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  • यूपी में हजारों पदों पर निकाली संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती , ऐसे करें आवेदन

    यूपी में हजारों पदों पर निकाली संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती , ऐसे करें आवेदन

    Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग सरकारी विभागों और कार्यालय में संविदा और आउटसोर्स पर कर्मचारी को रखा जा रहा है , उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग से लेकर के माध्यमिक शिक्षा विभाग व बेसिक शिक्षा विभाग के अलग-अलग पदों पर कर्मचारियों के चयन के लिए सेवायोजन पोर्टल पर नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के सेवायोजन पोर्टल पर हजारों पदों पर संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी का नोटिफिकेशन अलग-अलग विभागों में जारी किया गया है।

    सरकारी विभागों में रोजगार की तलाश कर रहे हैं ऐसे अभ्यर्थी सेवायोजन पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के सेवायोजन पोर्टल पर आवेदन करने की योग्यता की बात करें तो आठवीं पास से लेकर के उच्च स्तर तक के कोर्स करने वाले उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।

    यूपी के अलग-अलग सरकारी विभागों में निकली भर्ती

    • बेसिक शिक्षा विभाग में स्पेशल एजुकेटर, टाटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती की जा रही है।
    • उत्तर प्रदेश राज्य सड़क एवं परिवहन निगम विभाग में बस कंडक्टर और ड्राइवर की भर्ती का नोटिफिकेशन इस पोर्टल पर जारी होता है।
    • महिला कल्याण विभाग में अलग-अलग पदों का नोटिफिकेशन इसी पोर्टल पर जारी किया जा रहा है।
    • माध्यमिक शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिए आवेदन का प्रक्रिया इसी पोर्टल पर शुरु है।

    इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा विभाग , कृषि विभाग , खेल विभाग और अलग-अलग सरकारी विभागों में आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों के भर्ती का आयोजन सेवायोजन पोर्टल पर किया गया है।

    8वीं से लेकर ग्रेजुएशन पास तक के कर सकते हैं अप्लाई

    उत्तर प्रदेश सेवायोजन पोर्टल पर अलग-अलग विभागों में आयोजित की गई इस भर्ती में अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग योग्यताएं निर्धारित की गई हैं , कुछ पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं और 12वीं पास है तो कुछ पदों के लिए ग्रेजुएशन पास निर्धारित की गई है , आठवीं से लेकर ग्रेजुएशन पास तक के अभ्यर्थी सेवायोजन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

    10 से 40 हजार रुपये तक की नौकरी पाने का शानदार अवसर

    उत्तर प्रदेश सरकार के सेवायोजन पोर्टल पर अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग सैलरी होती है , कुछ पदों के लिए सैलरी ₹10000 महीने के आसपास होती है तो कुछ पदों के लिए सैलरी ₹25,000 से लेकर के ₹40,000 तक होती है।

    कैसे करें सेवायोजन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन?

    उत्तर प्रदेश सेवायोजन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना काफी आसान है, रजिस्ट्रेशन करने के लिए सबसे पहले पोर्टल के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं। ऑफिशियल वेबसाइट पर पहुंचने के बाद Register पर क्लिक करें। क्लिक करते ही रजिस्ट्रेशन विंडो खुलेगा यहां पर अपना पूरा का पूरा डिटेल्स करें और फॉर्म भर के यूजर नेम और पासवर्ड बनाएं। यूजर आईडी और पासवर्ड के द्वारा सेवायोजन पोर्टल पर लॉगिन करें और प्राइवेट व आउटसोर्सिंग जॉब पर क्लिक कर मनपसंद जॉब के लिए अप्लाई करें।

  • UP BED Admit Card 2025 OUT: यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा एडमिट कार्ड जारी, यहाँ से डायरेक्ट डाउनलोड करें

    UP BED Admit Card 2025 OUT: यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा एडमिट कार्ड जारी, यहाँ से डायरेक्ट डाउनलोड करें

    UP BED Admit Card 2025 OUT: जितने भी छात्र उत्तर प्रदेश बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन किये थें उनके लिए महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है जरूर पढ़ें। उत्तर प्रदेश में बी.एड (B.Ed) कोर्स में एडमिशन के लिए हर साल लाखों युवक संयुक्त प्रवेश परीक्षा (Joint Entrance Exam) में शामिल होतें हैं। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए इस बार बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी (BU Jhansi) को इस परीक्षा को आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

    अगर आपने भी इस परीक्षा के लिए फॉर्म भरा था, तो आपके लिए एक जरूरी सूचना है – यूपी बी.एड प्रवेश परीक्षा 2025 का एडमिट कार्ड (Admit Card) अब जारी हो चूका है। आप इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना अपना एडमिट कार्ड को डाउनलोड कर सकतें हैं।

    बीएड प्रवेश परीक्षा कब होगा

    जारी किये गए आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार यूपी बी.एड प्रवेश परीक्षा 1 जून 2025 को पूरे उत्तर प्रदेश राज्य में आयोजित किया जाएगा। बीएड की इस प्रवेश परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में परीक्षा की केंद्र बनाई गई है। निचे हमने आपको विस्तारपूर्वक समझाया है की आप कैसे अपना अपना एडमिट कार्ड को चेक कर सकतें हैं और डाउनलोड कर सकतें हैं।

    यूपी बीएड एडमिट कार्ड डाउनलोड करने की प्रक्रिया

    उत्तर प्रदेश बीएड का प्रवेश परीक्षा 2025 का एडमिट कार्ड जारी हो चूका है जितने भी उम्मीदवार आवेदन किये थें वह जल्द से जल्द एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकतें हैं, डाउनलोड करने का प्रक्रिया निचे स्टेप बाई स्टेप बताया गया है:

    • एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए आपको सबसे पहले इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ। Official Website
    • ऊपर आपको आधिकारिक वेबसाइट का लिंक दिख रहा है उस पर क्लिक करें।
    • क्लिक करते हैं आप सीधे इसके ऑफिसियल वेबसाइट पर आ जाएंगे।
    • जहां पर आपको अपना यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर लॉगिन करना है।
    • लॉगिन करते हैं आपके सामने आपका एडमिट कार्ड ओपन हो जाएगा।
    • अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि एडमिट कार्ड पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारी को जरूर चेक करें।
    • उसको डाउनलोड करके उसका प्रिंट आउट निकालना ना भूले भविष्य में काम आएगा।
    • परीक्षा वाले दिन आपको एडमिट कार्ड लेकर जाना है।
  • UP Outsourcing: आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये , कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव

    UP Outsourcing: आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये , कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव

    UP Outsourcing: जब से उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की देखरेख और आउटसोर्स भर्ती के लिए “यूपी आउटसोर्स सेवा निगम” के गठन की बात चल रही है तब से लोगों के मन में अलग-अलग सवाल उठ रहे हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 18000 रुपए महीने वेतन दिया जाएगा , इसके अलावा आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया शुरू है , जल्द ही प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सेवा निगम का गठन कर दिया जाएगा।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम , के ड्राफ्ट पर परामर्शी विभागों के द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को पहले की तरह एजेंसी के द्वारा मानदेय दिया जाएगा। इस बात को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष JN तिवारी ने 22 मई को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी, उन्होंने कहा कि शासन के परामर्शी विभागों , कार्मिक व न्याय विभाग ने आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय के भुगतान की प्रक्रिया पहले की तरह एजेंसी द्वारा रखने और लागू करने को प्रस्तावित किया है।

    आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय को निगम से देने की गई मांग

    इन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मानदेय के भुगतान की प्रक्रिया सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से ना करा कर निगम के माध्यम से कराया जाए , क्योंकि आउटसोर्स कर्मचारियों पर हो रहे उत्पीड़न और शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जा रहा है।

    कब तक होगी आउटसोर्स सेवा निगम की गठन

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया चल रही है , परामर्शी विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं अब सचिवालय प्रशासन विभाग प्रस्ताव पर मुख्य सचिव का मार्गदर्शन लगा। इसके बाद मुख्यमंत्री की सहमति के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए पेश की जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद यूपी में आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जाएगा।

    18000 रुपये न्यूनतम मानदेय की की गई मांग

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम की गठन की लगभग सभी प्रक्रियाएं औपचारिक रूप से पूरी हो रही है आउटसोर्स कर्मचारी को न्यूनतम ₹18000 मानदेय दिए जाने का प्रस्तावित किया जा रहा है , इसके अलावा कर्मचारियों की सैलरी एजेंसी के द्वारा ना देकर निगम के द्वारा दी जाने की भी मांग की जा रही है। हालांकि ड्राफ्ट में निगम के द्वारा मानदेय देने की प्रस्ताव है लेकिन परामर्शीय विभागों ने इसे पहले की तरह रखने का सुझाव दिया है।

  • यूपी में 10000 संविदा शिक्षकों की जरूरत, विभाग ने जारी किया बड़ा अपडेट- UP Contract Teacher Appointment News

    यूपी में 10000 संविदा शिक्षकों की जरूरत, विभाग ने जारी किया बड़ा अपडेट- UP Contract Teacher Appointment News

    UP Contract Teacher Appointment News: उत्तर प्रदेश से शिक्षकों के लिए बड़ी खबर आ रही है। उत्तर प्रदेश के सरकारी ने (परिषदीय) प्राथमिक स्कूलों में नए स्थायी शिक्षकों की चयन को फिलहाल के लिए रोक दी है। उत्तर प्रदेश के जितने भी छात्र जो बीएड और डीएलएड किए हुए थें और काफी लंबे समय से शिक्षक न्युक्ति की विज्ञप्ति यानि की (Notification) का इंतजार कर रहे थे, अब उनको बहुत बड़ा झटका लग सकता है। शिक्षा विभाग का कहना है कि अभी स्कूलों में जितने शिक्षक हैं, वो काफी हैं, इसलिए नई भर्तियों की ज़रूरत नहीं है। क्या है ये पूरा मामला हमने आपको विस्तारपूर्वक इस आर्टिकल में लिखकर समझाया है तो अनुरोध है की अंत तक बने रहें।

    छात्रों और शिक्षकों का इसपर क्या राय है

    आपको बता दें की अभी उत्तर प्रदेश में 1 शिक्षक पर औसतन 29 छात्र हैं। अगर शिक्षामित्र और अनुदेशक भी जोड़ दिए जाएं, तो ये अनुपात 1 शिक्षक पर 22 छात्र का हो जाता है। “शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act)” के अनुसार: प्राथमिक स्कूल (1st से 5th) में: 30 छात्रों पर 1 शिक्षक होना चाहिए। उच्च प्राथमिक स्कूल (6th से 8th) में: 35 छात्रों पर 1 शिक्षक होना चाहिए। इस हिसाब से देखा जाए तो सरकार के मानकों के अनुसार फिलहाल शिक्षक पर्याप्त हैं।

    इसे भी पढ़ें:- UP Outsourcing Employee Salary Chart: आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट हुई जारी , इस आधार पर मिलेगी सैलरी

    यूपी राज्य में कुल कितने स्कूल और शिक्षक हैं

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी फ़िलहाल कुल 1,32,000 सरकारी स्कूल (प्राथमिक व उच्च प्राथमिक) चल रहे हैं। इनमें काम कर रहे हैं नियमित शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक की बात करें तो कुल 4,34,000 नियमित शिक्षक, 1,40,000 शिक्षामित्र, 25,000 अनुदेशक मौजूद हैं। विभाग के अनुसार अभी भी करीब 59,000 पद खाली हैं, लेकिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, इसलिए नई शिक्षकों के चयन की जरूरत नहीं समझी जा रही है। अगर जरूरत पढ़ी भी तो सरकार संविदा पर शिक्षकों को चयन कर लेगी।

    फ़िलहाल के लिए संविदा शिक्षकों की होगी चयन

    जैसे की अभी तक आपको पता चल ही गया होगा की उत्तर प्रदेश की सरकार का ध्यान अभी स्थायी नहीं बल्कि अस्थायी यानी की संविदा शिक्षकों की चयन प्रक्रिया पर है। प्रदेश के 87,000 से ज्यादा बालवाटिकाओं (Pre-Primary Class – 3 से 6 साल के बच्चों के लिए) में इस साल करीब 10,000 संविदा शिक्षक (जिन्हें ECCE Educator कहा जाएगा) नियुक्त किए जाएंगे। ये शिक्षक अस्थायी होंगे, यानी उन्हें स्थायी नौकरी या सरकारी वेतन नहीं मिलेगा।

    इस संविदा शिक्षक के लिए साइंस (विज्ञान) विषय से स्नातक (Graduate) महिला और पुरुष आवेदन कर सकते हैं। आपको बता दें की यह चयन प्रकिया “सेवायोजन पोर्टल” के जरिए की जा रही है।

    इसे भी पढ़ें:- खुशखबरी! यूपी में होगी लगभग 2 लाख शिक्षकों की भर्ती , नवंबर से शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया पढ़ें ताजी अपडेट

    इस नया अपडेट का असर बीएड/डीएलएड छात्रों पर पड़ेगा?

    इसका उत्तर है बिलकुल हां, क्योंकि जो लोग बीएड और डीएलएड करके सरकारी शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे, उनके लिए अभी कोई नई स्थायी न्युक्ति नहीं निकलेगी। सरकार का रुख अब कम खर्च वाली संविदा भर्तियों की ओर बढ़ रहा है। इसपर आपका क्या विचार है कृपया हमें कमेंट कर के बताएं।

  • UP Contract Employees Salary Hike: यूपी के 8 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, जाने पूरी रिपोर्ट

    UP Contract Employees Salary Hike: यूपी के 8 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, जाने पूरी रिपोर्ट

    UP Contract Employees Salary Hike: महत्वपूर्ण अपडेट सामने आ रही है उत्तर प्रदेश की तरफ से, यूपी के जितने भी संविदा कर्मचारी हैं उनको यह अपडेट अवश्य पढ़ना चाहिए। यूपी में अलग-अलग सरकारी विभागों में काम कर रहे 8 लाख से ज्यादा आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों के लिए एक बहुत अच्छी खबर आई है। अब इन कर्मचारियों की स्थिति सुधारने और उन्हें बेहतर सुविधा देने के लिए “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UP Outsourcing Services Corporation) का गठन किया गया है।

    अब जानतें हैं की यह निगम क्या है और इस निगम के होने से क्या क्या फायदा होगा ? आपको बता दें की अब तक जितने भी कर्मचारी काम कर रहें हैं वह सब से सब अलग-अलग प्राइवेट एजेंसियों के जरिए भर्ती किए जाते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भर्ती करने के बाद एजेंसियां उनके वेतन से कटौती करती थीं और कई बार उनका शोषण भी करती थीं। लेकिन अब सरकार ने तय किया है कि इन कर्मचारियों को एक सरकारी निगम के जरिए भर्ती और वेतन दिया जाएगा। क्या है पूरा मामला, चलिए जानतें हैं इस लेख के माध्यम से तो अंतिम तक बने रहिएगा।

    कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये महीना

    नई व्यवस्था के अनुसार जितने भी संविदा कर्मचारी अब भर्ती होंगे, अब हर आउटसोर्स कर्मचारी को कम से कम ₹18,000 प्रति माह वेतन मिलेगा ही मिलेगा। आपको बता दें की यह वेतन सरकार द्वारा तय किया गया है, ताकि कोई कर्मचारी इससे कम वेतन न पाए। हालांकि अभी यह वेतन एजेंसी के माध्यम से ही दिया जाएगा, लेकिन कर्मचारी चाहते हैं कि वेतन सीधे निगम के माध्यम से मिले, जिससे एजेंसियों की मनमानी खत्म हो। सरकार के इस बड़े कदम से एजेंसियों को काफी नुकसान देखने को मिलेगा लेकिन कर्मचारियों को इससे काफी फायदा है।

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    संविदा कर्मचारियों की क्या मांगें हैं

    आउटसोर्स संविदा कर्मचारी संगठनों ने सरकार से कुछ महत्वपूर्ण मांगें की हैं जैसे की: वेतन भुगतान की जिम्मेदारी एजेंसी की न होकर निगम की होनी चाहिए। क्योंकि निगम का मकसद ही एजेंसियों के शोषण से छुटकारा दिलाना है, इसलिए अगर वेतन फिर से एजेंसी से ही मिलेगा तो इसका फायदा अधूरा रह जाएगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और महामंत्री अरुणा शुक्ला ने इस मुद्दे को सरकार के सामने रखा है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने भरोसा दिलाया है कि इस पर विचार किया जाएगा।

    निगम द्वारा मिलने वाली कुछ अन्य सुविधाएं

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम द्वारा नई व्यवस्था लागू होने के बाद संविदा कर्मचारियों को केवल वेतन ही नहीं बल्कि और भी कई सरकारी सुविधाएं भी दी जाएँगी जैसे की मेडिकल लीव (बीमारी की छुट्टी), आकस्मिक अवकाश (Casual Leave), मैटरनिटी लीव (महिला कर्मचारियों के लिए प्रसूति अवकाश), न्यूनतम पेंशन ₹1000 से ₹7000 तक, स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता, मेरिट के आधार पर भर्ती (योग्यता के अनुसार चयन), नया चयन केवल निगम के माध्यम से ही किया जाएगा ये सब सुविधाएं एक आउटसोर्स संविदा कर्मचारी को दी जाएगी जो की पहले नहीं दी जाती थी।

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    कब से लागू किया जाएगा यह नया सिस्टम

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UP Outsourcing Services Corporation) पूरी तरह से तैयार हो चुका है। अब इसे कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। उम्मीद है कि अगली कैबिनेट मीटिंग में इसे पास कर दिया जाएगा। मंजूरी के बाद यह निगम लागू हो जाएगा और सभी नए नियम और सुविधाएं उसी दिन से शुरू कर दी जाएंगी।

  • UP Outsourcing: सेवायोजन पोर्टल से नहीं होगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती , आउटसोर्स निगम के गठन पर विभागों के परामर्श

    UP Outsourcing: सेवायोजन पोर्टल से नहीं होगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती , आउटसोर्स निगम के गठन पर विभागों के परामर्श

    UP Outsourcing: उत्तर प्रदेश में संविदा और आउटसोर्स पर काम कर रहे लाखों कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी अपडेट है, कर्मचारियों के अच्छे दिन जल्द ही आने वाले हैं आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया को लेकर अलग-अलग चरण शुरू है। आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के लिए तैयार प्रस्ताव पर संबंधित विभागों ने अपने-अपने परामर्श सुझाव दिए हैं।

    दिए गए सुझाव के बाद यह बताया जा रहा है कि, कार्मिकों के EPF, ESI, बिना, चिकित्सा और अलग-अलग भत्ते से संबंधित देखरेख और मैनेजमेंट आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा किया जाएगा वहीं कर्मचारियों का मानदेय पहले की तरह एजेंसियों के द्वारा ही दी जाएगी। हालांकि मानदेय समय से मिला या नहीं इसकी देखरेख आउटसोर्स निगम ही करेगा।

    कब गठित होगा यूपी आउटसोर्स सेवा निगम?

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट पर अलग-अलग विभागों ने अपने-अपने परामर्श व सुझाव दिए हैं, अब सचिवालय प्रशासन विभाग प्रस्ताव पर मुख्य सचिव का मार्गदर्शन लगा। मुख्यमंत्री की सहमति लेने के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष स्वीकृत के लिए रखा जाएगा, स्वीकृति मिलने के बाद यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन होगा।

    पहले की तरह मानदेय एजेंसियों के द्वारा दिया जाएगा ! मिला सुझाव

    पहले की तरह मानदेय एजेंसियों के द्वारा दिया जाने का परामर्श , परामर्शी विभागों के द्वारा सुझाव के रूप में दिया गया है सचिवालय प्रशासन विभाग के द्वारा निगम के गठन के लिए इन विभागों में परामर्श के लिए भेजे गए प्रस्ताव में प्रस्तावित किया गया था कि कर्मचारियों के मानदेय निगम के माध्यम से किया जाएगा।

    आउटसोर्स की भर्ती चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर अन्य सभी श्रेणी में सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से की जाएंगी

    प्रस्तावित मसौदे में यह सुनिश्चित किया गया है , किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को एजेंसियां अपने स्तर से हटा नहीं सकेंगी। आउटसोर्स की भर्ती चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर सभी श्रेणी में सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। अब तक अलग-अलग कंपनियों के द्वारा चतुर्थ श्रेणी की भर्ती सेवायोजन पोर्टल पर आवेदन आमंत्रित करके जा रही थी।

  • UP Outsourcing Employee Salary Chart: आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट हुई जारी , इस आधार पर मिलेगी सैलरी

    UP Outsourcing Employee Salary Chart: आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट हुई जारी , इस आधार पर मिलेगी सैलरी

    UP Outsourcing Employee Salary Chart: उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं , उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ाने और आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर निर्धारित सैलरी और पीएफ का पैसा जमा करने के लिए यह कदम उठाया गया है। यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारी को सैलरी दी जाएगी इसके अलावा समय पर आउटसोर्स कर्मचारी के बैंक अकाउंट में निगम के द्वारा पीएफ का पैसा भी जमा होगा।

    आउटसोर्स कर्मचारी की देखरेख के लिए इस सेवा निगम का गठन किया जा रहा है, इस निगम के गठन के बाद अब सैलरी देने का जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम ( UTTAR PRADESH OUTSOURCE SEVA NIGAM) को दी गई है। कई वर्षों से हो रहे आउटसोर्स कर्मचारियों पर उत्पीड़न को रोकने और भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाने के लिए यह फैसला किया गया है। निगम के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी चार्ट (UP Outsourcing Salary Chart) भी जारी की गई है।

    आउटसोर्स कर्मचारियों को कैसे मिलेगी सैलरी?

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी , उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा उनकी योग्यता और पद के अनुसार दिया जाएगा। आउटसोर्स सेवा निगम के द्वारा कर्मचारियों को चार श्रेणी में बांटा गया है जिसमें स्नातक पास शैक्षिक योग्यता वाले लोगों को श्रेणी 1 और श्रेणी 2 के अंतर्गत रखा गया है , 12वीं पास अभ्यर्थियों को श्रेणी 1 के अंतर्गत रखा गया है , वहीं 10वीं पास अभ्यर्थियों को श्रेणी 4 (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) के अंतर्गत रखा गया है।

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    UP Outsourcing Salary Chart: इस आधार पर मिलेगी आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी उनके पद की श्रेणी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दी जाएगी।

    UP Outsource Seva Nigam के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार पदों के नाम, पदों की श्रेणी और सैलरी की जानकारी व टेबल नीचे दी गई है।

    क्र.सं.श्रेणीशैक्षिक योग्यतामानदेय की नियत दर (प्रतिमाह) (रु०)
    1.लेक्चरर / शोधकत्री / असिस्टेंट प्रोफेसर / एसोसिएट प्रोफेसर / प्रोफेसर / असिस्टेंट लाइब्रेरियन / कॉलेज लाइब्रेरियनस्नातक एवं उच्चतर अर्हता25,000/-
    2.सीनियर टीचर / शोधकत्री / वरीय शोध सहायक / डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट / कनिष्ठ अभियन्तास्नातक एवं तकनीकी अर्हता21,000/-
    3.कनिष्ठ टीचर / शोधकत्री / कनिष्ठ शोध सहायक / प्रयोगशाला सहायक / डाटा प्रोसेसिंग ऑपरेटर / स्टोर कीपर / टेलीफोन ऑपरेटर / टाइपिस्ट / स्टेनोग्राफर / ड्राइवर / वाहन चालक आदिइंटरमीडिएट उत्तीर्ण18,000/-
    4.कनिष्ठ स्थानीय कर्मचारी / समकक्ष पद / भृत्य / कुक / चौकीदार / लिफ्ट अटेंडेंट एवं समकक्ष पद / सफाई कर्मचारी / अटेंडेंट / अनुसेवक / माली / स्वीपर एवं समकक्ष आदिकक्षा – 10 / समकक्ष उत्तीर्ण15,000/-

    UP Outsourcing: सैलरी के साथ-साथ कर्मचारियों को मिलेंगे अन्य कई सारे फायदे

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद कर्मचारियों को सैलरी के साथ-साथ अन्य कई बेनिफिट्स दिए जाएंगे। इसमें स्वास्थ्य से लेकर के पेंशन तक की सुविधा शामिल है।

    • सेवा निगम के गठन के बाद आउटसोर्स कर्मचारी का ईपीएफ (EPF) और ESI का खाता समय पर खुल पाएगा और कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में निर्धारित समय पर पीएफ (Employee provident fund) का पैसा जमा होगा।
    • दूसरा सबसे बड़ा फायदा, कर्मचारियों को 12 इमरजेंसी छुट्टियां दी जाएगी।
    • कर्मचारियों को 10 दिन का मेडिकल अवकाश / छुट्टी भी मिलेगा।
    • अगर किसी आउटसोर्स कर्मचारी को किसी दूसरे कार्य के लिए लगाया जाता है , तो उसका अलग से भुगतान कर्मचारियों को किया जाएगा।
    • कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में निर्धारित समय पर वेतन मिलेगी।
    • कर्मचारियों का दुर्घटना बीमा भी होगा, सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये तक की सहायता राशि परिवार को दी जाएगी वहीं दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये तक की परिवार को मदद की जाएगी।
    • आउटसोर्स कर्मचारी की किसी कारण बस मृत्यु होने पर उसका पेंशन उसकी पत्नी व माता-पिता को दिया जाएगा।
    • आउटसोर्स कर्मचारी के निशुल्क इलाज की भी व्यवस्था व सुविधा दी जाएगी।
    • कर्मचारियों के बच्चे को ESI मेडिकल कॉलेज में आरक्षण भी मिलेगा।
    • कर्मचारियों को उनके पद, पद की श्रेणी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सैलरी दी जाएगी।
    • महिलाओं को विशेष सुविधाएं दी जाएगी जिसमें 180 दिन की पेट छुट्टी , 42 दिन की पेड मिसकैरेज छुट्टी , बीमारी की छुट्टी 91 दिन तक 70% वेतन के साथ दी जाएगी।

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    आउटसोर्स सेवा निगम के गठन से सरकार को होगा बड़ा फायदा

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा फायदा होने वाला है , अब तक आउटसोर्स कर्मचारियों का सिलेक्शन अलग-अलग प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा किया जाता था , एजेंसी पर सरकार को काफी पैसे खर्च करने पड़ते थे, हालांकि अब खुद का आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद एजेंसियों पर हो रहे 22.5% तक के खर्च को कम जा सकता है। सरकार के द्वारा यह खर्च अब तक एजेंसियों को कमीशन और जीएसटी के रूप में देने पड़ते थे।

  • UP Teacher Appointment Suspended News: यूपी में 69000 शिक्षकों की नौकरी खतरे में! शिक्षा विभाग का आदेश

    UP Teacher Appointment Suspended News: यूपी में 69000 शिक्षकों की नौकरी खतरे में! शिक्षा विभाग का आदेश

    UP Teacher Appointment Suspended News: उत्तर प्रदेश के शिक्षकों के लिए बुरी खबर सामने आ रही है। प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए साल 2018 में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती निकाली गई थी। इन शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के तहत हुई थी। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के तहत अब एक नई जानकारी सामने आई है – उन सभी शिक्षकों की नौकरी खत्म की जाएगी, जिनकी पढ़ाई (शैक्षणिक अर्हता) 22 दिसंबर 2018 तक पूरी नहीं हुई थी। क्या है पूरा मामला आइये जानतें हैं इस आर्टिकल में, अनुरोध है की अंत तक बने रहें।

    22 दिसंबर 2018 वो आखिरी तारीख थी, जब तक किसी भी अभ्यर्थी को अपनी पढ़ाई पूरी कर लेनी थी और उसके दस्तावेज़ (डिग्री, प्रमाणपत्र आदि) तैयार होने चाहिए थे।

    किन किन शिक्षकों की सेवा होगी समफ्त

    सभी टीचर को डरने की जरूरत नहीं है, अब जानतें हैं की कौन कौन से वो शिक्षक हैं जिनकी नौकरी समफ्त होने वाली है। प्राथमिक स्कूलों के ऐसे शिक्षक, जिनका BTC/DElEd कोर्स पूरा नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी उन्होंने आवेदन कर दिया था। कुछ अभ्यर्थियों के बैक पेपर (Back Paper) आए थे, यानी उनकी परीक्षा में कुछ विषय बाकी रह गए थे। इनको भी पद से निकाला जाएगा।

    इन अभ्यर्थियों के बैक पेपर का रिजल्ट बाद में आया, जब तक आवेदन की अंतिम तारीख निकल चुकी थी। इसका मतलब – उन्होंने उस समय पूरी योग्यता हासिल नहीं की थी, फिर भी नौकरी पा गए। अब विभाग इसे नियमों के खिलाफ मान रहा है।

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    यूपी सरकार ने क्या आदेश जारी किया है

    बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी ज़िलों के बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) को निर्देश दिया है कि ऐसे शिक्षकों से जवाब (स्पष्टीकरण) लिया जाए कि क्यों उन्होंने अधूरी योग्यता के साथ आवेदन किया। फिर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएं, यानी नौकरी से हटा दिया जाए। इसके साथ-साथ, जो अधिकारी, कर्मचारी या चयन समिति के सदस्य ऐसे अभ्यर्थियों को पास करवाने में शामिल थे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होने वाली है।

    शिक्षक की ये भर्ती कब और कैसे हुई थी

    आपको बता दे की शिक्षक की यह भर्ती तीन चरणों में हुई थी पहला अक्टूबर 2020 में 31277 पदों की काउंसलिंग हुई थी। दूसरा दिसंबर 2020 में 36590 पदों की काउंसलिंग की गई थी। इसके बाद भी कुछ पद बचे, तो फिर से काउंसलिंग हुई थी। लेकिन उसी दौरान पूरी प्रक्रिया में कुछ ऐसे शिक्षक भी चुने गए जिनकी पढ़ाई आवेदन की आखिरी तारीख तक पूरी नहीं थी।

    अब शिक्षकों के लिए क्या संकट खड़ा हुआ है। कई शिक्षक, जो पिछले 4-5 सालों से पढ़ा रहे हैं, अब अपनी नौकरी खो सकते हैं। शिक्षा विभाग का कहना है कि वो कोर्ट के आदेश और भर्ती नियमों का पालन कर रहा है। यह खबर उन हजारों शिक्षकों के लिए बहुत बड़ा झटका है, जो इतने सालों से सेवा दे रहे थे।

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    निष्कर्ष

    बुरी खबर आ रही है उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए जिनकी 22 दिसंबर 2018 तक शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं हुई थी लेकिन फिर भी वह टीचर के पद के लिए चयन कर लिए गए थें, अब उनकी नौकरी खतरे में है। उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। दोषी अधिकारियों और चयनकर्ताओं पर भी होगी कार्रवाई।

  • UP Outsourcing Good News: यूपी संविदा कर्मियों को बड़ी सौगात, अब 20 हजार सैलरी के साथ पेंशन भी

    UP Outsourcing Good News: यूपी संविदा कर्मियों को बड़ी सौगात, अब 20 हजार सैलरी के साथ पेंशन भी

    UP Outsourcing Good News: यूपी आउटसोर्सिंग को लेकर बड़ी खबर आई है। उत्तर प्रदेश में काम कर रहे लाखों आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। यूपी सरकार अब इन कर्मचारियों की भलाई और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक नई योजना लेकर आ रही है। इस योजना का नाम है – उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम।

    यह निगम खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए बनाया जा रहा है जो संविदा या ठेके पर एजेंसियों के ज़रिए विभिन्न सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि इन कर्मचारियों को भी वे सभी सुविधाएं मिलें जो किसी स्थायी सरकारी कर्मचारी को मिलती हैं, जैसे – पेंशन, मेडिकल सुविधा, बीमा, और निश्चित वेतन। क्या है पूरा मामला आइये जानतें हैं आर्टिकल की मदद से, बस आपको इसके साथ अंत तक बने रहना है।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम क्या है

    यह एक सरकारी निकाय (संस्था) होगा जो राज्य में आउटसोर्सिंग के ज़रिए काम करने वाले कर्मचारियों का प्रबंधन करेगा। इस निगम के गठन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अब इसे लागू करने के अंतिम चरण में भेजा जा रहा है।

    उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम मुख्य उद्देश्य कुछ इस प्रकार है। उत्तर प्रदेश के तमाम आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन दिलाना। सभी कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा, बीमा, अवकाश, और पेंशन देना। सभी कर्मचारियों का शोषण रोकना और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देना। सरकार का यह फैसला संविदा कर्मचारियों के हित के लिए है।

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    संविदा कर्मचारियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी

    सरकार ने निगम के ज़रिए कर्मचारियों को निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएं देने की योजना बनाई है:

    1. न्यूनतम वेतन ₹20,000 या उससे अधिक: अब आउटसोर्सिंग के ज़रिए नियुक्त कर्मचारियों को कम से कम ₹20,000 प्रति माह वेतन मिलेगा। अगर किसी पद पर स्थायी कर्मचारी को ज़्यादा वेतन मिलता है, तो आउटसोर्स कर्मी को भी उस पद के मुताबिक वेतन दिया जाएगा।

    2. पेंशन योजना: नौकरी के बाद आर्थिक सुरक्षा के लिए कर्मचारियों को पेंशन देने की योजना है। कर्मचारी को 60 साल की उम्र तक नौकरी करने की अनुमति होगी। रिटायरमेंट के बाद हर महीने ₹1000 से लेकर ₹7000 तक पेंशन दी जाएगी।

    3. बीमा और चिकित्सा सुविधा: दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य बीमा की सुविधा। यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को ₹30 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए कर्मचारी को अलग से कोई बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा।

    4. अवकाश की सुविधा: हर साल 12 आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) और 10 चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) मिलेंगे।

    5. EPF और ESI का लाभ: कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए EPF (Provident Fund) और ESI (Employee State Insurance) का प्रावधान किया गया है।

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    कर्मचारियों को वेतन किसके माध्यम से मिलेगा

    शुरुआती प्रस्ताव में यह बात रखी गई थी कि वेतन निगम द्वारा सीधे कर्मचारियों को दिया जाएगा। लेकिन अब वित्त, कार्मिक और न्याय विभाग ने सुझाव दिया है कि मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखा जाए। यानी वेतन एजेंसियों के माध्यम से ही मिलेगा, लेकिन निगम उस पर पूरी निगरानी रखेगा ताकि वेतन में किसी तरह की देरी या गड़बड़ी न हो। इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिया जाएगा।

  • UP Outsourcing: सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम में अस्सिटेंट अकाउंटेंट का नोटिफिकेशन जारी , ऐसे करें अप्लाई

    UP Outsourcing: सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम में अस्सिटेंट अकाउंटेंट का नोटिफिकेशन जारी , ऐसे करें अप्लाई

    UP Outsourcing , Assistant Accountant: उत्तर प्रदेश सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम विभाग के अंतर्गत आउटसोर्स के आधार पर अस्सिटेंट अकाउंटेंट के पोस्ट पर नोटिफिकेशन सेवायोजन पोर्टल पर जारी किया गया है। यह नोटिफिकेशन सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम विभाग के फिरोजाबाद ,लखनऊ , अयोध्या और आगरा जनपद के लिए जारी किया गया है। नोटिफिकेशन के अनुसार कुल पांच अस्सिटेंट अकाउंटेंट की आपूर्ति की जानी है।

    ऐसे अभ्यर्थी जो यूपी में आउटसोर्स के आधार पर नौकरी पाना चाहते हैं, उन सभी के लिए सरकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम विभाग में अस्सिटेंट अकाउंटेंट बनने का शानदार अवसर है। इसके लिए किसी प्रकार की लिखित परीक्षा नहीं देनी होगी बल्कि अभ्यर्थियों का सिलेक्शन मेरिट बस साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। अनुभव प्राप्त अभ्यर्थियों को वरीयता भी दी जाएगी।

    कौन कर सकते हैं आवेदन?

    अस्सिटेंट अकाउंटेंट के लिए 21 वर्ष से लेकर 35 वर्ष की अभ्यर्थी जिन्होंने वाणिज्य से स्नातक किया है वे आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। अनुभव पर अपने अभ्यर्थियों को वरीयता जाएगी।

    कैसे करें आवेदन?

    इसके लिए ऑनलाइन आवेदन फार्म उत्तर प्रदेश सरकार के सेवायोजन पोर्टल https://sewayojan.up.nic.in पर रजिस्ट्रेशन करके भर सकते हैं। आवेदन फॉर्म भरने के लिए सबसे पहले सेवायोजन पोर्टल पर जाएं और Private और Outsourcing पर क्लिक करें। क्लिक करने के बाद प्रदेश में चल रही अलग-अलग विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी का नोटिफिकेशन दिख जाएगा , उत्तर प्रदेश सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम विभाग में अस्सिटेंट अकाउंटेंट के लिए “आवेदन करें” पर क्लिक आवेदन कर सकते हैं।