BED Course New Guideline News: जितने भी छात्र B.Ed कोर्स करने की सोच रहे थे उनके लिए महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है जरूर पढ़ें। अगर आप बीएड यानी कि बैचलर ऑफ़ एजुकेशन कोर्स करने वाले हैं तो आपको बता दें कि NCTE यानी कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की B.Ed कोर्स को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है।
नई गाइडलाइन के अनुसार अब से बीएड कोर्स केवल उन कॉलेज में पढ़ाया जाएगा जो की मल्टी-डिसिप्लिनरी संस्थान होंगे। मल्टी-डिसिप्लिनरी यानी की वो कॉलेज अर्थात जहाँ कई विषयों के कोर्स एक साथ होते हैं। क्या है पूरा मामला इस नए नियम को लागू करने का वजह क्या है पूरी जानकारी आपको इस लेख में बताई गई है अंत तक बने रहे।
देश के 15000 से ज्यादा कॉलेज होंगे मर्ज
गाइडलाइन के मुताबिक ऐसे जितने भी B.Ed कॉलेज जो अकेले चलते थे अब उन्हें पास ही के किसी बड़े डिग्री कॉलेज के साथ मिलना यानी कि मर्ज किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक देशभर में तकरीबन 15000 से ज्यादा ऐसे B.ED कॉलेज है जो अकेले चलते हैं, नए नियम के बाद अब उन्हें किसी डिग्री कॉलेज के साथ मिलाया जाएगा।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने साफ-साफ यह कहा है कि अकेले चलने वाले बेड कॉलेज को अनुमति अब से नहीं मिलेगी अगर उनके अगल-बगल के तकरीबन 10 किलोमीटर के दायरे में कोई बड़ा डिग्री कॉलेज है तो, नियम के मुताबिक़ 10 किलोमीटर के दायरे के अंदर कोई भी डिग्री कॉलेज के साथ उस अकेले चलते हुए बीएड कॉलेज पर मर्ज किया जाएगा।
कब से लागू होगा ये नया नियम
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने इस नई व्यवस्था को 2025 से शुरू करने का ऐलान किया है। कभी भी शुरू किया जा सकता है। उन्होंने आदेश दिया है कि 2030 तक सभी कॉलेजों को मल्टी डिसीप्लिनरी संस्था बने हुए देखना चाहते हैं। नए नियम के मुताबिक अब B.Ed कोर्स में हर कोर्स में केवल 50 छात्रों को ही एडमिशन दिया जाएगा। यानी की पहलेकी जो बीएड कोर्स में काफी छात्र एक साथ एडमिशन ले लेते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है मात्र 50 छात्रों को ही एडमिशन दिया जाएगा। यह नियम इसलिए उठाया गया है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और छात्रों का कैरियर बनाया जा सकता है।
छोटे कॉलेजों को मिली राहत
आपको बता दें कि जो भी B.Ed कॉलेज मर्ज होंगे वह अब बड़े डिग्री कॉलेज के साथ अपना बिल्डिंग, शिक्षक और संसाधनों का सजा उपयोग करेंगे। इस नए नियम के लागू होने के बाद कॉलेज का खर्चा कम हो जाएगा और स्टूडेंट को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मिलेगी। जो छोटे बीएड कॉलेज थे जो आर्थिक तंगी के कारण कभी भी बंद होने के कगार पर तेन, अब इस मार्जिन सिस्टम से उन्हें काफी राहत मिलेगा।
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