UP Contract Employees Regularization: उत्तर प्रदेश सरकार ने तमाम संविदा कर्मचारियों और अस्थाई कर्मचारियों के लिए लिया बड़ा फैसला। राज्य सरकार ने ऐलान किया है जितने भी संविदा और अस्थाई कर्मचारी जो कॉविड काल से काम कर रहे हैं उनका अब समायोजन यानी कि Regularization किया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि जितने भी संविदा कर्मचारी जो कॉविड काल से काम कर रहे हैं अब उनको स्थाई यानी की पक्की नौकरी का मौका दिया जाएगा। क्या है यह पूरा मामला आइए जानते हैं इस पोस्ट के माध्यम से आपसे अनुरोध है कि इस लेख के साथ अंत तक बन रहे।
ये समायोजन का क्या मतलब होता है
आप में से काफी लोग सोच रहे होंगे कि यह समायोजन का मतलब क्या होता है। समायोजन का मतलब एक प्रक्रिया है जिसके तहत संविदा कर्मचारियों को सरकारी व्यवस्था में शामिल किया जाता है। जितने भी संविदा या अस्थाई कर्मचारी थे उनका समायोजन के तहत स्थाई यानी की पक्की नौकरी में शामिल किया जाएगा। उनसे दोबारा काम लिया जाएगा और इन्हें स्थाई कर्मचारियों की तरह सुविधा दी जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी यानी कि CMO को इसके बारे में पत्र भेज दिया गया है जल्द से जल्द इस समायोजन पर कार्रवाई करने को कहा गया है।
इससे किन किन कर्मचारियों को फायदा होगा
चलिए अब बताते हैं कि यह समायोजन से किन-किन संविदा कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। जो कर्मचारी कोरोना महामारी के समय से संविदा, अस्थाई या आउटसोर्स पर काम कर रहे थे उनको पक्की नौकरी का मौका मिलेगा। जो कर्मचारी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्वास्थ्य विभाग, अस्पताल या किसी अन्य इकाई में काम कर रहे थे उनको भी पक्की नौकरी का मौका मिलेगा। बता दे कि इससे पहले 1834 कर्मचारियों का समायोजन हो चुका है यानि की उनकी नौकरी पक्की हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब 676 कर्मचारियों को स्थाई करने का आदेश जारी किया जाए।
कुल 8 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के लिए बना है यह निगम
मीडिया रिपोर्ट से मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने एक निगम का संगठन किया है जिसका नाम है “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” यह निगम तकरीबन 8,30,000 संविदा कर्मचारियों के लिए बनाया गया है। इस निगम का मुख्य काम है इन सभी आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती करना इनका वेतन और उनके सारे सुविधाओं पर नजर रखना। इस निगम के लागू होने के बाद आउटसोर्स कर्मचारी को मिलने वाली सैलरी 18000 प्रति महीना से लेकर ₹25000 प्रति महीना तक कर दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आउटसोर्स निगम को जल्दी कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी मिल सकती है। मंजूरी मिलने के बाद कर्मचारियों को नई-नई सुविधा मिले शुरू हो जाएगी।
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