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  • SBI Personal Loan: एसबीआई से लोन लेना हुआ और आसान, तुरंत पाएं 2.5 लाख का इंस्टेंट लोन

    SBI Personal Loan: एसबीआई से लोन लेना हुआ और आसान, तुरंत पाएं 2.5 लाख का इंस्टेंट लोन

    SBI Personal Loan: आज के इस युग में पैसे की तत्काल जरूरत कभी की किसी को भी हो सकती है। इसलिए आपको पता होना चाहिए की कभी आपको इंस्टेंट लोन की आवश्यकता पड़ी तो आप कहां से कैसे और कितना लोन ले सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं कि आप स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया यानी कि एसबीआई से इंस्टेंट लोन कैसे ले सकते हैं ध्यान पूर्वक अंत तक पढ़े।

    SBI (State Bank of India) को देश का सबसे भरोसेमंद और सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। अगर आपको शादी, शिक्षा, मेडिकल खर्च, घर की मरम्मत, यात्रा या किसी अन्य जरूरी काम के लिए तत्काल पैसे की जरूरत है, तो SBI का पर्सनल लोन आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आपको बता दें की इस SBI लोन की सबसे खास बात ये है कि इसके लिए आपको कोई कोलैटरल (जमानत) देने की जरूरत नहीं होती।

    कितने तक का लोन मिल सकता है

    देखें अगर आपको स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से पर्सनल लोन चाहिए तो आप ₹2.5 लाख से लेकर ₹35 लाख तक का पर्सनल लोन लें सकतें हैं। अगर आपको ₹35 लाख से ज्यादा की धन राशि चाहिए, तो SBI के पास कुछ स्पेशल लोन ऑप्शन भी उपलब्ध हैं। जो की आपको स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के बरंच में ही जाकर पता चलेगा।

    SBI के इस पर्सनल लोन में आपको फ्लेक्सिबल रीपेमेंट का भी विकल्प मिलता हैं, यानी आप अपनी सुविधा के अनुसार लोन चुकाने की अवधि चुन सकते हैं। ये इस लोन की सबसे ख़ास बात है।

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    SBI Personal लोन लेने के तरीके

    YONO ऐप से ऑनलाइन आवेदन कैसे करें

    SBI का YONO ऐप एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिससे आप घर बैठे लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं:

    • सबसे पहले YONO ऐप में लॉग इन करें।
    • होम पेज पर आपको ‘Loans’ सेक्शन में जाकर ‘Personal Loan’ को क्लिक करें।
    • अब आपको अपनी एलिजिबिलिटी (पात्रता) को जाँचना है।
    • पर्सनल लोन की राशि और समय अवधि (Tenure) ध्यानपूर्वक चुनें।
    • उसके बाद OTP वेरिफिकेशन करें और आवेदन पूरा करें।
    • अगर लोन अप्रूव हो जाता है, तो रकम तुरंत आपके बैंक खाते में आ जाती है।

    लोन के लिए ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया

    अगर आप डिजिटल प्रक्रिया में सहज नहीं हैं, तो आप सीधे नजदीकी SBI ब्रांच जाकर भी आवेदन कर सकते हैं। सबसे पहले SBI बैंक में जाकर किसी अधिकारी से मिलें। अपनी आवश्यकता बताएं और एलिजिबिलिटी की जानकारी लें। लोन आवेदन फॉर्म भरें। जरूरी दस्तावेज जमा करें। वेरिफिकेशन के बाद लोन अप्रूव हो सकता है।

    कौन कौन ले सकता है ये SBI पर्सनल लोन

    चलिए अब जानतें हैं की कौन कौन SBI से पर्सनल लोन ले सकता है। सबसे पहले तो आपकी न्यूनतम मासिक आय ₹15,000 होनी चाहिए, इससे कम वालों को नहीं मिलेगा। आपने कम से कम 1 साल तक किसी नौकरी या सेवा में लगातार काम किया हो तभी आपका लोन अप्प्रोवे होगा। अगर आपका SBI में सैलरी अकाउंट है, तो आपको लोन लेने की प्रक्रिया और भी आसान हो जाती है क्योंकि डॉक्युमेंटेशन कम होता है। अलग-अलग व्यक्ति की स्थिति के अनुसार पात्रता के नियम बदल सकते हैं। इसके लिए आप SBI की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी ब्रांच से पता कर सकतें हैं।

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    महत्वपूर्ण दस्तावेज के नाम

    • 1. पहचान पत्र (Identity Proof): आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस
    • 2. पता प्रमाण पत्र (Address Proof): बिजली का बिल, राशन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट
    • 3. आय प्रमाण पत्र (Income Proof): नवीनतम सैलरी स्लिप
    • फॉर्म 16
    • बैंक स्टेटमेंट

    निष्कर्ष

    स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया हर भारतियों के लिए एक भरोसेमंद और सुविधाजनक विकल्प है। बात जब लोन लेने की आती है तो पेर्सनली मुझे SBI से बेहतर कोई बैंक नहीं लगता है। इस आर्टिकल में हमने आपको बताया है की अगर आपको कभी भी आपातकालीन स्थिति में पर्सनल लोन लेने की आवश्यकता पड़ी तो आपको बेझिझक स्टेट बैंक आफ इंडिया से 2.5 लाख से लेकर 35 लाख तक का पर्सनल लोन लें सकतें हैं। पर्सनल लोन या बैंक से जुड़ी कोई भी जानकारी चाहिए तो आप अपने नजदीकी स्टेट बैंक आफ इंडिया का केंद्र में जाएं ऑनलाइन किसी भी आर्टिकल या चीज पर भरोसा ना करें।

  • B.Ed Course Rules Change News: बीएड कोर्स में बड़ा बदलाव, NCTE की नई गाइडलाइन जारी

    B.Ed Course Rules Change News: बीएड कोर्स में बड़ा बदलाव, NCTE की नई गाइडलाइन जारी

    B.Ed Course Rules Change News: शिक्षक बनने के लिए जो भी छात्र तैयारी कर रहें हैं उनके लिए महत्वपूर्ण अपडेट है जरूर पढ़ें। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने बीएड (B.Ed) कोर्स को लेकर नए नियम और दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब बीएड की पढ़ाई के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं ताकि शिक्षा का स्तर सुधरे और छात्रों को ज्यादा फायदा मिले। अब से B.Ed की पढ़ाई सिर्फ मल्टी-डिसीप्लिनरी कॉलेज में ही होगी।

    राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के द्वारा लाए गए नए नियमों के मुताबिक अब अकेले बीएड कराने वाले कॉलेज (Single B.Ed College) को अनुमति नहीं मिलेगी। अब बीएड कोर्स केवल मल्टी-डिसीप्लिनरी कॉलेज में ही करवाया जा सकेगा। यानी ऐसा कॉलेज जहां बीएड के साथ-साथ अन्य डिग्री कोर्स (जैसे बीए, बीएससी, बीकॉम आदि) भी चल रहे हों। चलिए जानतें हैं इस बदलाव के बारे में पूरी जानकारी, अनुरोध है की इस लेख के साथ अंतिम तक बने रहें।

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    B.Ed Course Rules Change News

    जिन बीएड कॉलेजों की दूरी 3 से 10 किलोमीटर के अंदर है, उन्हें अब पास के किसी बड़े डिग्री कॉलेज में मिला (Merge) दिया जाएगा। ऐसे कॉलेज अब खुद से अकेले बीएड की पढ़ाई नहीं करवा पाएंगे, बल्कि उन्हें किसी और कॉलेज के साथ मिलकर काम करना होगा। पूरे भारत में लगभग 15,000 से ज्यादा बीएड कॉलेज हैं।

    राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की नई योजना है कि सभी कॉलेजों को साल 2030 तक मल्टी-डिसीप्लिनरी कॉलेजों में बदला जाए, ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने यह फैसला छात्रों के हित के लिए किया गया है।

    इतने छात्रों को मिलेगा एडमिशन

    एडमिशन को लेकर भी बड़े बदलाव किये गए हैं। अब हर बीएड कोर्स में 50 छात्रों को ही दाखिला दिया जाएगा। इससे पढ़ाई की गुणवत्ता बनी रहेगी और शिक्षकों पर काम का बोझ भी कम होगा। इन नए नियम के तहत B.Ed कॉलेजों को मिली थोड़ी राहत, जो बीएड कॉलेज बंद होने की कगार पर हैं, या जिनके पास पर्याप्त छात्र और संसाधन नहीं हैं — उनके लिए एक विकल्प रखा गया है।

    ऐसे कॉलेज अपने आसपास के किसी बड़े कॉलेज के साथ मिलकर बीएड की पढ़ाई को जारी रख सकते हैं। इसके लिए दोनों कॉलेजों को आपसी समझौता (Agreement) करना होगा, और फिर वे एक-दूसरे के संसाधनों जैसे शिक्षक, भवन, पुस्तकालय आदि का साझा उपयोग कर सकेंगे।

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    आखिर इस बदलाव का मकसद क्या है

    राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के द्वारा इस बदलाव का सीधा सीधा मतलब है शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना। ऐसे कॉलेज जो केवल बीएड कोर्स चला रहे थे और बाकी किसी डिग्री की पढ़ाई नहीं होती थी, उन्हें मल्टी-डिसीप्लिनरी बनाना। छात्रों को बेहतर शैक्षिक माहौल देना, ताकि वे सिर्फ डिग्री न लें बल्कि व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त करें। ऐसे छोटे कॉलेज जो आर्थिक कारणों से बंद हो सकते हैं, उन्हें बचाने के लिए उन्हें बड़े कॉलेजों से जोड़ना।

  • EPFO New Rules: 5 बड़े बदलाव जो अभी EPFO खाताधारकों को जानना जरुरी है

    EPFO New Rules: 5 बड़े बदलाव जो अभी EPFO खाताधारकों को जानना जरुरी है

    EPFO New Rules: जितने भी EPFO खाताधारक हैं उनके लिए महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है, EPFO के नियम में कुछ बड़े बड़े बदलाव किये गए हैं जो आपको पता होना आवश्यक है। EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) में इस समय पूरे भारत देश में करीब 7 करोड़ से ज्यादा लोग इसके मेंबर बन चुके है। अब EPFO की कोशिश है कि इसका पूरा कामकाज कागज़ रहित (पेपरलेस) और पूरी तरह डिजिटल हो जाए।

    मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 2025 की शुरुआत से EPFO ने कुछ ऐसे नए नियम लागू किए हैं, जो नौकरीपेशा लोगों और पेंशनर्स के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं। अब PF (भविष्य निधि), पेंशन और प्रोफाइल अपडेट जैसे काम जिसमे पहले काफी दिन लगतें थें अब पहले से ज़्यादा आसान, तेज और ऑनलाइन हो गए हैं। खासकर जिन लोगों का UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) आधार से लिंक है, उन्हें ज्यादा सुविधा होगी। इस लेख में हमने आपको EPFO द्वारा किये गए 5 सबसे बड़े बदलावों के बारे में बताया है, आपसे अनुरोध है की अंत तक बने रहें।

    प्रोफाइल अपडेट करना हुआ पहले से आसान

    पहले EPFO में प्रोफाइल अपडेट करने में काफी समय लगता था लें अब EPFO में अपनी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे की आपका नाम, जन्म तिथि, लिंग (जेंडर), राष्ट्रीयता, आपके माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति, जीवनसाथी का नाम, नौकरी शुरू करने की तारीख अब सब कुछ अपडेट बिना कोई डॉक्यूमेंट अपलोड किए सीधे ऑनलाइन केवल एक मिनट में हो सकता है। बस आपका UAN आधार से लिंक होना चाहिए।

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    2. नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर पहले से काफी आसान

    नए निये लागू होने से पहले जब आप नौकरी बदलते थे, तो PF ट्रांसफर करने के लिए पुराने या नए ऑफिस की मंजूरी लेनी पड़ती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है 15 जनवरी 2025 से यह ज़रूरत खत्म हो गई है। अब अधिकतर मामलों में PF अपने आप आपके नए अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा वो भी बिना किसी मंजूरी के एकदुम झंझट ही ख़त्म हो चूका है।

    3. UAN और जॉइंट दस्तावेज फॉर्म अब होगा ऑनलाइन

    16 जनवरी 2025 से EPFO ने जॉइंट डिक्लेरेशन फॉर्म को भी पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। अगर आपका UAN आधार से जुड़ा हुआ है, तो आप यह फॉर्म अब ऑनलाइन भर सकते हैं। लेकिन अगर: UAN अभी तक बना ही नहीं है, आधार लिंक नहीं है, या कर्मचारी की मृत्यु हो चुकी है, तो इस केस में आपको फॉर्म हाथ से भरकर जमा करना ज़रूरी होगा।

    4. पेंशन पेमेंट के लिए नया सिस्टम लागू

    चौथा निया कुछ इस प्रकार है, 1 जनवरी 2025 से EPFO ने Centralized Pension Payment System (CPPS) शुरू किया गया है। अब जितने भी पेंशन भोगी हैं उनका पेंशन अब सीधे आपके बैंक खाते में भेजा जायेगा वह भी किसी प्रकार के बैंक में, बिना देरी के। पहले PPO (पेंशन ऑर्डर) को एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस भेजा जाता था जिससे देरी होती थी और पेंशन भोगी को काफी दिक्कत का सामना करना पढ़ता था। अब PPO को भी UAN से लिंक किया जाएगा ताकि Digital Life Certificate (जीवन प्रमाण पत्र) ऑनलाइन जमा करना आसान हो जाए।

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    5. ज्यादा सैलरी पर पेंशन का तरीका अब बिलकुल साफ

    जिनकी सैलरी EPFO की तय सीमा से ज्यादा है और वो इस पूरी सैलरी पर पेंशन चाहते हैं, उनके लिए अब नियम साफ कर दिए गए हैं। उन्हें अतिरिक्त (extra) योगदान देना होगा। जिन कंपनियों के पास अपना निजी PF ट्रस्ट है, उन्हें भी अब EPFO जैसा ही सिस्टम अपनाना होगा। पैसे की कटौती और भुगतान अब एक नए पारदर्शी और ट्रैकिंग योग्य सिस्टम से होगा।

    EPFO अब हो गया है पूरी तरह डिजिटल: इन सारे बदलावों से यह साफ हो गया है कि EPFO अब एक मॉडर्न और डिजिटल सिस्टम बन चुका है। अब ना तो फॉर्म भरने की झंझट है, ना बार-बार ऑफिस जाने की ज़रूरत, और ना ही काम में देरी।

  • UP Student Scholarship Good News: छात्रों को अब साल में दो बार मिलेगा स्कालरशिप पूरा अपडेट यहाँ देखें

    UP Student Scholarship Good News: छात्रों को अब साल में दो बार मिलेगा स्कालरशिप पूरा अपडेट यहाँ देखें

    UP Student Scholarship Good News: उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट है। उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों की सुविधा के लिए स्कॉलरशिप योजना में कुछ बड़े बड़े बदलाव किए हैं। अब ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को पहले से बेहतर और आसान तरीके से स्कॉलरशिप मिलेगी।

    आपको बता दें की पहले छात्रों को पूरे साल की स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति (Reimbursement) एक बार में मिलती थी। यानी पूरे साल का पैसा एक साथ। इस प्रक्रिया में छात्रों को कई परेशानियाँ होती थीं। पैसा देर से मिलने के कारण कॉलेज की फीस भरने में दिक्कत आती थी। लेकिन अब ऐसे नहीं है नियम में अहम बदलाव हुए हैं क्या है बदलाव, कैसे कैसे फायदा मिलेगा पूरी जानकारी निचे दी गई है। अंत तक बने रहें।

    नियम में ये बदलाव क्यों हुआ है

    अब स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति हर सेमेस्टर के आधार पर दी जाएगी। मतलब, एक साल में दो बार – एक बार हर सेमेस्टर के बाद छात्र को स्कॉलरशिप और फीस की रकम मिलेगी।

    इस नियम को लागूं करने के बाद छात्रों को कुछ इस प्रकार फायदा मिलेगा। नए नियम के बाद अब छात्रों को समय पर पैसे मिलेंगे। कॉलेज की फीस जमा करने में आसानी होगी। पढ़ाई के दौरान आर्थिक बोझ कम होगा। छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ने से बचेंगे।

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    बदलाव किसने किया और नया नियम काम कैसे करेगा

    यह बदलाव उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मिलकर किया है। इनका मकसद है कि स्कॉलरशिप देने की प्रक्रिया पारदर्शी और सरल होना चाहिए, छात्रों को फायदा देने के वजय निकसान न देखना पड़े।

    अब जानतें हैं की ये नए नियम कैसे काम करेंगे? अब छात्रों को हर सेमेस्टर में स्कॉलरशिप दी जाएगी। छात्रों को साल में दो बार फीस की प्रतिपूर्ति भी मिलेगी। इससे छात्रों को पढ़ाई के बीच में फाइनेंशियल तनाव नहीं होगा। पहले पोर्टल सिर्फ कुछ महीने ही खुलता था, लेकिन नया नियम के बाद स्कॉलरशिप पोर्टल साल भर खुला रहेगा। ऑफिशल वेबसाइट सालों भर खुला रहने के कारण अगर कोई छात्र किसी कारणवश स्कॉलरशिप में आवेदन नहीं कर पाया तो वह बाद में भी आवेदन कर सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने या फैसला छात्र के हित के लिए किया है।

    हाजिरी (Attendance) का भी नया तरीका

    अब छात्र की उपस्थिति यानी हाजिरी की जांच फेस रिकग्निशन (चेहरे की पहचान) से होगी। इसका मतलब है कि छात्र को कॉलेज में हाजिरी के समय अपना चेहरा दिखाना होगा। उसी से यह तय होगा कि वह छात्र कॉलेज में आया है या नहीं।

    छात्र की जानकारी अब तकनीकी तरीके से जाँची जाएगी। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा और सच्चे छात्रों को ही स्कॉलरशिप मिलेगी। छात्रों की मदद के लिए बनी कमेटी, सरकार ने एक विशेष कमेटी बनाई है। यह कमेटी छात्रों से जुड़ी समस्याओं को समझेगी और उनका समाधान बताएगी।

    नए कमेटी का काम होगा: छात्रों की समस्याएं सुनना, स्कॉलरशिप प्रक्रिया को आसान बनाना, समय पर पैसे दिलाना, मोबाइल ऐप से कर सकेंगे आवेदन, अब छात्र स्कॉलरशिप के लिए मोबाइल ऐप से भी आवेदन कर सकेंगे। इससे उन्हें साइबर कैफे या लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी।

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  • Bank Loan Fraud Case: यूको बैंक स्कैम में कुल 6200 करोड़ के घोटाले, Ex-CMD गिरफ्तार

    Bank Loan Fraud Case: यूको बैंक स्कैम में कुल 6200 करोड़ के घोटाले, Ex-CMD गिरफ्तार

    Bank Loan Fraud Case: नई दिल्ली, दिन प्रतिदिन बैंक में घोटाले के न्यूज़ बढ़ते ही जा रहे हैं ऐसा लग रहा है की पैसा अब बैंक में भी सुरक्षित नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 16 मई 2025 को यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) सुबोध कुमार गोयल को मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) के मामले में गिरफ्तार किया है। यह मामला 6200 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक लोन घोटाले से जुड़ा है। इस घोटाले का संबंध कोलकाता की एक कंपनी – कॉन्कास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (Concast Steel and Power Limited – CSPL) और उसके संबंधित लोगों से है।

    ED ने बताया कि गोयल को दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें 17 मई 2025 को कोलकाता की PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून) कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 21 मई तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया गया।

    यूको बैंक स्कैम का पूरा मामला क्या है

    यह मामला पहले CBI द्वारा दर्ज की गई FIR पर आधारित है। इस एफआईआर में कहा गया है कि यूको बैंक ने जब सुबोध गोयल CMD थे, तब कॉन्कास्ट स्टील को बड़ी रकम के लोन (कर्ज) दिए गए थे। इस लोन की रकम लगभग ₹6210.72 करोड़ (ब्याज को छोड़कर मूल राशि) थी। बाद में जांच में पाया गया कि यह पैसा कंपनी द्वारा अपने असली कामों के बजाय गलत कामों में लगाया गया, यानी पैसे को इधर-उधर घुमा कर निकाल लिया गया।

    ED द्वारा लगाए गए आरोप कुछ इस प्रकार

    ED का कहना है कि सुबोध गोयल के कार्यकाल के दौरान: यूको बैंक से CSPL को बड़े पैमाने पर लोन मंजूर किए गए। इन लोन को बाद में गलत तरीके से घुमा-फिराकर निकाल लिया गया। इसके बदले में सुबोध गोयल को कंपनी की तरफ से अवैध फायदा (घूस) दिया गया।

    कैसे छिपाए गए कुल 6200 करोड़

    ED के अनुसार, गोयल को मिली ये घूस सीधी नहीं दी गई, बल्कि: कई फर्जी कंपनियों, नकली लोगों और उनके परिवार के सदस्यों के जरिए पैसे और संपत्ति दी गई। उन्हें नकद, कीमती संपत्तियाँ, महंगे सामान, होटल बुकिंग्स आदि के रूप में ये लाभ मिले। इन सभी चीजों को कानूनी रूप देने के लिए पेचीदा तरीके अपनाए गए ताकि ये न लगे कि यह पैसा घूस का है।

    जांच के दौरान यह सब कुछ सामने आया

    गोयल और उनके परिवार के नाम पर कई संपत्तियाँ खरीदी गईं, जो कि फर्जी कंपनियों के ज़रिए ली गईं। ये कंपनियाँ सिर्फ दिखावे के लिए थीं और असल में इन्हें गोयल और उनके परिवार वाले ही नियंत्रित करते थे। इन कंपनियों के पैसे का स्रोत भी वही CSPL है, जिसे लोन दिया गया था।

    इस बन सकाम मामले में और कौन फंसा है

    CSPL के प्रमोटर संजय सुरेका को ED ने पहले ही दिसंबर 2024 में गिरफ्तार कर लिया था। फरवरी 2025 में इस केस में चार्जशीट (आरोप पत्र) भी कोलकाता की कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है। सुरेका और उनकी कंपनी की ₹510 करोड़ की संपत्तियाँ पहले ही ED द्वारा जब्त की जा चुकी हैं।