Bank Loan Fraud Case: यूको बैंक स्कैम में कुल 6200 करोड़ के घोटाले, Ex-CMD गिरफ्तार

Bank Loan Fraud Case

Bank Loan Fraud Case: नई दिल्ली, दिन प्रतिदिन बैंक में घोटाले के न्यूज़ बढ़ते ही जा रहे हैं ऐसा लग रहा है की पैसा अब बैंक में भी सुरक्षित नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 16 मई 2025 को यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) सुबोध कुमार गोयल को मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) के मामले में गिरफ्तार किया है। यह मामला 6200 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक लोन घोटाले से जुड़ा है। इस घोटाले का संबंध कोलकाता की एक कंपनी – कॉन्कास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (Concast Steel and Power Limited – CSPL) और उसके संबंधित लोगों से है।

ED ने बताया कि गोयल को दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें 17 मई 2025 को कोलकाता की PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून) कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 21 मई तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया गया।

यूको बैंक स्कैम का पूरा मामला क्या है

यह मामला पहले CBI द्वारा दर्ज की गई FIR पर आधारित है। इस एफआईआर में कहा गया है कि यूको बैंक ने जब सुबोध गोयल CMD थे, तब कॉन्कास्ट स्टील को बड़ी रकम के लोन (कर्ज) दिए गए थे। इस लोन की रकम लगभग ₹6210.72 करोड़ (ब्याज को छोड़कर मूल राशि) थी। बाद में जांच में पाया गया कि यह पैसा कंपनी द्वारा अपने असली कामों के बजाय गलत कामों में लगाया गया, यानी पैसे को इधर-उधर घुमा कर निकाल लिया गया।

ED द्वारा लगाए गए आरोप कुछ इस प्रकार

ED का कहना है कि सुबोध गोयल के कार्यकाल के दौरान: यूको बैंक से CSPL को बड़े पैमाने पर लोन मंजूर किए गए। इन लोन को बाद में गलत तरीके से घुमा-फिराकर निकाल लिया गया। इसके बदले में सुबोध गोयल को कंपनी की तरफ से अवैध फायदा (घूस) दिया गया।

कैसे छिपाए गए कुल 6200 करोड़

ED के अनुसार, गोयल को मिली ये घूस सीधी नहीं दी गई, बल्कि: कई फर्जी कंपनियों, नकली लोगों और उनके परिवार के सदस्यों के जरिए पैसे और संपत्ति दी गई। उन्हें नकद, कीमती संपत्तियाँ, महंगे सामान, होटल बुकिंग्स आदि के रूप में ये लाभ मिले। इन सभी चीजों को कानूनी रूप देने के लिए पेचीदा तरीके अपनाए गए ताकि ये न लगे कि यह पैसा घूस का है।

जांच के दौरान यह सब कुछ सामने आया

गोयल और उनके परिवार के नाम पर कई संपत्तियाँ खरीदी गईं, जो कि फर्जी कंपनियों के ज़रिए ली गईं। ये कंपनियाँ सिर्फ दिखावे के लिए थीं और असल में इन्हें गोयल और उनके परिवार वाले ही नियंत्रित करते थे। इन कंपनियों के पैसे का स्रोत भी वही CSPL है, जिसे लोन दिया गया था।

इस बन सकाम मामले में और कौन फंसा है

CSPL के प्रमोटर संजय सुरेका को ED ने पहले ही दिसंबर 2024 में गिरफ्तार कर लिया था। फरवरी 2025 में इस केस में चार्जशीट (आरोप पत्र) भी कोलकाता की कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है। सुरेका और उनकी कंपनी की ₹510 करोड़ की संपत्तियाँ पहले ही ED द्वारा जब्त की जा चुकी हैं।

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