Contract Teacher Restoration: बड़ी खबर सामने आ रही है शिक्षा विभाग की तरफ से, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ टीएमबीयू (भागलपुर विश्वविद्यालय) में शिक्षकों की नई बहाली और अन्य बड़े फैसले लिए गएँ। क्या है पूरा मामला कौन कौन से बड़े फैसले लिए गए हैं पूरी जानकारी विस्तारपूवर्क यहाँ देखें।
बिहार राज्य के तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) में CBCS कोर्स के लिए अलग-अलग विषयों में संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। आपको बता दें की यह बहाली विश्वविद्यालय के स्तर पर होने वही है, यानि कॉलेज स्तर नहीं। रिपोर्ट के अनुसार संविदा शिक्षक वाला बड़ा फैसला राजभवन में हुई बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने की। इसके बारे में और भी जानकारी मौजुदी है आगे पढ़ें।
बैठक में बड़े बड़े हस्ती मौजूद थें
आपको बता दें की यह फैसला शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल, और प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति इस बैठक में शामिल हुए। इन सभी बड़े बड़े हस्तियों के अंतर्गत लिया गया है यह फैसला।
फ़ैसला लेते हुए कुलाधिपति ने कहा कि 75% उपस्थिति कॉलेज और विभागों में अनिवार्य रूप से लागू हो। टीएमबीयू के कुलपति ने बताया कि यह नियम पीजी विभागों में लागू है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त क्लासेस ली जाती हैं। कॉलेज स्तर पर भी इस नियम को सख्ती से लागू करने की तैयारी होगी।
बैठक में शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठा
बैठक में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे भी उठाए गए जैसे की विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की संख्या कम होने की बात कही गई। मांग की गई कि पुराने अनुसार ही पदों की संख्या तय की जाए। शिक्षा विभाग ने समर्थ पोर्टल को पूरी तरह लागू करने का निर्देश दिया है। इसके लिए विश्वविद्यालय में IT सेल बनाए जाने की बात भी हुई।
उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भेजने का निर्देश
विश्वविद्यालय को सरकार से मिली राशि के खर्च का प्रमाण पत्र (Utilization Certificate) समय पर भेजने को कहा गया। यदि समय पर प्रमाणपत्र भेजे गए तो अन्य बजट मदों की राशि भी समय से मिलेगी। कन्या उत्थान योजना के तहत छात्राओं की लंबित राशि को 10-15 दिनों में जारी करने की बात कही गई।
हॉस्टलों की समस्या पर चिंता: कई विश्वविद्यालयों के हॉस्टलों पर अवैध कब्जा होने की बात सामने आई। कुलाधिपति ने निर्देश दिया कि अवैध कब्जों को जल्द हटाया जाए, और इसके लिए जिला व पुलिस प्रशासन की मदद ली जाए ताकि वैध छात्रों को जगह मिल सके।
विश्वविद्यालय की जमीन पर कब्जे की शिकायत
एसएम कॉलेज सहित कई जगहों पर भूमि अतिक्रमण की शिकायत आई। शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को कहा कि जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज जमा करें। ताकि आगे इसपर सरकारी स्तर से कार्रवाई की जा सके।
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