart: आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट हुई जारी , इस आधार पर मिलेगी सैलरी

    UP Outsourcing Employee Salary Chart: उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं , उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ाने और आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर निर्धारित सैलरी और पीएफ का पैसा जमा करने के लिए यह कदम उठाया गया है। यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारी को सैलरी दी जाएगी इसके अलावा समय पर आउटसोर्स कर्मचारी के बैंक अकाउंट में निगम के द्वारा पीएफ का पैसा भी जमा होगा।

    आउटसोर्स कर्मचारी की देखरेख के लिए इस सेवा निगम का गठन किया जा रहा है, इस निगम के गठन के बाद अब सैलरी देने का जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम ( UTTAR PRADESH OUTSOURCE SEVA NIGAM) को दी गई है। कई वर्षों से हो रहे आउटसोर्स कर्मचारियों पर उत्पीड़न को रोकने और भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाने के लिए यह फैसला किया गया है। निगम के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट (UP Outsourcing Salary Chart) भी जारी की गई है।

    आउटसोर्स कर्मचारियों को कैसे मिलेगी सैलरी?

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी , उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा उनकी योग्यता और पद के अनुसार दिया जाएगा। आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा कर्मचारियों को चार श्रेणी में बांटा गया है जिसमें स्नातक पास शैक्षिक योग्यता वाले लोगों को श्रेणी 1 और श्रेणी 2 के अंतर्गत रखा गया है , 12वीं पास अभ्यर्थियों को श्रेणी 1 के अंतर्गत रखा गया है , वहीं 10वीं पास अभ्यर्थियों को श्रेणी 4 (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) के अंतर्गत रखा गया है।

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    UP Outsourcing Salary Chart: इस आधार पर मिलेगी आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी उनके पद की श्रेणी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दी जाएगी।

    UP Outsource Seva Nigam के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार पदों के नाम, पदों की श्रेणी और सैलरी की जानकारी व टेबल नीचे दी गई है।

    क्र.सं.श्रेणीशैक्षिक योग्यतामानदेय की नियत दर (प्रतिमाह) (रु०)
    1.लेक्चरर / शोधकत्री / असिस्टेंट प्रोफेसर / एसोसिएट प्रोफेसर / प्रोफेसर / असिस्टेंट लाइब्रेरियन / कॉलेज लाइब्रेरियनस्नातक एवं उच्चतर अर्हता25,000/-
    2.सीनियर टीचर / शोधकत्री / वरीय शोध सहायक / डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट / कनिष्ठ अभियन्तास्नातक एवं तकनीकी अर्हता21,000/-
    3.कनिष्ठ टीचर / शोधकत्री / कनिष्ठ शोध सहायक / प्रयोगशाला सहायक / डाटा प्रोसेसिंग ऑपरेटर / स्टोर कीपर / टेलीफोन ऑपरेटर / टाइपिस्ट / स्टेनोग्राफर / ड्राइवर / वाहन चालक आदिइंटरमीडिएट उत्तीर्ण18,000/-
    4.कनिष्ठ स्थानीय कर्मचारी / समकक्ष पद / भृत्य / कुक / चौकीदार / लिफ्ट अटेंडेंट एवं समकक्ष पद / सफाई कर्मचारी / अटेंडेंट / अनुसेवक / माली / स्वीपर एवं समकक्ष आदिकक्षा – 10 / समकक्ष उत्तीर्ण15,000/-

    UP Outsourcing: सैलरी के साथ-साथ कर्मचारियों को मिलेंगे अन्य कई सारे फायदे

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद कर्मचारियों को सैलरी के साथ-साथ अन्य कई बेनिफिट्स दिए जाएंगे। इसमें स्वास्थ्य से लेकर के पेंशन तक की सुविधा शामिल है।

    • सेवा निगम के गठन के बाद आउटसोर्स कर्मचारी का ईपीएफ (EPF) और ESI का खाता समय पर खुल पाएगा और कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में निर्धारित समय पर पीएफ (Employee provident fund) का पैसा जमा होगा।
    • दूसरा सबसे बड़ा फायदा, कर्मचारियों को 12 इमरजेंसी छुट्टियां दी जाएगी।
    • कर्मचारियों को 10 दिन का मेडिकल अवकाश / छुट्टी भी मिलेगा।
    • अगर किसी आउटसोर्स कर्मचारी को किसी दूसरे कार्य के लिए लगाया जाता है , तो उसका अलग से भुगतान कर्मचारियों को किया जाएगा।
    • कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में निर्धारित समय पर वेतन मिलेगी।
    • कर्मचारियों का दुर्घटना बीमा भी होगा, सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये तक की सहायता राशि परिवार को दी जाएगी वहीं दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये तक की परिवार को मदद की जाएगी।
    • आउटसोर्स कर्मचारी की किसी कारण बस मृत्यु होने पर उसका पेंशन उसकी पत्नी व माता-पिता को दिया जाएगा।
    • आउटसोर्स कर्मचारी के निशुल्क इलाज की भी व्यवस्था व सुविधा दी जाएगी।
    • कर्मचारियों के बच्चे को ESI मेडिकल कॉलेज में आरक्षण भी मिलेगा।
    • कर्मचारियों को उनके पद, पद की श्रेणी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सैलरी दी जाएगी।
    • महिलाओं को विशेष सुविधाएं दी जाएगी जिसमें 180 दिन की पेट छुट्टी , 42 दिन की पेड मिसकैरेज छुट्टी , बीमारी की छुट्टी 91 दिन तक 70% वेतन के साथ दी जाएगी।

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    आउटसोर्स सेवा निगम के गठन से सरकार को होगा बड़ा फायदा

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा फायदा होने वाला है , अब तक आउटसोर्स कर्मचारियों का सिलेक्शन अलग-अलग प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा किया जाता था , एजेंसी पर सरकार को काफी पैसे खर्च करने पड़ते थे, हालांकि अब खुद का आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद एजेंसियों पर हो रहे 22.5% तक के खर्च को कम जा सकता है। सरकार के द्वारा यह खर्च अब तक एजेंसियों को कमीशन और जीएसटी के रूप में देने पड़ते थे।

  • UP Outsourcing Good News: यूपी संविदा कर्मियों को बड़ी सौगात, अब 20 हजार सैलरी के साथ पेंशन भी

    UP Outsourcing Good News: यूपी संविदा कर्मियों को बड़ी सौगात, अब 20 हजार सैलरी के साथ पेंशन भी

    UP Outsourcing Good News: यूपी आउटसोर्सिंग को लेकर बड़ी खबर आई है। उत्तर प्रदेश में काम कर रहे लाखों आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। यूपी सरकार अब इन कर्मचारियों की भलाई और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक नई योजना लेकर आ रही है। इस योजना का नाम है – उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम।

    यह निगम खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए बनाया जा रहा है जो संविदा या ठेके पर एजेंसियों के ज़रिए विभिन्न सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि इन कर्मचारियों को भी वे सभी सुविधाएं मिलें जो किसी स्थायी सरकारी कर्मचारी को मिलती हैं, जैसे – पेंशन, मेडिकल सुविधा, बीमा, और निश्चित वेतन। क्या है पूरा मामला आइये जानतें हैं आर्टिकल की मदद से, बस आपको इसके साथ अंत तक बने रहना है।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम क्या है

    यह एक सरकारी निकाय (संस्था) होगा जो राज्य में आउटसोर्सिंग के ज़रिए काम करने वाले कर्मचारियों का प्रबंधन करेगा। इस निगम के गठन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अब इसे लागू करने के अंतिम चरण में भेजा जा रहा है।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम मुख्य उद्देश्य कुछ इस प्रकार है। उत्तर प्रदेश के तमाम आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन दिलाना। सभी कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा, बीमा, अवकाश, और पेंशन देना। सभी कर्मचारियों का शोषण रोकना और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देना। सरकार का यह फैसला संविदा कर्मचारियों के हित के लिए है।

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    संविदा कर्मचारियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी

    सरकार ने निगम के ज़रिए कर्मचारियों को निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएं देने की योजना बनाई है:

    1. न्यूनतम वेतन ₹20,000 या उससे अधिक: अब आउटसोर्सिंग के ज़रिए नियुक्त कर्मचारियों को कम से कम ₹20,000 प्रति माह वेतन मिलेगा। अगर किसी पद पर स्थायी कर्मचारी को ज़्यादा वेतन मिलता है, तो आउटसोर्स कर्मी को भी उस पद के मुताबिक वेतन दिया जाएगा।

    2. पेंशन योजना: नौकरी के बाद आर्थिक सुरक्षा के लिए कर्मचारियों को पेंशन देने की योजना है। कर्मचारी को 60 साल की उम्र तक नौकरी करने की अनुमति होगी। रिटायरमेंट के बाद हर महीने ₹1000 से लेकर ₹7000 तक पेंशन दी जाएगी।

    3. बीमा और चिकित्सा सुविधा: दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य बीमा की सुविधा। यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को ₹30 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए कर्मचारी को अलग से कोई बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा।

    4. अवकाश की सुविधा: हर साल 12 आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) और 10 चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) मिलेंगे।

    5. EPF और ESI का लाभ: कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए EPF (Provident Fund) और ESI (Employee State Insurance) का प्रावधान किया गया है।

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    कर्मचारियों को वेतन किसके माध्यम से मिलेगा

    शुरुआती प्रस्ताव में यह बात रखी गई थी कि वेतन निगम द्वारा सीधे कर्मचारियों को दिया जाएगा। लेकिन अब वित्त, कार्मिक और न्याय विभाग ने सुझाव दिया है कि मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखा जाए। यानी वेतन एजेंसियों के माध्यम से ही मिलेगा, लेकिन निगम उस पर पूरी निगरानी रखेगा ताकि वेतन में किसी तरह की देरी या गड़बड़ी न हो। इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिया जाएगा।

  • UP Outsourcing: सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम में अस्सिटेंट अकाउंटेंट का नोटिफिकेशन जारी , ऐसे करें अप्लाई

    UP Outsourcing: सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम में अस्सिटेंट अकाउंटेंट का नोटिफिकेशन जारी , ऐसे करें अप्लाई

    UP Outsourcing , Assistant Accountant: उत्तर प्रदेश सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम विभाग के अंतर्गत आउटसोर्स के आधार पर अस्सिटेंट अकाउंटेंट के पोस्ट पर नोटिफिकेशन सेवायोजन पोर्टल पर जारी किया गया है। यह नोटिफिकेशन सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम विभाग के फिरोजाबाद ,लखनऊ , अयोध्या और आगरा जनपद के लिए जारी किया गया है। नोटिफिकेशन के अनुसार कुल पांच अस्सिटेंट अकाउंटेंट की आपूर्ति की जानी है।

    ऐसे अभ्यर्थी जो यूपी में आउटसोर्स के आधार पर नौकरी पाना चाहते हैं, उन सभी के लिए सरकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम विभाग में अस्सिटेंट अकाउंटेंट बनने का शानदार अवसर है। इसके लिए किसी प्रकार की लिखित परीक्षा नहीं देनी होगी बल्कि अभ्यर्थियों का सिलेक्शन मेरिट बस साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। अनुभव प्राप्त अभ्यर्थियों को वरीयता भी दी जाएगी।

    कौन कर सकते हैं आवेदन?

    अस्सिटेंट अकाउंटेंट के लिए 21 वर्ष से लेकर 35 वर्ष की अभ्यर्थी जिन्होंने वाणिज्य से स्नातक किया है वे आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। अनुभव पर अपने अभ्यर्थियों को वरीयता जाएगी।

    कैसे करें आवेदन?

    इसके लिए ऑनलाइन आवेदन फार्म उत्तर प्रदेश सरकार के सेवायोजन पोर्टल https://sewayojan.up.nic.in पर रजिस्ट्रेशन करके भर सकते हैं। आवेदन फॉर्म भरने के लिए सबसे पहले सेवायोजन पोर्टल पर जाएं और Private और Outsourcing पर क्लिक करें। क्लिक करने के बाद प्रदेश में चल रही अलग-अलग विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी का नोटिफिकेशन दिख जाएगा , उत्तर प्रदेश सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम विभाग में अस्सिटेंट अकाउंटेंट के लिए “आवेदन करें” पर क्लिक आवेदन कर सकते हैं।