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  • UP News: जल्द होगी सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की बंपर भर्ती , 10वीं पास अभ्यर्थियों को मिलेगा मौका

    UP News: जल्द होगी सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की बंपर भर्ती , 10वीं पास अभ्यर्थियों को मिलेगा मौका

    UP News: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हो अभ्यर्थियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है उत्तर प्रदेश में जल्द ही सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ( Outsource Forth Class Employee) की बंपर भर्ती की जाएगी इसमें राजकीय महाविद्यालय के साथ-साथ राजकीय इंटर कॉलेज और हाई स्कूल विद्यालय भी शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों की यह भर्ती विद्यालयों में सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और जरूर को पूरा करने के लिए किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के राजकीय महाविद्यालय और राजकीय इंटर कॉलेज और हाई स्कूल विद्यालयों में यह आउटसोर्स भर्ती पहली बार शुरू होगी।

    उत्तर प्रदेश के नॉन गवर्नमेंट एडेड स्कूलों में अब तक आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती अलग-अलग एजेंसियों के द्वारा की जा रही है, अब इस व्यवस्था को राजकीय इंटर कॉलेज में भी लागू करने का फैसला लिया गया है। जल्द ही उत्तर प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेज और हाई स्कूल विद्यालयों में आउटसोर्स कर्मचारियों की बंपर भर्ती की जाएगी।

    डिविजनल कमेटी करेगी सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी का चयन

    उत्तर प्रदेश के अलग-अलग राजकीय इंटर कॉलेज और हाईस्कूल विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी की यह भर्ती एजेंसी के द्वारा की जाएगी, एजेंसी का चयन डिवीजनल कमेटी के द्वारा किया जाएगा, इसका प्रोसेस जेम पोर्टल पर शुरू होगा , एजेंसी के चयन होने के बाद आउटसोर्स चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की इस भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

    710 पदों पर राजकीय महाविद्यालय में भी होगी आउटसोर्स कर्मचारियों की तैनाती

    उत्तर प्रदेश में पहले से चल रहे और कुछ नए राजकीय महाविद्यालय में अब 710 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती आउटसोर्स के आधार पर की जाएगी। कुल 71 राजकीय महाविद्यालय में 10-10 आउटसोर्स चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात किए जाएंगे, इसमें चपरासी / चौकीदार /सफाई कर्मचारी / कार्यालय सहायक के अलावा अन्य पोस्ट शामिल होंगे।

    यूपी के प्रत्येक राजकीय इंटर कॉलेज में 5 आउटसोर्स कर्मचारी की होगी भर्ती

    विद्यालय का प्रकारकर्मचारियों की संख्याकर्मचारी विवरण
    हाईस्कूल21 चौकीदार, 1 सफाईकर्मी
    इंटरमीडिएट कॉलेज5चपरासी, चौकीदार सफाई माली इत्यादि

    कौन लोग कर सकते हैं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिए आवेदन?

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स के आधार पर आयोजित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की इस भर्ती में आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी मान्यता प्राप्त विद्यालय या बोर्ड से 10वीं कक्षा पास होना चाहिए। इसके लिए आवेदन करने हेतु अभ्यर्थी की आयु 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके लिए पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवार आवेदन कर पाएंगे, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सरकार के नियम के अनुसार आयु में छूट भी दी जाएगी।

    जल्द शुरु होगी भर्ती प्रक्रिया

    • राजकीय इंटर कॉलेज और हाई स्कूल विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए शासन ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है।
    • पत्र में चयन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
    • अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी के अनुसार, प्रक्रिया का फ्रेमवर्क तैयार कर लिया गया है।
    • इस प्रक्रिया का कार्यान्वयन (इंप्लीमेंटेशन) बहुत जल्द शुरू हो जाएगा।
  • UP Outsourcing Employee Salary Chart: आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट हुई जारी , इस आधार पर मिलेगी सैलरी

    UP Outsourcing Employee Salary Chart: आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट हुई जारी , इस आधार पर मिलेगी सैलरी

    UP Outsourcing Employee Salary Chart: उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं , उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ाने और आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर निर्धारित सैलरी और पीएफ का पैसा जमा करने के लिए यह कदम उठाया गया है। यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारी को सैलरी दी जाएगी इसके अलावा समय पर आउटसोर्स कर्मचारी के बैंक अकाउंट में निगम के द्वारा पीएफ का पैसा भी जमा होगा।

    आउटसोर्स कर्मचारी की देखरेख के लिए इस सेवा निगम का गठन किया जा रहा है, इस निगम के गठन के बाद अब सैलरी देने का जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम ( UTTAR PRADESH OUTSOURCE SEVA NIGAM) को दी गई है। कई वर्षों से हो रहे आउटसोर्स कर्मचारियों पर उत्पीड़न को रोकने और भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाने के लिए यह फैसला किया गया है। निगम के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट (UP Outsourcing Salary Chart) भी जारी की गई है।

    आउटसोर्स कर्मचारियों को कैसे मिलेगी सैलरी?

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी , उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा उनकी योग्यता और पद के अनुसार दिया जाएगा। आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा कर्मचारियों को चार श्रेणी में बांटा गया है जिसमें स्नातक पास शैक्षिक योग्यता वाले लोगों को श्रेणी 1 और श्रेणी 2 के अंतर्गत रखा गया है , 12वीं पास अभ्यर्थियों को श्रेणी 1 के अंतर्गत रखा गया है , वहीं 10वीं पास अभ्यर्थियों को श्रेणी 4 (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) के अंतर्गत रखा गया है।

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    UP Outsourcing Salary Chart: इस आधार पर मिलेगी आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी उनके पद की श्रेणी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दी जाएगी।

    UP Outsource Seva Nigam के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार पदों के नाम, पदों की श्रेणी और सैलरी की जानकारी व टेबल नीचे दी गई है।

    क्र.सं.श्रेणीशैक्षिक योग्यतामानदेय की नियत दर (प्रतिमाह) (रु०)
    1.लेक्चरर / शोधकत्री / असिस्टेंट प्रोफेसर / एसोसिएट प्रोफेसर / प्रोफेसर / असिस्टेंट लाइब्रेरियन / कॉलेज लाइब्रेरियनस्नातक एवं उच्चतर अर्हता25,000/-
    2.सीनियर टीचर / शोधकत्री / वरीय शोध सहायक / डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट / कनिष्ठ अभियन्तास्नातक एवं तकनीकी अर्हता21,000/-
    3.कनिष्ठ टीचर / शोधकत्री / कनिष्ठ शोध सहायक / प्रयोगशाला सहायक / डाटा प्रोसेसिंग ऑपरेटर / स्टोर कीपर / टेलीफोन ऑपरेटर / टाइपिस्ट / स्टेनोग्राफर / ड्राइवर / वाहन चालक आदिइंटरमीडिएट उत्तीर्ण18,000/-
    4.कनिष्ठ स्थानीय कर्मचारी / समकक्ष पद / भृत्य / कुक / चौकीदार / लिफ्ट अटेंडेंट एवं समकक्ष पद / सफाई कर्मचारी / अटेंडेंट / अनुसेवक / माली / स्वीपर एवं समकक्ष आदिकक्षा – 10 / समकक्ष उत्तीर्ण15,000/-

    UP Outsourcing: सैलरी के साथ-साथ कर्मचारियों को मिलेंगे अन्य कई सारे फायदे

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद कर्मचारियों को सैलरी के साथ-साथ अन्य कई बेनिफिट्स दिए जाएंगे। इसमें स्वास्थ्य से लेकर के पेंशन तक की सुविधा शामिल है।

    • सेवा निगम के गठन के बाद आउटसोर्स कर्मचारी का ईपीएफ (EPF) और ESI का खाता समय पर खुल पाएगा और कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में निर्धारित समय पर पीएफ (Employee provident fund) का पैसा जमा होगा।
    • दूसरा सबसे बड़ा फायदा, कर्मचारियों को 12 इमरजेंसी छुट्टियां दी जाएगी।
    • कर्मचारियों को 10 दिन का मेडिकल अवकाश / छुट्टी भी मिलेगा।
    • अगर किसी आउटसोर्स कर्मचारी को किसी दूसरे कार्य के लिए लगाया जाता है , तो उसका अलग से भुगतान कर्मचारियों को किया जाएगा।
    • कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में निर्धारित समय पर वेतन मिलेगी।
    • कर्मचारियों का दुर्घटना बीमा भी होगा, सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये तक की सहायता राशि परिवार को दी जाएगी वहीं दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये तक की परिवार को मदद की जाएगी।
    • आउटसोर्स कर्मचारी की किसी कारण बस मृत्यु होने पर उसका पेंशन उसकी पत्नी व माता-पिता को दिया जाएगा।
    • आउटसोर्स कर्मचारी के निशुल्क इलाज की भी व्यवस्था व सुविधा दी जाएगी।
    • कर्मचारियों के बच्चे को ESI मेडिकल कॉलेज में आरक्षण भी मिलेगा।
    • कर्मचारियों को उनके पद, पद की श्रेणी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सैलरी दी जाएगी।
    • महिलाओं को विशेष सुविधाएं दी जाएगी जिसमें 180 दिन की पेट छुट्टी , 42 दिन की पेड मिसकैरेज छुट्टी , बीमारी की छुट्टी 91 दिन तक 70% वेतन के साथ दी जाएगी।

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    आउटसोर्स सेवा निगम के गठन से सरकार को होगा बड़ा फायदा

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा फायदा होने वाला है , अब तक आउटसोर्स कर्मचारियों का सिलेक्शन अलग-अलग प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा किया जाता था , एजेंसी पर सरकार को काफी पैसे खर्च करने पड़ते थे, हालांकि अब खुद का आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद एजेंसियों पर हो रहे 22.5% तक के खर्च को कम जा सकता है। सरकार के द्वारा यह खर्च अब तक एजेंसियों को कमीशन और जीएसटी के रूप में देने पड़ते थे।

  • UP Outsourcing Good News: यूपी संविदा कर्मियों को बड़ी सौगात, अब 20 हजार सैलरी के साथ पेंशन भी

    UP Outsourcing Good News: यूपी संविदा कर्मियों को बड़ी सौगात, अब 20 हजार सैलरी के साथ पेंशन भी

    UP Outsourcing Good News: यूपी आउटसोर्सिंग को लेकर बड़ी खबर आई है। उत्तर प्रदेश में काम कर रहे लाखों आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। यूपी सरकार अब इन कर्मचारियों की भलाई और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक नई योजना लेकर आ रही है। इस योजना का नाम है – उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम।

    यह निगम खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए बनाया जा रहा है जो संविदा या ठेके पर एजेंसियों के ज़रिए विभिन्न सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि इन कर्मचारियों को भी वे सभी सुविधाएं मिलें जो किसी स्थायी सरकारी कर्मचारी को मिलती हैं, जैसे – पेंशन, मेडिकल सुविधा, बीमा, और निश्चित वेतन। क्या है पूरा मामला आइये जानतें हैं आर्टिकल की मदद से, बस आपको इसके साथ अंत तक बने रहना है।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम क्या है

    यह एक सरकारी निकाय (संस्था) होगा जो राज्य में आउटसोर्सिंग के ज़रिए काम करने वाले कर्मचारियों का प्रबंधन करेगा। इस निगम के गठन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अब इसे लागू करने के अंतिम चरण में भेजा जा रहा है।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम मुख्य उद्देश्य कुछ इस प्रकार है। उत्तर प्रदेश के तमाम आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन दिलाना। सभी कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा, बीमा, अवकाश, और पेंशन देना। सभी कर्मचारियों का शोषण रोकना और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देना। सरकार का यह फैसला संविदा कर्मचारियों के हित के लिए है।

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    संविदा कर्मचारियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी

    सरकार ने निगम के ज़रिए कर्मचारियों को निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएं देने की योजना बनाई है:

    1. न्यूनतम वेतन ₹20,000 या उससे अधिक: अब आउटसोर्सिंग के ज़रिए नियुक्त कर्मचारियों को कम से कम ₹20,000 प्रति माह वेतन मिलेगा। अगर किसी पद पर स्थायी कर्मचारी को ज़्यादा वेतन मिलता है, तो आउटसोर्स कर्मी को भी उस पद के मुताबिक वेतन दिया जाएगा।

    2. पेंशन योजना: नौकरी के बाद आर्थिक सुरक्षा के लिए कर्मचारियों को पेंशन देने की योजना है। कर्मचारी को 60 साल की उम्र तक नौकरी करने की अनुमति होगी। रिटायरमेंट के बाद हर महीने ₹1000 से लेकर ₹7000 तक पेंशन दी जाएगी।

    3. बीमा और चिकित्सा सुविधा: दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य बीमा की सुविधा। यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को ₹30 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए कर्मचारी को अलग से कोई बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा।

    4. अवकाश की सुविधा: हर साल 12 आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) और 10 चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) मिलेंगे।

    5. EPF और ESI का लाभ: कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए EPF (Provident Fund) और ESI (Employee State Insurance) का प्रावधान किया गया है।

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    कर्मचारियों को वेतन किसके माध्यम से मिलेगा

    शुरुआती प्रस्ताव में यह बात रखी गई थी कि वेतन निगम द्वारा सीधे कर्मचारियों को दिया जाएगा। लेकिन अब वित्त, कार्मिक और न्याय विभाग ने सुझाव दिया है कि मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखा जाए। यानी वेतन एजेंसियों के माध्यम से ही मिलेगा, लेकिन निगम उस पर पूरी निगरानी रखेगा ताकि वेतन में किसी तरह की देरी या गड़बड़ी न हो। इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिया जाएगा।

  • UP Outsourcing Employees Good News: पुरे 8.30 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, ताज़ा अपडेट यहाँ देखें

    UP Outsourcing Employees Good News: पुरे 8.30 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, ताज़ा अपडेट यहाँ देखें

    UP Outsourcing Employees Good News: उत्तर प्रदेश में काम कर रहे 8.30 लाख से ज़्यादा आउटसोर्सिंग यानी संविदा पर काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। लंबे समय से ये कर्मचारी “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (Uttar Pradesh Outsource Service Corporation) की मंज़ूरी का इंतजार कर रहे थे। आपको बता दें की आपका यह इंतजार बहुत जल्द खत्म होने वाला है, क्योंकि यह निगम बनने के लिए पूरी तरह तैयार है और अब सिर्फ कैबिनेट से मंज़ूरी मिलनी बाकी है।

    अगर यह निगम लागू हो जाता है तो राज्य में काम कर रहे लाखों संविदा सरकारी कर्मचारियों को सैलरी, मेडिकल सुविधा, छुट्टियां और पेंशन जैसी कई सुविधाएं मिलने लगेंगी। इस योजना से कर्मचारियों को स्थायित्व मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से बना सेवा निगम

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविदा कर्मचारियों के हित में इस सेवा निगम की शुरुआत करने के लिए पहले ही निर्देश दे दिए थे। इसका उद्देश्य था कि संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं दी जाएं और उन्हें समय पर वेतन मिले, साथ ही छुट्टियों और सामाजिक सुरक्षा का लाभ भी मिले।

    इस योजना का ड्राफ्ट (मसौदा) पहले ही तैयार किया जा चुका था, और अब यह पूरी तरह से तैयार है। अगले कदम के रूप में इसे उत्तर प्रदेश कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। मंजूरी मिलने के तुरंत बाद यह योजना राज्य भर में लागू कर दी जाएगी।

    जल्द मिल सकती है कैबिनेट से हरी झंडी

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह योजना आज ही यूपी कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखी जा सकती है और उम्मीद है कि इसे जल्दी ही मंज़ूरी मिल जाएगी। अगर ऐसा होता है, तो उत्तर प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को बहुत बड़ा फायदा मिलने वाला है।

    कई सालों से ये कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी, स्थायी नौकरी, न्यूनतम वेतन, और सामाजिक सुरक्षा की मांग कर रहे थे। अब “आउटसोर्स सेवा निगम” के लागू होने से उनकी ये सभी मांगें पूरी हो सकती हैं।

    इससे कर्मचारियों को फायदे

    इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद संविदा कर्मचारियों को केवल वेतन ही नहीं, बल्कि कई तरह की अतिरिक्त सुविधाएं भी मिलेंगी। आइए जानते हैं क्या-क्या लाभ मिलने वाले हैं:

    • वार्षिक छुट्टियां: हर साल कर्मचारियों को 12 आपातकालीन (इमरजेंसी) छुट्टियां और 10 मेडिकल छुट्टियां दी जाएंगी।
    • EPF और ESI की सुविधा: कर्मचारियों को EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) और ESI (कर्मचारी राज्य बीमा) का लाभ भी मिलेगा।
    • सरकारी कार्य पर यात्रा भत्ता: अगर किसी कर्मचारी को किसी दूसरे स्थान पर सरकारी काम के लिए भेजा जाता है, तो उसे अतिरिक्त भुगतान (TA/DA) मिलेगा।
    • समय पर वेतन: सभी संविदा कर्मचारियों का वेतन हर महीने सीधे उनके बैंक खाते में समय पर भेजा जाएगा।
    • सेवा समाप्ति के बाद पेंशन: संविदा कर्मचारियों को सेवा के बाद पेंशन दी जाएगी। अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी या माता-पिता को भी पेंशन मिलेगी।
    • मुफ्त इलाज और बच्चों को आरक्षण: कर्मचारियों को फ्री मेडिकल सुविधा दी जाएगी और उनके बच्चों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीटों पर आरक्षण भी मिलेगा।
    • न्यूनतम वेतन की गारंटी: सभी संविदा कर्मचारियों को उनके कार्य के अनुसार ₹15,000 से ₹25,000 तक का न्यूनतम वेतन मिलेगा।

    क्यों जरूरी है यह सेवा निगम

    उत्तर प्रदेश में लाखों लोग वर्षों से संविदा पर काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं नहीं मिलती थीं। वेतन में देरी, मेडिकल सुविधा की कमी, कोई पेंशन नहीं और किसी दुर्घटना में कोई सहायता नहीं मिलती थी। इस सेवा निगम के ज़रिए सरकार चाहती है कि हर कर्मचारी को सम्मानजनक और सुरक्षित कार्य माहौल मिले।