Teacher Training Course News: NCTE का बड़ा फैसला, अब B.Ed कॉलेजों में भी होंगे BA-BSc-BCom कोर्स

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Teacher Training Course News: NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) ने एक नई गाइडलाइन जारी की है। जारी किये गए नोटिस के अनुसार अब देश के टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों में BA, BSc, BCom जैसे सामान्य ग्रेजुएशन कोर्स भी पढ़ाए जा सकेंगे। साथ ही, इंटीग्रेटेड कोर्स जैसे BA B.Ed, BSc B.Ed, BCom B.Ed भी शुरू किए जाएंगे। क्या है इस नए गाइडलाइन का पूरा मामला आइए जानतें हैं इस आर्टिकल में तो अंत तक बने रहें।

जैसा की आपको पता होगा की आज से पहले अब तक अधिकतर टीचर ट्रेनिंग कॉलेज केवल B.Ed या D.El.Ed जैसे पाठ्यक्रम ही चलाते थे। नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार, शिक्षा को अब बहुविषयक (Multi-Disciplinary) बनाना जरूरी है। इसलिए NCTE ने निर्देश दिए हैं कि हर टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट को दो और नए UG कोर्स शुरू करने होंगे।

NCTE की नई गाइडलाइन को नहीं माने तो क्या होगा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ जो संस्थान इन NCTE द्वारा लाए गए इस नए बदलावों को नहीं अपनाएंगे, उन्हें नजदीकी मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेज में मर्ज कर दिया जाएगा। यानी वे अपनी पहचान खो सकते हैं और किसी बड़े कॉलेज का हिस्सा बन जाएंगे। इससे लिए संस्थान को इस नए नियम का पालन करना अनिवार्य है।

ये Interdisciplinary का क्या मतलब है

अब काफी लोगों को ये वर्ड ‘Interdisciplinary’ नया लगता है इसका मतलब है अंतःविषयक। विस्तारपूर्वक समझतें हैं इसका मतलब एक ऐसा कोर्स जिसमें दो या दो से ज्यादा विषयों को मिलाकर पढ़ाया जाता है। जैसे – BA (हिस्ट्री) + B.Ed या BSc (मैथ्स) + B.Ed।

इस नए कोर्स की काफी साड़ी खास बातें हैं जैसे की संस्थानों को कम से कम 64 क्रेडिट वाले नए यूजी कोर्स शुरू करने होंगे। कोर्स में डिसिप्लिनरी और इंटरडिसिप्लिनरी दोनों कंपोनेंट शामिल होंगे। यह कोर्सेस UGC रेगुलेशंस के अनुसार तैयार किए जाएंगे। जिन संस्थानों के पास अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर है, वे चाहें तो: BA, BSc, BCom के साथ-साथ। BA B.Ed, BSc B.Ed, BCom B.Ed जैसे इंटीग्रेटेड कोर्स भी चला सकते हैं। जो कॉलेज मर्ज होंगे, वे भी ये कोर्स शुरू कर सकेंगे, बशर्ते उनके पास एजुकेशन डिपार्टमेंट हो।

ITEP प्रोग्राम क्या है और कहाँ चल रहा है

ITEP (Integrated Teacher Education Programme) एक 4 वर्षीय कोर्स है जिसमें ग्रेजुएशन + B.Ed एक साथ होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अब यह कोर्स कई IITs में भी शुरू हो चुका है। इसका मकसद है – बेहतर टीचर तैयार करना जो रिसर्च और इनोवेशन में भी दक्ष हों।

इस नए गाइडलाइन के वजह से रिसर्च और इंडस्ट्री को भी मिलेगा महत्व। अब केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि छात्रों को इंडस्ट्री से जोड़ा जाएगा। रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा और कोर्स को मल्टी स्किल्ड और रोजगार-उन्मुख बनाया जाएगा।

पूरे भारत में इस समय करीब 15,500 टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स हैं। इनमें से ज्यादातर सिर्फ B.Ed जैसे कोर्स चलाते हैं। अब इन्हें मल्टी-डिसिप्लिनरी बनना होगा।

प्रो. पंकज अरोड़ा (NCTE चेयरमैन) ने कहा: “अब संस्थान सिर्फ एक या दो कोर्स तक सीमित नहीं रहेंगे।” “उन्हें कई विषयों को पढ़ाने की अनुमति मिलेगी।” “यह कदम शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा बदलाव है।”

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